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हरियाणा विधान सभा में आफताब अहमद ने उठाए प्रदेश के मुख्य मुद्दे 

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विधान सभा में आफताब अहमद ने उठाए प्रदेश के मुख्य मुद्दे 

नूंह विधायक व कांग्रेस विधायक दल उप नेता आफताब अहमद ने तीन दिन के शीतकालीन सत्र में मेवात सहित प्रदेश के प्रमुख मुद्दों पर प्रदेश सरकार को जमकर घेरा। 

Younus Alvi

Chandigarh, 28 दिसंबर 

 

सत्र के पहले दिन आफताब अहमद ने हवा गुणवत्ता का प्रमुख मुद्रा उठाकर प्रदेश सरकार को आईना दिखाया। आफताब अहमद ने कहा कि हरियाणा प्रदेश महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार से तो जूझ ही रहा है लेकिन अब प्रदेश के लोगों को साफ हवा भी नसीब नहीं हो रही है। दिन प्रतिदिन हवा और भी ज्यादा प्रदूषित हो रही है। हवा में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि बहुत से इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है।

 

बता दें कि भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में हरियाणा के 10 शहर शामिल हैं। नूंह जिले में भी हवा में पीएम 10 व पीएम 2.5 खतरनाक मात्रा में शामिल हैं।

 

आफताब अहमद ने कहा कि गुड़गांव, फरीदाबाद, नूंह, बहादुरगढ, कुरूक्षेत्र, जींद, अंबाला, पानीपत, रोहतक, झज्जर जैसी जगह हवा जहरीली हो गई है। प्रदेश सरकार इस मामले पर शांत बैठी हुई है जबकि गंभीर कदम उठाने की दरकार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दिल्ली से अधिक प्रदुषण है लेकिन सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है और लोगों के जीवन से खिलवाड कर रही है। आफताब अहमद ने कहा कि प्रदुषण से आज बच्चे, बुजुर्ग, बीमार व्यक्ति और जीव जंतु अधिक प्रभावित हो रहे हैं।

 

 

पहले दिन आफताब अहमद ने गुड़गांव अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग की दयनीय हालत का मुद्दा उठाकर प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षित किया तो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मेवात में बिजली काटने का मुद्दा उठाया, इस मामले पर सरकार के अजीब जवाब पर पूरे विपक्ष ने सरकार को निशाने पर लिया।

 

दूसरे दिन आफताब अहमद ने किसानों का मामला उठाकर प्रदेश सरकार को कठघरे में खींचा और सरकार से पूछा कि सितंबर अक्टूबर 2022 में बेमौसम बारिश के कारण जिलेवार और फसलवार खराब हुई फ़सल की जानकारी मांगी और पूछा कि क्या विशेष गिरदावरी कराकर किसानों को मुआवजा दिया गया है। इसके साथ साथ आफताब अहमद ने भविष्य में जलभराव की समस्या के स्थाई समाधान की मांग भी उठाई ताकि किसान बार बार ऐसे नुकसान से बच सके। इसपर उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को जवाब देना पडा और कहा कि जल्द रिपोर्ट मंगवाकर मेवात व प्रदेश के किसानों को मुआवजा दे दिया जाएगा। आफताब अहमद ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि महीने दो महीने में सभी जिला उपायुक्तों को भी स्थानीय विधायकों से बैठक कर जिले की ट्रेजरी में पडे किसानों के मुआवजे का ब्यौरा देना चाहिए ताकि किसानों का भला हो सके। इस सुझाव को उप मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रूप से लेकर अमल में लाने की घोषणा की। आफताब अहमद ने कहा कि किसान प्रदेश व देश की जीवन रेखा है और उसकी समस्याओं से मुँह नहीं मोडा जा सकता है। बीते साल मेवात में बारिश से खराब हुई 26000 एकड फसल के मुआवजे के ना मिलने का मामला उठाकर प्रदेश सरकार से सवाल जवाब किया। इस दौरान नूंह विधायक आफताब अहमद ने इस साल गन्नै का न्यूनतम समर्थन मूल्य ना बढाने की भी आलोचना करते हुए मामला उठाया।

 

वहीं तीसरे दिन विधायक आफताब अहमद ने किसानों को डीएपी खाद व यूरिया उपलब्ध नहीं करवा पाने के मामले को उठाकर सवाल पूछा कि सरकार ऐसा करने में क्यों फैल हो रही है। आफताब अहमद ने डीएपी खाद व यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के सरकार के कदमों को नाकाफी बताते हुए कहा कि एक सोची समझी साजिश के तहत प्रदेश के किसानों का शोषण किया जा रहा है और सरकार किसानों को खाद, मुआवजा देने में नाकाम साबित हुई है।

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Author: Khabarhaq

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