जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने जिले के स्कूलों का किया दौरा
– सुखाड़ – बाढ़ मानव जीवन पद्धति से हुए पर्यावरण विनाश का दुष्प्रभाव और दुष्परिणाम
Younus Alvi
Nuh/Mewat
मांगवार को जलपुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में खोज यात्रा राजकीय माध्यमिक विद्यालय भोंड, पथराली और सायमीर वास पहुंची थी। तीनों स्कूलों में बड़ी संख्या में विद्यार्थी और शिक्षक मौजूद थे। यात्रा में डोर्फ कैटल के साथी और तरुण भारत संघ की टीम भी शामिल हुई थी।
इन स्कूलों के बच्चों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि, दुनिया में लगातार सुखाड़ – बाढ़ बढ़ रहा है। यह सुखाड़ – बाढ़ मानव जीवन पद्धति से हुए पर्यावरण विनाश का दुष्प्रभाव और दुष्परिणाम है। जैसे – जैसे प्रकृति की लूट बढ़ती है, तो हरियाली ,जंगल,घास ,बांस सभी घटने लगते है। वर्षा जल में मिट्टी सीधी घुलकर नीचे जाने लगती है, जिससे नदी का तल ऊपर आ जाता है, जब जल नदी से बाहर आने लगता है , तो गांव , शहर डूबने लगते है,उसे बाढ़ कहते है।
बाढ़ का पुनरावर्तन और परावर्तन अब तेजी से होने लगा है। यही प्रक्रिया सुखाड़ को जन्म देती है।
इस संकट से बचने के लिए जहां समुदाय ने सुखाड़ और बाढ़ की मुक्ति की युक्ति पर काम कर रहे है, वही बचे हुए है।
आगे कहा कि, दुनिया को सुखाड़ और बाढ़ मुक्ति की युक्ति खोजने हेतु सभी जलवायु परिस्थितिकी तंत्र और जैवविविधता को समझ कर, उसकी मिट्टी में जल से जीवन बनाए रखने से हरियाली बनी रहेगी तो सुखाड़ और बाढ़ नहीं होगा। इस दौरान स्कूलों के बच्चों ने जलपुरुष राजेंद्र सिंह से बहुत सवाल – जवाब किए।
यात्रा में तरुण भारत संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता छोटेलाल मीणा, मौलिक सिसौदिया, अर्निमा जैन, राहुल सिसोदिया, सरोज सैनी आदि उपस्थित रहे।
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