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प्रदेश सरकार का लक्ष्य झींगा मछली के उत्पादन से किसानों को करोड़पति बनाना : कृषि मंत्री जेपी दलाल

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प्रदेश सरकार का लक्ष्य झींगा मछली के उत्पादन से किसानों को करोड़पति बनाना : कृषि मंत्री जेपी दलाल
– पेयजल आपूर्ति के लिए 263 करोड की लागत से 80 गांव के लिए बनाई गई है यमुना रेनवाल प्रयोजना

 

यूनुस अलवी
नूंह , 19 नवंबर :

प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि आने वाले कुछ समय में सरकार का प्रयास है कि झींगा मछली उत्पादन के माध्यम से लगभग 1000 किसानों को करोड़पति बनाया जाए। मेवात क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए उपमंडल फिरोजपुर झिरका और खंड नगीना के अंतर्गत आने वाले 80 गांव की पेयजल पूर्ति के लिए यमुना से 263 करोड रुपए की लागत से रेनवाल योजना के तहत गहरे ट्यूबवेल लगाकर लगाकर पानी सप्लाई की योजना है ।
कृषि मंत्री शनिवार को जिला नूंह के मांडीखेड़ा स्थित उमराव हाउस पर एक निजी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे। कृषि मंत्री ने मेवात के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का प्रयास है कि मेवात के विकास को गति देकर लोगों के जीवन स्तर को उठाया जाए। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि सभी किसान भाई कृषि विभाग व हॉर्टिकल्चर विभाग द्वारा चलाई गई योजनाओं का लाभ उठाएं इसके लिए सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंर्तगत मत्स्य किसानो को दी जाने वाली वितीय सहायता में सामान्य वर्ग के लिए अनुदान 40 प्रतिशत तथा कमजोर वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति /महिला तथा सहकारी समिति के लिए 60 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि मीठे पानी की फिनफिश नई हैचरी की स्थापना की परियोजना में लागत 25 लाख रूपये प्रति हैक्टेयर है। इसी प्रकार से मीठे पानी की हैचरी स्थापना में 50 लाख रूपए प्रति है. है, जिसमें सामान्य वर्ग के लिए अनुदान की सीमा 40 प्रतिशत तथा कमजोर वर्ग/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जन जाति /महिला तथा सहकारी समिति के लिए 60 प्रतिशत अनुदान लाभार्थियो को प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि इन्टेंसिव फिशरीज स्कीम के तहत दी जाने वाली वितीय सहायता के लिए रियटर की स्थापना पर अनुदान पर वास्तविक लागत सीमा 20 हजार रूपए प्रति ऐंरियटर, जिसकी अधिकतम सीमा दो ऐरियटर प्रति मत्स्य किसान रखी गई है। इस मद में मत्स्य किसानो को पांच वर्षो में केवल एक ही बार अनुदान प्रदान किया जाएगा। ग्राम पंचायतो के पास उपलब्ध उबड़-खाबड़ भूमि में तालाब बनाने के लिए वास्तविक लागत सीमा चार लाख प्रति हैक्टेयर पर संबंधित पंचायतो को शत-प्रतिशत अनुदान दिया जाएगाा। इसी प्रकार से सौलर पंप सैट पर वास्तविक लागत 20 हजार प्रति एचपी जिसकी अधिकतम सीमा 10 एचपी प्रति मत्स्य किसान को अनुदान के रूप में दिया जाएगा।
बाक्स :
बागवानी फसलों को अपनाकर आमदनी बढ़ाएं किसान-
प्रदेश सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रही है और किसानों के सुविधा के लिए सरकार की ओर नई-नई योजनाओं को क्रियांवित किया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने बाग लगाने वाले किसानों को दी जाने वाली अनुदान राशि को बढ़ा दिया गया है। पहले 6 मी. बाई 6 मी. की दूरी पर अमरूद का बाग लगाने पर सात हजार 660 रूपए प्रति एकड़ का अनुदान तीन वर्षो में दिया जाता था। अब उसे बढ़ाकर 43 हजार रुपए प्रति एकड़ कर दिया गया है।
मशरूम की खेती से भी मुनाफा कमा सकते हैं किसान-
कृषि मंत्री ने कहा कि जिला के किसान फसल विविधिकरण के तहत इसकी खेती को अपनाकर बाजार से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उन्होंने बताया कि जिला में उद्यान विभाग हरियाणा द्वारा चालू वित्त वर्ष में विभागीय स्कीम के तहत अनुदान राशि दी जाएगी। मशरूम कंपोस्ट व मशरूम प्रोडक्शन यूनिट की अधिकतम यूनिट कोस्ट 20 लाख निर्धारित की गई है, जिसमें 40 प्रतिशत राशि अनुदान स्वरूप दी जाएगी। इसके साथ ही जिला में हाइड्रोपोनिक के लिए चार हजार स्क्वायर मीटर का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें 3 हजार 450 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर यूनिट कोस्ट रखी गई है, जिसके लिए 35 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जाएगी।

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