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बड़ी खबर -पंचायत की दुकाने पट्टे पर छोड़ी, बने कई रिकाॅर्ड -पान की दुकान का सालाना किराया एक करोड़ 26 लाख रूपये

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बड़ी खबर
-पंचायत की दुकाने पट्टे पर छोड़ी, बने कई रिकाॅर्ड
-पान की दुकान का सालाना किराया एक करोड़ 26 लाख रूपये
-अब से पहले मात्र 10 हजार रूपये प्रति साला किराये पर थी।
-पिनगवां पंचायत की दुकानों को किराया पर छोड़ा गया
-पंचायत की 81 दुकानांे को खुली बोली पर एक साल के किराये पर छोड़ा गया
-किराया पर दुकान लेने से ज्यादा रंजिष के चलते अधिक किराया बढ़वाने पर दिया ज्यादा जोर

फोटो-बोली पर एक करोड 26 लाख और एक करोड़ 11 लाख रूपये सालाना किराये पर छूटी दोनों दुकानें

यूनुस अलवी
पुन्हाना/मेवात
पिनगवां ग्राम पंचायत की करीब 81 दुकानों को एक साल किराये के पट्टे पर खुली बोली पर छोड़ा गया। जो दुकानें पर अब से पहले मात्र 8 से 75 हजार रूपये सालाना किराये पर छोड़ी जाती थी। वहीं षनिवार को इनही दुकानों को पांच साल से लेकर एक करोड़ 26 लाख रूपये तक किराये की बोली लगाई गई। लोगों का कहना है कि ये कोई बोली नहीं थी बल्कि एक दूसरे से रंजिष झलग रही थी। जिस दुकान से सालाना एक लाख की कमाई नहीं हो सकती उसके कोई कैसे एक करोड़ 26 लाख रूपये किराये पर ले सकता है। ऐसा नहीं एक ही दुकान इतनी मंहगी छूटी है। बल्कि पिनगवां के तेड़ पर पर एक पान की दुकान एक करोड़ 26 लाख, चिकन फ्राई की दुकान एक करोड़ 11 लाख, षिकरावा रोड पर एक दुकान 36 लाख तथा षिकरावा रोड़ ही ही पंचायत एक एक चार गुणा चार फीट की दुकान सालाना 15 लाख रूपये में छोड़ी गई थी। अब से पहले यह ही दुकानें आठ हजार से 75 हजार रूपये सालाना किराये पर छोड़ी जाती थी।
लोगों कहना है कि पंचातय की दुकानों को पट्टे पर छोड़ा गया। इस मौके पर अधिक्तर लोग दुकाने किराये पर लेने की बजाये दुकानों का किराया बढ़ाने पर जोर देने नजर आऐ। बोली में कई ऐसे लोग थे जो पंचायत की रंजिष दुकानों पर अधिक बोली लगाकर निकाल रहे है। लोगो का कहना है कि पिनगवां में तेड मौड़ पर हाजी रहमत पान भंडार की एक छोटी सी दुकान है तो अब से पहले मात्र 8 हजार सालाना किराये पर थी। बोलीे पर गांव के ही कुछ लोग खडे हो गये और नांक की लड़ाई में इसकी सालाना बोली एक करोड़ 11 लाख तक पहुंच गई। अब अंदाजा लगाऐ की एक पान वाला कितना कमा सकता है।
वहीं इसी दुकान के पड़ौस में चिकन फ्राई अकबर की दुकान है इसपर भी आपसी रंजिष के चलते किराया जो पहले 12 हजार सालाना था उसकी बोली एक करोड़ 11 लाख तक लगा दी गई। अगर कोई इन दुकानों को खरीदना चहता है तो एक दुकान की असल कीमत से भी दस गुणा सालाना किराये पर दुकानें ली गई। जबकि इन दुकानों से कोई बड़ी आमदनी नहीं होती है।

आपको बता दें कि ग्राम पंचायत पिनगवां ने ग्राम सचिव और गांव के प्रमुख लोगों की मौजूदगी में षनिवार को करीब 81 दुकानें खुली बोली पर छोड़ी गई। जिनमें मुख्य रूपये से पुन्हाना बडकली रोड पर पुराने थाने के पास 13 दुकान, पिनगवंा सब्जी मंडी की 22 दुकानें, षिकरावा रोड़ पर  पूर्व में 17 और पष्चिम में 24 दुकानों को सालाना किराये पर छोड़ा गया।
पिनगवां ग्राम सचिव इमरान और पिनगवां सरंपच के पति मनोज कुमार ने बताया कि लोगों ने खुली बोली लगाई है। किसी पर कोई दवाब नहीं था। उन्होने बताया कि बोली ष्षुरू करने से पहले 20 हजार और 50 हजार रूपये की जमानत राशि सभी से जमा कराई गई थी। जिन लोगों के नाम दुकान छूटी हैं। उनको बाकी की राशि एक सप्ताह के अंदर जमा करानी होगी। जो व्यक्ति राशि जमा नहीं कराया उसकी जमानत राशि जब्त कर ली जाऐगी। उन्होंने भी माना की उन्हे इसस बात की उम्मीद नहीं थी कि हजार रूपये सालाना किराये पर छूटने वाली दुकानें लाखों रूपये में छूटेगें। इससे पंचायत को काफी फायदा हुआ है जो विकास कार्यो में खर्च होगा।

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