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नारद मोह की लीला के साथ शुरू हुआ पिनगवां रामलीला का मंचन -120 साल में पहली बार स्थानीय की बजाये बृज के कलाकरों द्वारा मंचन किया जा रहा है। -मेवात की रामलीयें आपसी भाईचारा की प्रतीक हैं।

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नारद मोह की लीला के साथ शुरू हुआ पिनगवां रामलीला का मंचन
-120 साल में पहली बार स्थानीय की बजाये बृज के कलाकरों द्वारा मंचन किया जा रहा है।
-मेवात की रामलीयें आपसी भाईचारा की प्रतीक हैं।फोटो- श्री रामलीला मंचन में नारद जी और कामदेव संवाद करते हुए।
फोटो-अपसराओं द्वारा नारद जी की तपस्या को भंग करने का एक दृष्य


पिनगवां की रामलीला में बृज के कलाकार मचा रहे है धूम, देखे पूरी vedio स्टोरी।

यूनुस अलवी 

मेवात 
कस्बा पिनगवां के बाग वाले मन्दिर में श्री राधा रमन नाटक मंडल के तत्वाधान में सोमवार रात्री बृज के कलाकारों द्वारा भव्य श्री राम लीला का मंचन किया। रामलीला का शुभारंभ प्राचीन शिव मंदिर कमेटी के सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से रिबन काटकर किया गया वहीं रामलीला कमेटी ने सभी का शॉल उड़ाकर व फूल मालाओं से स्वागत किया।

श्री रामलीला के पहले दिन नारद मोह की लीला का मंचन किया गया। मंचन में दिखाया गया कि जब देव ऋषि नारद हिमालय पर तपस्या कर रहे थे उनकी तपस्या से देवराज इंद्र का सिंहासन हिल गया। देवराज इंद्र ने कामदेव को उनकी तपस्या भंग करने के लिए भेजा लेकिन कामदेव अपने सभी प्रयत्नों के बाद भी नारद मुनि की तपस्या भंग करने में असमर्थ रहे। कामदेव ने अपनी हार मानकर नारद मुनि के सामने अपना सर झुका कर क्षमा मांगी। नारद मुनि ने कामदेव पर विजय के बाद अपनी विजय कथा ब्रह्मा, विष्णु ,शंकर को बताया भगवान विष्णु ने नारद मुनि के अहंकार को तोड़ने के लिए शील निधि की कन्या विश्व मोहनी के स्वयंबर की रचना रचाई।
शादी करने के लिए नारद ने भगवान हरि से उनका स्वरूप मांगा भगवान ने नारद जी को बन्दर का रूप दे दिया जिसे देखकर स्वयंवर में सभी लोग उनकी हंसी उड़ाने लगे तो नारद मुनि ने भगवान विष्णु को श्राप दिया कि जिस तरह हम पत्नी के लिए भटक रहे है। उसी तरह तुम भी पत्नी के लिए भटकोगे और यही बंदर तुम्हारी सहायता करेंगे।

श्री राधा रमन नाटक मंडल के अध्यक्ष शेखर सिंगला ने बताया कि मेवात में करीब 120 साल से रामलीला का आयोजन हो रहा है जिसको हमारे पूर्वज करते आ रहे हैं। स्थानीय कई कलारों की तबीयत ठीक ने होने के कारण इस बार बृज के मथुरा बरेली से श्याम सुंदर एंड पार्टी, राजेश एंड पार्टी के कलाकार बुलाये गये है, रामलीला दशहरे वाले दिन तक चलेगी।
मेवात विकास बोर्ड के सदस्य जसवंत गोयल ने बताया कि रामलीओं के मंचन का मकसद भगवान राम के चरित्र को आम जन तक पहुंचाना है। उन्होने कहा अब से पहले स्थानीय कलाकार ही मंचन करते थे लेकिन वे व्यवसाई नहीं थे, दिन में अपनी रोजी-रोटी कमाते और रात को रामलीला मंचन करते थे। जिससे उनका प्रयाप्त अभ्यास पूरा नहीं हो पाता था। वैसे वे बहुत मेहनत कर अच्छा काम करते थे। लेकिन अब जो बृज के कलाकार हैं वे प्रोफेसनल हैं और मंचन भी अच्छा कर रहे हैं।

प्राचीन शिव मंदिर कमेटी के वरिष्ठ सदस्य हरिओम गोयल ने बताया कि मेवात की रामलीलायें हिंदु-मुस्लिम ऐकता की मिसाल हैं। यहा पर भारी संख्या में दर्षक और रामलीलओं साजिंदे मुस्लिम समाज से होते हैं।
पिछले 37 साल से रामलीला मंचन से जुडे पिनगवां निवासी राजेषर गोयल ने बताया कि उसने 20 साल राम का किरदार, 5 साल हनुमान का रोल किया तथा 12 साल से हास्य कलाकार का रोल करता आ रहा है। उन्होने बताया कि इसबार उसकी व व्यासगद्दी के मालिक अरुण गौतम सहित कई कलाकरों की तबीयत ठीक ना होने के कारण मंचन में भाग नहीं ले रहे है। मंचन में भाग न लेने से मन दुखी हो रहा है क्योंकि वह सदियों से रामलीला का प्रेमी था अपने जमाने में वे काम धंधा छोड़कर रामलीला करते थे। श्री रामलीला मंचन न रूके इसको लेकर बृज के कलाकर बुलाये गये है।

इस मौके पर मेवात विकास बोर्ड के सदस्य जसवंत गोयल, हरिराम गोयल, हंस राज गोयल, पुरुषोत्तम गर्ग, अरूण गौतम, षेखर सिंगला, अरुण गौतम, उमेश उर्फ रॉकी, भरतु गोयल, विजय पटेल आदि मौजूद थे।
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