साईबर क्राईम थाना नूहं की बड़ी कामयाबी-
-नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने के आरोप में तीन गिरफ्तार
-फार्मासिस्ट पद की झूठी भर्ती के नाम पर 13 लोगों के साथ धोखाधड़ी करके साढ़े नौ लाख रुपये ठगने का मामला
-पुलिस ने तीनों आरोपियो को 1 दिन पुलिस रिमांड पर लेकर पूरी वारदात का किया खुलासा
यूनुस अलवी
नूंह-मेवात
नूंह साइबर अपराध थाना नूंह पुलिस ने नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उजीना में फार्मासिस्ट के पद की झूठी भर्ती करने के नाम पर 13 लोगों के साथ धोखाधड़ी करके करीब साढ़े 9 लाख रूपये ऐंठने वाले गिरोह के 3 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऊषा कुंडू ने बताया कि दिनांक 22. मार्च 2023 को डाक्टर विक्रम सिंह, उप सिविल सर्जन मांडीखेड़ा ने नूंह के थाना साईबर क्राईम प्रभारी विमल राय को एक लिखित शिकायत दी। शिकायत में कहा गया कि 22 जुलाई 2022 की षाम करीब 6 बजे उसके व्हाट्सअप पर 3 मेसेज प्राप्त हुए। जिसमें 22 जुलाई को ही फार्मासिस्ट के पद के लिए सिविल सर्जन कार्यालय में साक्षात्कार हुआ और उसमें 11 लोगों का चयन भी किया गया। उस लिस्ट पर उसके हस्ताक्षर और मेरे कार्यालय का क्रमांक नम्बर लगाया हुआ है। परन्तु मेरी जानकारी में इस प्रकार का कोई साक्षात्कार नही हुआ और ना ही उस लिस्ट पर उसने हस्ताक्षर किये। शिकायत में कहा गया कि इससे प्रतीत होता है कि कोई व्यक्ति झूठा झांसा देकर इनसे पैसो कि ठगी एवं धोखा धडी कर रहा है।
एएसपी ने बताया कि उसके बाद थाना साइबर क्राइम नूहं ने 29 मार्च 2023 को धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी और 201 मुकदमा दर्ज जांच शुरू की गई। उन्होने बताया कि जांच अधिकारी उप निरीक्षक सूरज ने 12 अप्रैल को 3 आरोपी इजहारुल पुत्र जुहरा स्थायी सिलखो थाना सदर तावडू, वर्तमान पता गांव रायपुरी थाना सदर नूंह, रहीस वा डाक्टर हरप्रीत पुत्र संतोष निवासी सेक्टर 31 फरीदाबाद को गिरफ्तार किया गया। गहनता से पूछताछ के अदालत से तीनों को एक दिन पुलिस रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दौरान आरोपियो से वारदात मे प्रयोग किये गये 5 मोबाइल फोन को बरामद किया गया। शुक्रवार को आरोपियों को अदालत में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेजा गया है।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऊषा कुंडू ने बताया कि आरोपी इजहारुल ने पीएचसी उजीना के मुख्य चिकित्सक हरप्रीत के साथ मिलकर एनएचआरएम में फर्जी भर्ती तैयार करके आरोपी रहीश हुसैन के साथ मिलकर 13 व्यक्तियों से साढ़े नौ लाख रुपये ऐठने का काम किया था। आरोपियों ने फर्जी भर्ती साक्षात्कार कराकर डाक्टर विक्रम सिंह, उप-सिविल सर्जन मांडी खेड़ा के फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी कार्यालय का क्रमांक नंबर लगाकर एक झूठी लिस्ट तैयार की थी।
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