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जंगली सूअरों के आतंक से कई गांवो के किसानों की हजारों एकड़ फसल प्रभावित

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जंगली सूअरों के आतंक से कई गांवो के किसानों की हजारों एकड़ फसल प्रभावित 

 

फोटो=खेतो में सुअरों द्वारा खराब और उखाड़ी गई प्याज को फसल

 

यूनुस अलवी 

मेवात/हरियाणा

 

नूंह जिला के गांव पाठखोरी, चैनपुरी कुबडा बास (रावली) के जंगल में जंगली सूअरों के आतंक से किसान परेशान हैं। सूअर किसानों की गेहूं, सरसों ,प्याज टमाटर की फसल को रात के समय खा रहे हैं। रात के समय में जंगली सूअरों का लगभग 25-25 के झुंड में ग्रामीणों द्वारा देखा गया है। जंगली सूअर को भगाने का ग्रामीण भरपूर प्रयास कर रहे हैं लेकिन इसके चलते कई बार रात के समय किसानों पर जंगली सुअरों द्वारा जानलेवा हमला किया जा चुका है। जिससे डर की वजह से किसान अकेले अपने खेतो पर नही जा पाते हैं। सुअर ग्रामीणों की फसल को लगातार नष्ट कर रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि जंगली सूअर रात होते ही करीब 9:00 बजे रात्रि आ जाते हैं और रात भर फसलों में नुकसान करते हैं और सुबह करीब पांच बजे वापिस अरावली पर्वत में छुप जाते हैं।

पाठखोरी निवासी साजिद हुसैन, इलाउदिन, साबिर, अनीस ने बताया कि उन्होंने करीब दस एकड़ में प्याज की फसल बोई थी जिसमें लाखो रूपए का खर्चा हुआ था। जंगली सूअरों ने उनकी फसल में 50 प्रतिशत नुकसान कर दिया है।

कुबड़ा बास (रावली) निवासी रेशम ने बताया कि उन्होने 2 एकड़ में प्याज व 1 एकड़ में सरसों की फसल बोई थी जिसमें लगभग 70 हजार रुपए का खर्चा हुआ था लेकिन जंगली सूअरों के आतंक से फसल को दिन प्रतिदिन भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है।

चैनपुरी बास निवासी इस्लाम ने बताया की उसने 6 एकड़ में प्याज की फसल बोई थी प्रति एकड़ में ₹60 हजार रुपए का खर्चा हुआ था। जिसमें अब तक जंगली सूअरों द्वारा 40 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचाया जा चुका है ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की जंगली सूअरों द्वारा उनकी फसल को दिन प्रतिदिन भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जिला प्रशासन जंगली सूअरों को पकड़वाने के लिए गांव में टीम भेजी जाए। ताकि किसानों की गेहूं सरसों प्याज टमाटर की फसल को जंगली सुअरों के आतंक से बचाया जा सके

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Author: Khabarhaq

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