• मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर और कर्मचारियों को 6 महीने से नहीं मिल रहा वेतन
• वर्ष 2018 से कर्मचारियों को डीए, इंक्रीमेंट आदि की नहीं मिल रही है सुविधा
• कॉलेज के एक असिस्टेंट प्रोफेसर को वक्फ बोर्ड के चपरासी व ड्राइवर से भी कम वेतन दिया जा रहा है
• प्रोफेसर और कर्मचारियों की चेतावनी, मांगें पूरी न होने पर कॉलेज कैंपस में देंगे धरना
फोटो- मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर और कर्मचारी मीडिया के सामने अपनी समस्या बताते हुए
यूनुस अलवी
नूंह/मेवात
हरियाणा वक्फ बोर्ड प्रशासन जिले के मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज में नए-नए कोर्स लाने का दावा तो कर रहा है पर कॉलेज के प्रोफेसर और कर्मचारियों को करीब 6 महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। जिसको लेकर कर्मचारियों में वक्फ बोर्ड प्रषासन के खिलाफ खासी नाराजगी है। कर्मचारियों को अभी भी छटे पे स्केल से ही वेतन दिया जा रहा है और 2018 के बाद कर्मचारियों को न डीए मिल रहा है और न ही कोई इंक्रीमेंट लगी है। जिससे उन्हें 15 से 20 हजार रूपये का मासिक आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कॉलेज के एक एस्सिटेंट प्रोफेसर को वक्फ बोर्ड के चपरासी व ड्राईवर से भी कम वेतन दिया जा रहा है। प्रोफेसर और कर्मचारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगांे को नहीं माना गया तो उनको मजबूर होकर कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्षन करना पड़ेगा।
आपको बता दे कि हरियाणा वक्फ बोर्ड ने मेवात एवं आसपास के जिलों के बच्चों को उच्च तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से 2010 में नूंह के गांव पल्ला में मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू किया था। इंजीनियरिंग कॉलेज के कर्मचारियों और प्रोफेसरों का कहना है कि वक्फ बोर्ड प्रशासन के अड़ियल रवेये से वे बदहाल जीवन जीने को मजबूर हो रहें हैं। जिनकी सुध लेने वाला क़ोई नजर नहीं आ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि कई बार अपनी मांगों के लिए वे मुख्यमंत्री और वक्फ बोर्ड के प्रषासक से मिल चुके हैं लेकिन उनकी मांगें मानने की बजाए मौन धारण किया हुआ है।
एम्पलाई वेयफेयर एसोसिएषन (इ डब्ल्यू ए) के अध्यक्ष डाक्टर कलीम अहमद कुरैषी, महासचिव एसिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर षाहीन खान, एसिस्टेंट प्रोफेसर उमर खान ने बताया कि कॉलेज के कर्मचारी और प्रोफेसरों को नवंबर 2022 से करीब 6 महिने से वेतन नहीं मिल रहा है। कॉलेज के निदेशक, वक्फ बोर्ड के प्रषासक और मुख्यमंत्री को वे अपना 6 सूत्रीय मांग पत्र सौंप चुके हैं लेकिन प्रशासन पर इसका क़ोई असर नहीं हो रहा है। पिछले 6 महिने से वेतन ने मिलने के कारण उन्हें कर्जा लेकर अपना गुजारा करना पड़ रहा है। उनका कहना है कि वे कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं ऐसे में किसी से उधार पैसे मांगते हुए भी उनको ग्लानि महसूस होती है।
उनका कहना है कि अभी तक उन्हें सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं दिया गया है। जबकि वक्फ बोर्ड के सभी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का 2016 से ही फायदा दिया जा रहा है। 2018 के बाद से कोई इंक्रीमेंट नहीं लगाई न महंगाई भत्ता और डीए नहीं दिया है। जिसकी वजह से कर्मचारियों को 15 से 20 हजार रूपये महीने का नुकसान हो रहा है। उनका कहना है कि कॉलेज के एक असिस्टेंट प्रोफेसर को करीब 35 हजार और नॉन टीचिंग स्टाफ को करीब 15 हजार रूपये की वेतन दिया जा रहा है। जबकि वक्फ बोर्ड के एक चपरासी और ड्राइवर को असिस्टेंट प्रोफेसर को ज्यादा वेतन दिया जा रहा है। उनका कहना है कि 2010 में कॉलेज खुला है। पिछले 13 साल में किसी कर्मचारी और असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रमोषन नहीं दी गई है। जिससे कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है।
