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साइबर अपराधो बारें खुद को जागरुक करके बच्चो पर रखे निगरानी साइबर अपराधियों से हर पल रहें अलर्ट- उदय सिंह मीना – साईबर अपराध होनें पर तुरन्त डॉयल करें 1930

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साइबर अपराधो बारें खुद को जागरुक करके बच्चो पर रखे निगरानी

साइबर अपराधियों से हर पल रहें अलर्ट-SP उदय सिंह मीना

– साईबर अपराध होनें पर तुरन्त डॉयल करें 1930 

खबर हक

रोहतक, 

पुलिस अधीक्षक श्री उदय सिंह मीना ने बताया कि आज की डिजिटल सोशल मीडिया औऱ तकनीकी नें जीवन को बहुत आसान बना दिया दिया। परिवार का हर सदस्य मोबाईल व इंटरनेट पर निर्भर हो गया है इसके साथ-2 बच्चे भी मोबाईल, इंटरनेट के सहारा ले रहे है जो बच्चो नई कुछ एक्विटि सीखनें के लिए घर में मोबाईल व इंटरनेट का प्रयोग करते है और अपनें माता-पिता के फोन का प्रयोग करते है परन्तु आपको साईबर बुलिंग जैसें साईबर अपराधो बारें खुद को जागरुक करके बच्चो पर भी निगरानी रखनी है। कभी वह किसी साईबर अपराध से शिकार तो नही है क्योकि आज की इस डिजिटल दुनिया में साईबर अपराध के शिकार का होनें का खतरा बढ गया है। खासकर बच्चे नई-2 चीजों को सीखनें की उत्सुकता में और कम समझ में इंटरनेट का प्रयोग करते हुए कुछ अनजान ऐप्स व वेबसाईटो पर अपनी जानकारी सांझा करते है। इसलिए बच्चे साईबर अपराधियो के चगुंल में आसानी से फस जाते है। साईबर बुलिग अपराध किसी के साथ भी हो सकता है। साइबर अपराध के बारे में कम जानकारी के कारण इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आते हैं।

इसलिए साईबर अपराधो से बचनें के खुद को जागरुक करके बच्चो पर नजर रखें और किसी भी अन्जान व्यकित के द्वारा भेजें गये लिकं पर क्लिक ना करें औऱ ना ही किसी के साथ अपनें फोन में प्राप्त ओटीपी शेयर करें। किसी भी प्रकार का लोभ लालच में अपना अपना निजी नाम, पता फोन नम्बर इत्यादि किसी भी अन्जान व्यकित के साथ सांझा नें करें। साईबर अपराधियो से हमे हर समय अलर्ट रहना चहिए।

1. माता-पिता को अपने बच्चों और उनकी ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखें ताकि वह डिजिटल मीडिया का सुरक्षित रूप से उपयोग कर सके।

2. माता-पिता को बच्चो के साथ ऑनलाइन सामग्री के प्रकार और जानकारी बारे बताना चाहिए। और अपनें सोशल मीडिया अकाउंट को हमेश लॉक करके रखें और प्राईवेसी सैटिंग रखें।

3. बच्चो के द्वारा प्रयोग की गई सभी उन सबी वेबसाईटो को देखे जिनका प्रयोग बच्चा करता है इसके अलावा बच्चो को प्राइवेसी कंट्रोल्स सेट करने में बच्चों की सहायता करें और इसके बारें बच्चो को जानकारी भी दें।

4. बच्चो के अकाउंट ईमेल तथा अन्य शिक्षिक अकांउट के पासवर्ड इत्यादि अपनें पास रखें उनको समय-2 पर चैक भी करें।

5. बच्चो को बतांए कि अपनें अकाउंटो को क्यो सुरक्षित रखा जाता और कैसे रखा जाता है प्राईवेसी सेंटिग बारें भी जानकारी दें।

6. बच्चो को साइबर कानूनों और अपराध के बारे में शिक्षित करें। इससे बच्चे में सोशल मीडिया और इंटरनेट के उपयोग को लेकर एक समझ बनती है। आपका बच्चा सही और गलत के बीच अंतर करने में सक्षम होना चाहिए।

7. बच्चो पर फैसलों को उन पर न थोपें और न ही ज्यादा जोर-जबरदस्ती करें। खुली चर्चा करें और उन्हें बताएं कि क्या गलत है और क्या सही है।

8. बच्चो के साथ प्यार से, दोस्ताना व्यव्हार के साथ बातचीत करें। क्योकि बच्चे डर की वजह से अपनें साथ हुय़े अपराध के बारें में माता-पिता की डांट की वजह से नही बताते।

9. चाइल्ड पोर्नोग्राफी, साईबर बुलिंग तथा साइबर ग्रूमिंग जैसे अपराधो बारें खुद को जागरुक करे और बच्चो को भी इन प्रकार से अपराधो से बचनें बारें जागरुक करें।

10. अगर आपके साथ किसी भी प्रकार का साईबर अपराध तो डरे नही इस बारे साईबर कम्पलेंट पोर्टल www.cybercrime.gov.inसाईबर हैल्पलाईन न. 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है इसके अलावा नजदीक पुलिस थानों/प्रत्येक थाना में नई स्थापित की गई साइबर डेस्क में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है।

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Author: Khabarhaq

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