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जलपुरुष राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में 15 सदस्य टीम मेवात क्षेत्र में पानी के रक्षण – संरक्षण के काम में लगे हुए 10 स्कूलों के 60 विद्यार्थियों से मिले

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जलपुरुष राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में 15 सदस्य टीम मेवात क्षेत्र में पानी के रक्षण – संरक्षण के काम में लगे हुए 10 स्कूलों के 60 विद्यार्थियों से मिले

*जल साक्षरता शिविर में शामिल हुए सुखाड़ – बाढ़ विश्व जन आयोग के अध्यक्ष, कमिश्नर और सदस्य*

 

यूनुस अलवी

नूंह/मेवात

तरूण भारत संघ निमली में 25 सितंबर से तरुण भारत संघ और डोर्फ कैटल के सहयोग से सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत चल रहे जल साक्षरता शिविर के समापन अवसर पर बाढ़ – सुखाड़ विश्व जन आयोग के अध्यक्ष जलपुरुष राजेंद्र सिंह, कमिश्नर, सलाहकार परिषद और जनरल असेंबली के सदस्य पहुंचे।


इस 15 सदस्यीय टीम ने मेवात क्षेत्र में पानी के रक्षण – संरक्षण के काम में लगे हुए 10 स्कूलों के 60 विद्यार्थियों के साथ बातचीत की। उन्हें बताया कि, दुनिया में बाढ़ सुखाड़ का संकट तेजी से फैल रहा है। इस संकट की मुक्ति में ही छोटे बच्चों के जीवन समृद्धि की युक्ति शामिल है । छोटे बच्चों को यदि समृद्ध रहना है, तो वर्षा के जल का संरक्षण करके, भूजल पुनर्भरण करना होगा।


यह जल साक्षरता शिविर तरुण भारत संघ निमली में 14 स्कूलों के साथ चल रहे हैं।

यहां कमीशन के सदस्यों ने देखा कि, बच्चे इन शिविरों में आकर पहाड़ों को बचाना और मरुभूमि बचाने के लिए चेतना जगाई जा रही है।

विश्व जन आयोग के अध्यक्ष जलपुरुष राजेंद्र सिंह जी ने कहा कि, शिविर में जिन बच्चों को जो सिखाया जा रहा है, उन बच्चों को सीखकर , दूसरे स्कूल के बच्चो और सदस्यों को सीखने की भूमिका व जिम्मेदारी है। जो यहां सीखा, वह दूसरे बच्चों को सीखना चाहिए।
इसके उपरांत तरुण भारत संघ की उपाध्यक्ष इंदिरा खुराना ने कहा कि, बच्चों की समृद्धि अरावली की पानी और हरियाली में छुपी है। अरावली हरी – भरी होगी, तो तुम्हारी पढ़ाई और विद्या तुम्हें आगे बढ़ाएगी। तुम्हारा जीवन अरावली के साथ जुड़ा है। इस तरह के प्रशिक्षण होते रहने चहिए।


आयोग के कमिश्नर आशुतोष तिवारी ने कहा कि, निमली केंद्र पर बच्चों को दिया जा रहा यह प्रशिक्षण बहुत अहम है । बच्चो का भविष्य पानी, हरियाली और पहाड़ों के साथ जुड़ा है। आज मुझे प्रशिक्षण में आकर अच्छा लगा।उन्होंने वेदों की रिचा बोलते हुए कहा कि, समुद्र वसने देवि, पर्वत स्तन मंडिते। विष्णु पत्नि नमस्तुभ्यम, पाद स्पर्श क्षमस्व मे।। इस अर्थ है कि, समुद्र में बसने वाली हमारी भारत माता के स्तन यह अरावली पर्वत है। इनसे निकलने जल की धारा हमारी नदियां हैं और आप सब पर्वतों को जान समझ रहे हैं ।
इस शिविर में विश्व जन आयोग के अध्यक्ष जलपुरुष राजेंद्र सिंह, स्वीडन से आशुतोष तिवारी, इजिप्ट से मोना और पुर्तगाल से मार्टिन, जर्मनी से एना, अमेरिका से लूसी, स्वीडन से माइक,पीटर , अर्ने, सुरेश रैकवार, राहुल सिसोदिया, छोटे लाल मीणा, सरोज सैनी , इब्राहिम खान आदि लोग उपस्थित थे।
अंत में सभी बच्चों को प्रमाण पत्र दिए गए।

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