असिस्टेंट प्रोफेसर डाक्टर शाहीन खान का कहना है वह कॉलेज में 2010 से कार्यरत है। उसने 2020 में जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की हुई है। उसे अभी तक प्रमोशन नहीं दिया गया है। उनका कहना है कि इसके अतिरिक्त वक्फ बोर्ड कर्मचारियों के समान एक्सग्रेसिया पॉलिसी को भी कॉलेज के कर्मचारियों के लिए लागू नहीं किया गया और साथ ही अन्य सेवा लाभों से भी मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के कर्मचारियों को वंचित रखा गया है।
मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज, नूँह के समस्त कर्मचारियों और प्रोफेसरों का कहना है कि मेवात एवं आसपास के जिलों के बच्चों को उच्च तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा वक्फ बोर्ड द्वारा 2010 में शुरू किए मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के कर्मचारी आज वक्फ बोर्ड प्रशासन के अड़ियल रवेये से बदहाल जीवन जीने को मजबूर हो रहें हैँ जिनकी सुध लेने वाला क़ोई नजर नहीं आ रहा है जिसके लिए कॉलेज के कर्मचारियों में वक्फ बोर्ड प्रशासन के प्रति खासा रोष व्याप्त है।
मुख्य बिंदु
1.
कई बार कर चुके हैँ अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन लेकिन वक्फ बोर्ड प्रशासन ने मौन धारण किया हुआ है-
कॉलेज के कर्मचारी अपनी वेतन एवं अन्य लंबित मांगों को लेकर पिछले कई वर्षों से लगातार कॉलेज के निदेशक के साथ साथ वक्फ बोर्ड के उच्च अधिकारियों के लिए अपना 6 सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर अपनी जायज मांगों को आवाज़ उठाते आ रहें हैँ लेकिन वक्फ बोर्ड के प्रशासन पर इसका क़ोई असर नहीं हो रहा है जिसकी वजह से स्टॉफ में हरियाणा सरकार के खिलाफ भी रोष पनपने लगा है।
2.
इस मेवात जैसे पिछड़े क्षेत्र के लिए तकनीकी शिक्षा के महत्त्व को समझते हुए क्षेत्रीय विधायकों द्वारा कॉलेज के कर्मचारियों की मांगों को हरियाणा विधानसभा जैसे बड़े पटल पर उठाया था और माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा के आश्वासन के बाद भी कॉलेज के बिगड़े हुए हालातों को सुधारने के लिए वक्फ बोर्ड प्रशासन द्वारा कोई उचित कार्यवाई अमल में नहीं लाई गई और बोर्ड प्रशासन के अड़ियल रवेये कारण मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के कर्मचारियों की समस्याओं का हल नहीं निकल पा रहा है जिसकी वजह से आज हालत यह हैँ कि नवंबर -2022 के बाद कर्मचारियों का वेतन जारी नहीं किया गया है।
B) नॉन टीचिंग स्टॉफ की वेतन विसंगतियों का समाधान नहीं किया गया है जबकि कॉलेज के निदेशक द्वारा वेतन विसंगतियों को ठीक करने के लिए प्रशासक महोदय को पत्र क्रमांक “DIR/MEC/CEO-HWB/2023/6166″लिखा जा चुका है।
C) सातवें वेतन आयोग को कॉलेज के कर्मचारियों के लिए अभी तक नहीं लागू किया गया है जबकि वक्फ बोर्ड के शेष कर्मचारियों को 01 जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जा रहा है।
D) कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते को जुलाई 2018 से नहीं दिया जा रहा है जो जुलाई 2018 में 148% था जबकि आज छठवें वेतन आयोग के अनुसार आज मंहगाई भत्ता 212% है जिसकी वजह से कर्मचारियों को 15-20 हजार रूपये मासिक का नुकसान झेलना पड़ रहा है जबकि वक्फ बोर्ड के शेष कर्मचारियों को समय पर सरकार के अनुसार मंहगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है।
E) कॉलेज के कर्मचारियों को उनकी नियुक्ति के समय से ही वार्षिक वेतन वृद्धि 3% का लाभ नहीं दिया जा रहा है जबकि नियमित कर्मचारियों के लिए यह अनिवार्य है जिसकी वजह से कर्मचारियों का बोर्ड प्रशासन द्वारा शोषण किया जा रहा है।
F) इसके अतिरिक्त बोर्ड कर्मचारियों के समान एक्सग्रेसिया पॉलिसी को भी कॉलेज के कर्मचारियों के लिए लागू नहीं किया गया और साथ ही अन्य सेवा लाभोँ से भी मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के कर्मचारियों को वंचित रखा गया है।
G))पदोन्नति का लाभ भी नहीं:- किसी भी कर्मचारी को समय अंतराल पर मिलने वाली पदोन्नति उसे पहले से बेहतर ढंग से कार्य करने के लिए प्रेरित करती है लेकिन 2010 से आज तक किसी भी कर्मचारी को पदोन्नति नहीं दी गई है जिसकी वजह से कर्मचारियों की कार्यकुशलता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
H) माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी ने समस्याओं के समाधान का दिया था आश्वाशन लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैँ: गत 13 अप्रैल को पलवल जिले के उटावड गांव में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान कॉलेज के कर्मचारियों ने माननीय मुख्यमंत्री को मामले से अवगत कराया था जिसमे माननीय मुख्यमंत्री जी ने कर्मचारियों को उनकी समस्याओं के जल्द समाधान के आश्वासन के साथ-2 सरकार द्वारा मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज को अधिगृहित करने का आश्वासन भी दिया था लेकिन सीएम साहब की घोषणा के एक महीने बाद तक भी हरियाणा वक्फ बोर्ड प्रशासन के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी।
I) कठोर कदम उठाने को मजबूर–
हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासन द्वारा लगातार की जा रही उपेक्षा से त्रस्त होकर मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के कर्मचारी क़ोई बड़ा कदम उठाने को मजबूर हो रहें हैँ अग़र जल्द समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो जल्द ही कर्मचारी कॉलेज कैंपस में धरने की योजना बना रहें हैँ।
J ) हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री माननीय मनोहर लाल जी से मांग-
मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज नूँह के कर्मचारी कॉलेज के साथ साथ वेतन एवं अन्य उपरोक्त वर्णित मांगों के सन्दर्भ में अपनी लगातार बदहाल होती जा रही स्थिति को देखते हुए हरियाणा सरकार से यह मांग करते हैँ कि छात्र एवं कर्मचारी हितों के साथ-2 इस क्षेत्र के बच्चों के उज्जवल भविष्य को देखते हुए इस मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज को वक्फ बोर्ड प्रशासन से हरियाणा सरकार अपने अधीन ले जिससे कि निर्बाध रूप से मेवात जिले के साथ-2 अन्य साथ लगते जिलों के बच्चों को भी उच्च गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान की जा सके।
क्या कहते हैं डायरेक्टर
मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के डारेक्टर डाक्टर ख्वाजा रफीक अहमद ने माना की कर्मचारी और असिस्टेंट प्रोफेसरों का करीब पांच महिने से वेतन रुका हुआ है। सभी का वेतन जल्द जारी कर दिया जाएगा। वहीं अन्य मांगों के बारे में बोर्ड प्रशासन को अवगत कराया गया है।
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