इसलाम नफरत नहीं बल्कि दूसरे के प्रति प्यार व मोहब्बत सिखाता है-हजरत मौलाना साद अंतर्राष्ट्रीय अमीर तबलीग जमात
-मस्जिदों को आबाद कर लीजिए, नशे के सारे अड्डे खत्म हो जाएंगे-हजरत मौलाना साद
-तबलीगी जमात का तीन दिवसीय जलसा में पहुंचे अंतर्राष्ट्रीय अमीर हजरत मौलाना साद
-कोरोना काल के बाद मेवात में पहला तब्लीगी जमात का जलसा, उमड़ी लाखों की भीड
फोटो-नूंह में आयोजित तब्लीगी जलसा में उमड़ी भारी भाड़
यूनुस अलवी
नूंह/हरियाणा
कोरोना काल के बाद पहली बार नूंह जिला में तब्लीगी जमात का तीन दिवसीय जलसा (सम्मेलन) हुआ। जिसमें में तब्लीग जमात के अंतर्राष्ट्रीय अमीर हजरत मौलाना साद सहित बड़े उमेला पहुंचे। कोरोना काल के बाद मेवात में पहला तब्लीग जमात का जल्सा होने पर लाखों की भीड उमडी। इस मौके पर मौलाना साद ने इसलाम धर्म पर चलने, पैगंबर हजरत मुहम्मद साहेब के नक्षे कदम पर चलने, आपसी भाईचारा, प्यार मोहब्बत कायम रखने और नषा, चोरी, बलात्कार, जैसी बुराईयों से बचने का आहवान किया।
नूंह शहर के ईदगाह में 11 फरवरी से तीन दिवसीय तब्लीगी जलसा का आयोजन किया जा रहा है। लाखों की संख्या में पहुंचे लोगों को सम्बोधित करते हुऐ तब्लीगी जमात के अंतर्राष्ट्रीय अमीर हजरत मौलाना साद साहब ने कहा जो व्यक्ति किसी आदमी को गलत कार्य करते हुए रंगे हाथ पकडने की फिराक में रहता है, कि जब यह गलत कार्य करेगा तो इसे पकडूंगा इसलाम धर्म में यह बहुत बडा गुनाह है। उन्होंने कहा इस्लाम धर्म बुराइयों को आम करना नहीं सिखाता है बल्कि बुराइयों को खत्म करना सिखाता है। एक दूसरे के प्रति प्यार व मोहब्बत सिखाता है। लेकिन आज मुसलमान-मुसलमान के ही खिलाफ है। जबकि इस्लाम तो दूसरे से भी मोहब्बत की बात सिखाता है। जिसको हमारे मुसलमान ध्यान तक नही दे रहे हैं। बुराइयों के साथ हम अपनी जिंदगी को नही काट सकते हैं।
उन्होने कहा आजक जो मुसलमानों पर हालात चल रहे हैं उन हालतों पर सब्र करना पड़ेगा। अगर हम सब्र नहीं कर पाएंगे, तो हमारा सफर खत्म हो जाएगा। इस्लाम में सब्र करने की सबसे बडी अहमियत है। सब्र के साथ-साथ हमें बुरे कार्य करने से डरते रहना चाहिए और अल्लाह अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए। नमाज पढ़ते रहना चाहिए। उन्होने हमको अच्छी-अच्छी बातों को लेके मुसलामानों के बीच में जाना होगा। जिससे सब मुसलमान एक दूसरे के प्रति अच्छा मामलात कायम करें।
हजरत मौलाना शाद साहब ने कहा मेवातियों आप अपने सर पर फेंटा (पगड़ी) बाँधा करो, आज आप लोगों ने फेंटे को बांधना छोड़ दिया है। ये फेंटा आप सबका वकार है। अगर आप इस फेंटे को नही बांधेंगे आपका वकार छूट जाएगा। आपके इस वकार को दूसरे लोग अपना लेंगे। निजामुद्दीन में जब कोई आता है, और मुझे से मिलता है, मैं पूछता हूँ आप कहा से हैं वो कहता है मेवात से हूँ। मैं फौरन मना कर देता हूँ आप मेवात से नही है क्योंकि आपके सर पर फेंटा तो है ही नही। इसलिए फेंटे को बाँधा करो। उन्होंने कहा एक दूसरे से हसद (नफरत) रखना छोड़ दीजिए, ये सब आपसी भाईचारा को बिगड़ रहे है।
मौलाना साद साहेब ने कहा तब्लीग का काम पूरी दुनिया में मेवातियों ने ही काम शुरू किया लेकिन आज मेवात में ये काम ढीला हुआ पड़ा है। हजरत ने कहा बहुत साल पहले मेवात के जिम्मेदार मेरे पास आए, उन्होंने कहा मौलाना साब हमारे मेवात में नशे के अड्डे खुल रहे हैं। मैंने उनसे कहा आप मस्जिदों को आबाद कर लीजिए ये सारे नशे खत्म हो जाएंगे। आज भी मस्जिदों को आबाद करने की जरूरत है। अपनी मस्जिद वार जमात को मजबूत करिए, काम को काम समझिए, सब चीज आसान हो जाएंगी।
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