सिरौली गांव की सरपंच के शैक्षणिक प्रमाण पत्र पर मचा बवाल
•एसडीएम ने माना फर्जी, दिए कार्रवाई के आदेश
•उपायुक्त ने सरपंच को 15 दिन का नोटिस जारी कर पक्ष रखने को कहा
• सिरौली की सरपंच बोली शिकायत में जो सर्टिफिकेट लगाया वह फर्जी है
•फर्जी सर्टिफिकेट लगाने पर मानहानि और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराने की की बात
फोटो 1 शिकायत के साथ लगाया गया सर्टिफिकेट
फोटो 2 मौजूदा सरपच द्वारा पेश सर्टिफिकेट
Younus Alvi
Nuh/Mewat
ग्राम पंचायत चुनाव में फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों पर चुनाव लडक़र जीतने वाले सरपंचों पर लगातार हो रही कार्रवाई से हड़कंप मच गया हैं।
हाल ही में नूंह जिला के लहरवाड़ी गांव की महिला सरपंच का प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर उसे बर्खास्त कर दिया गया था। अब पुनहाना खंड की सिरौली गांव की महिला सरपंच का सर्टिफिकेट फर्जी होने का आरोप लगाया गया हे। जो एसडीएम की जांच में भी फर्जी पाया गया है। वही नूंह उपायुक्त ने सिरौली गांव की महिला सरपंच को अपना पक्ष रखने के लिए 15 मई तक समय दिया है। वही सिरौली गांव की महिला सरपंच ने शिकायतकर्ता द्वारा शिकायत में लगाए सर्टिफिकेट को ही फर्जी बताते हुए उनके खिलाफ मानहानि और फर्जी कागजात त्यार करने का मामला दर्ज कराने की बात कही है। वही डीसी कार्यालय से नोटिस मिलने और शुक्रवार तक अपना पक्ष रखने को कहा है। अब ये तो जांच में ही पता चलेगा की शिकायतकर्ता सच बोल रहे हैं या फिर सरपंच। दोनो में किसी एक पर गाज गिरना स्वाभाविक है।
जिला विकास एवम पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) नवनीत कौर ने बताया की सरोली गांव के कुछ लोगों ने सिरौली की नव निर्वाचित महिला सरपंच साहना के सर्टिफिकेट को फर्जी बताते हुए इसकी शिकायत जिला उपायुक्त से की थी। जिला उपायुक्त ने सर्टिफिकेट की जांच पुनहाना की एसडीएम मनीषा शर्मा द्वारा कराई गई। एसडीएम द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में सरपंच के सर्टिफिकेट को फर्जी बताया गया है। सरपंच को अपना अंतिम पक्ष रखने के लिए 15 मई तक का नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया है।
जानकारी के अनुसार सिरौली निवासी खुर्शीद व गांव के पूर्व सरपंच अशरफ सहित गांव के दर्जन भर लोगो ने नूंह उपायुक्त को शिकायत देकर बताया कि गांव की महिला सरपंच साहना पत्नी आकिल अहमद बिल्कुल भी पढ़ी-लिखी नहीं है। साहना ने आठवीं कक्षा की फर्जी शैक्षणिक प्रमाण पत्र उत्तर ्रप्रदेश से बनवाकर चुनाव लड़ा और गांव की सरपंच बन गई। जिसके बाद उपायुक्त द्वारा एसडीएम को जांच सौंपी गई। एसडीएम द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा प्रमाण पत्र की जांच उत्तर प्रदेश में कराई गई। जिसमें राया जिला मथुरा उत्तर प्रदेश के खंड शिक्षा अधिकारी ने भी प्रमाण पत्र को फर्जी बताया और प्रमाण पत्र जारी करने वाले स्कूल को भी अस्थाई मान्यता प्राप्त बताया और इसके साथ ही बताया कि अस्थाई मान्यता प्राप्त आठवीं कक्षा का प्रमाण पत्र जारी नहीं कर सकता। जिसके बाद जांच रिर्पोट में प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर एसडीएम द्वारा रिर्पोट तैयार कर कार्रवाई के लिए उपायुक्त को भेज दी गई थी।
सरपंच साहना ने बताया है की डीसी ऑफिस से उसको 15 मई तक जवाब देने का नोटिस मिला हे। सरपंच का कहना है शिकायत में जो सर्टिफिकेट लगाया गया है वह पूरी तरह फर्जी है क्योंकि सर्टिफिकेट पर स्कूल का असली लोगो और लेटर पैड नही है। जो फर्जी तयार किए गए हैं। सरपंच का कहना है की उत्तर प्रदेश के जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी सहित सभी से संबंधित अधिकारियों से परमाणित सर्टिफिकेट को शुक्रवार को जिला उपायुक्त को सौंपा जाएगा।
उनका कहना है की जांच के बाद उसका फर्जी सर्टिफिकेट पेश करने वाले लोगो के खिलाफ मानहानि और फर्जी सर्टिफिकेट तयार करने वालो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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