मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रेस वार्ता
ग्राम स्तर तक विकास के लिए सरकार ने कई कदम उठाए,पारदर्शिता लाने के सीओ जिला परिषद की नियुक्ति की
अंतर जिला परिषद समन्वय बनाने की कोशिश की गई
जबसे चुनाव नई पंचायतों का चुनाव हुआ है उनको 1 क्वार्टर इस वितीय साल का बचा है जिसके 1100 करोड़ रूपये अलाट किए गए
जिला परिषद को 110,ग्राम पंचायत के लिए 165 करोड़, पंचायतों के लिए 850 करोड़ रूपये अलाट किए
हर जिले में जिला परिषद के सचिवालय बनाने का फैसला सरकार ने किया, काम की क्वालिटी तय करने के लिए इंजीनियरिंग विंग की स्थापना की
जनता के काम में पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का सहारा लिया, ई-टेंडरिंग के जरिए काम की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित की
पहले के प्रधानमंत्री कहते थे कि 1 रूपया भेजा जाता है तो 15 पैसे पहुँचते हैं, लेकिन अब 1 रूपया भेजने पर 1 रूपया ही आगे पहुंचता है
*ई-टेंडरिंग की सीमा अब 2 लाख की बजाय 5 लाख होगी*
वार्षिक 25 लाख तक के काम कोटेशन के आधार पर या छोटी पंचायत होने पर 50 फीसदी( बजट का) पंचायतें कर पाएंगी
लेकिन हर काम का आनलाइन आडिट किया जाएगा, अधिकारियों के साथ साथ सोशल आडिट सिस्टम बनाया जाएगा
ग्राम सचिव की एसीआर पर सरपंच टिप्पणी कर पाएंगे
*सरपंचों का मानदेय 3000 से बढ़ाकर 5000 किया गया, पंचों का मानदेय 1000 से बढ़ाकर 1600 किया गया, जिसको 2026 में रिव्यू किया जाएगा*
सरपंचों और पंचों का मानदेय डीए की तर्ज पर हर 6 महीने में बढ़ेगा
ई-टेंडरिंग में काम की जिम्मेदारी अधिकारी और कोटेशन के आधार पर होने वाले काम की जिम्मेदारी सरपंच की होगी
*HSR Rate और DC Rate के बीच समन्वय बनाया जाएगा, HSR Rate जिला स्तर पर बनाकर नोटिफाई किया जाएगा*
बिजली कर का 2 फीसदी पंचायतों को एरियर के साथ और स्टांप ड्यूटी का 2 फीसदी उनको दिया जाएगा
अब तक 6217 पंचायतों में से 5048 के प्रस्ताव आए, लगभग 9418 के करीब प्रस्ताव आए जिनमें से 1044 के टेंडर अभी तक अपलोड हुए
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