सरकार का मकसद 25000 बच्चों को निजी विद्यालयों में भेजकर 1000 शिक्षकों के पदों को समाप्त कर ना हैं
सरकार ने तबादला नीति की आड़ में 4801 स्कूल बंद लगभग 30000 पद समाप्त किए
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ का जन जागरण अभियान
अंतराम खटाना, नूंह
नई शिक्षा नीति पर तेजी से अमल करते हुए हरियाणा सरकार ने चिराग नाम से ऐसी योजना पेश की है जिसमें अभिभावकों से कहा जा रहा है कि वे अपने बच्चों को निजी स्कूलों में ले जाएं। इसके लिए सरकार 700 से 1100 मासिक मदद देगी। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने आरोप लगाया है कि सरकार अपने कर्तव्य से भाग रही है और वर्गीय दृष्टि से जनता के बड़े हिस्से को स्कूली शिक्षा से भी वंचित करना चाहती है। इस योजना के तहत कक्षा दो से बारहवीं तक के विद्यार्थी सरकारी स्कूल को छोडक़र निजी स्कूल में प्रवेश लेते हैं तो उनकी फीस के लिए सरकार भुगतान करेगी। इसके विपरित जो सरकार को मॉडल संस्कृति स्कूलों में पढ़ेंगे उन्हें अपनी जेब से फीस देनी होगी। सरकार का मकसद 25000 बच्चों को निजी विद्यालयों में भेजकर 900-1000 शिक्षकों के पदों को समाप्त कर योग्यता प्राप्त बेरोजगार को भाग्य के सहारे छोडऩा, पिछड़े, अनुसूचित व गरीबी रेखा से नीचे के परिवारो के बच्चों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशियों से निजात पाना, एमडीएम के खर्च और कुक के पदों को घटाना, मुफ्त दी जा रही पुस्तकों से पिंड छुड़ाना चाहती है। तबादला नीति की आड़ में 4801 स्कूल बंद किए जा चुके हैं तथा लगभग 30000 पद समाप्त किए जा चुके हैं। स्कूलों को सरकार आय के स्रोत बनाना चाहती है जो सार्वजनिक शिक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। स्थाई अध्यापकों की भर्ती की बजाए कौशल रोजगार निगम के माध्यम से अस्थाई गुलाम मजदूर तैयार करना चाहती है, जो बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक है। सब को एक समान शिक्षा देने के अधिकार से वंचित कर रही है। जो उपलब्ध अध्यापक हैं उन्हें गैर शैक्षणिक कार्यों और प्रशिक्षण में बाध्य कर बच्चों की शिक्षा से दूर किया जा रहा है। गरीब छात्रों को मिलने वाली आर्थिक मदद पूरी नही की जा रही है। पुस्तको से भी वंचित हैं। इन तमाम मुद्दों को लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ राज्य के 5 कोनों से जत्थों के माध्यम से अध्यापकों कर्मचारियों एवं आम जनता को सरकार की जन शिक्षा विरोधी नीतियों के बारे अवगत करा रहा है तथा उन्हें सरकार की नीतियों के विरोध में 29 दिसंबर को जींद में होने वाली रैली के लिए निमंत्रण भी दे रहा है। क्योंकि शिक्षा को बचाना केवल अध्यापकों का काम नहीं है, यह जनता के तमाम हिस्सों का कार्य बनता है।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ गांव गांव जाकर अपने जत्थों के माध्यम से आम जनता से अपील कर रहा है कि 29 दिसंबर को जींद में होने वाली रैली में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर सरकार की जन शिक्षा विरोधी नीतियों का करारा जवाब दें। आज का यह जत्था फिरोजपुर झिरका से शुरू होकर दोहा, कोल गांव, भाकडोजी, मांडी खेड़ा, जलालपुर, नाई नंगला, बुखारा, बदरपुर, वाजीदपुर, ईमामनगर, फिरोजपुर डहर, नगीना,मरोड़ा, होते हुए पिनगवां पहुंचा।
इस जत्थे में राज्य महासचिव प्रभु सिंह, राज्य उपप्रधान मुकेश यादव, राज्य सचिव निशा, राज्य कमेटी सदस्य शौकत हुसैन, दिनेश यादव के साथ सेवानिवृत्त अध्यापक हरिचंद वर्मा, जिला प्रधान फूल कुमार यादव, सचिव मोहम्मद अरशद, हरिचंद जाटका एवं अन्य अध्यापक नेताओं ने भाग लिया। यह टीमें लगातार जिले के स्कूलों और गांव में जाकर 28 दिसंबर तक जन शिक्षा विरोधी नीतियों का प्रचार करती रहेंगी। आगे के आंदोलन की घोषणा 29 दिसंबर की जींद रैली में की जाएगी। यदि सरकार ने समय रहते जन शिक्षा को बचाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया तो भविष्य में एक बड़े आंदोलन की शुरुआत भी की जाएगी।
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