एक सरकारी अध्यापक रात भर ले रहा हैं अतिरिक्त कलास
–सिद्दीक जैसे अध्यापक मेवात में हों तो यकीनन बदलाव आएगा,
फोटो– शिकरावा स्कूल के अध्यापक सिद्दीक रात के समय स्कूल में ही बच्चों को पढ़ाते हुए
यूनुस अलवी
मेवात
नूंह जिला में शिक्षा का स्तर काफी नीचा है खासतौर से निजी स्कूलों की अपेक्षा सरकारी स्कूलों में। जिले में 50 फीसदी से अधिक अध्यापकों की कमी है। ऐसे में कार्यरत अध्यापकों के सिर पर अधिक जिम्मेदारी आ गई है। अगर नूंह जिला के अन्य अध्यापक भी पुन्हाना खंड के गांव शिकरावा स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के अध्यापक सिद्दीक की तरह मेहनत करें तो मेवात के सरकारी स्कूलों के बच्चे 10वीं और 12वीं के परिणाम में अच्छा मुकाम हासिल कर सकते हैं।
दरअसर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शिकरावा के अध्यापक सिद्दीक बोर्ड की दसवीं और बाहरवीं कक्षा की परीक्षाओं को लेकर काफी फिक्रमंद हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के परिजन चाहते हैं कि उनके बच्चे उच्च तालीम, शिक्षा हासिल करें। स्कूल के अध्यापक सिद्दीक स्कूल के अलावा बच्चों को रात के समय अंग्रेजी और गणित की तालीम दे रहे हैं। इतना ही नहीं स्कूल के एक कमरे में जहां बच्चों के साथ रात के समय अध्यापक सिद्दीक खुद पढ़ने-पढ़ाने के साथ-साथ कमरे में ही सोते हैं।
जनहित कमेटी शिकरावा के सदस्योें ने अध्यापक सिद्दीक के कार्य की जमकर तारीफ की है। उनका कहना है कि अगर मेवात के सभी सरकारी स्कूलों के अध्यापक सिद्दीक की तरह मेहनत करें तो सरकारी स्कूलों के बच्चे बोर्ड की परीक्षाओं में अच्छा परीणाम ला सकते हैं। मेवात में शिक्षा का स्तर काफी गिरा हुआ है, जिसका दोष आमतौर पर स्कूल के अध्यापकों को दिया जाता जबकि दरहकीकत इसके लिए बच्चे और उनके परिजन भी जिम्मेदार होते हैं। अगर मेवात के सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के साथ-साथ बच्चे और परिजन फिक्रमंद हो जाएं तो यहां के स्कूलों की कायाकल्प हो सकती है। जिले में शिक्षा के स्तर पर यकीनन बदलाव आएगा। जो अपना समय निकालकर बच्चों को रातभर अतिरिक्त कलास लेकर जो अध्यापक बढ़ाते हैं। ऐसे अनमोल अध्यापकों की मेवात के लोगों की होंसला अफजाई और सहयोग करना चाहिए।
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