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देश राजीव गांधी के त्याग व बलिदान का हमेशा कर्जदार रहेगा: आफताब अहमद 

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देश राजीव गांधी के त्याग व बलिदान का हमेशा कर्जदार रहेगा: आफताब अहमद 

यूनुस अलवी मेवात

रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया, जिला कांग्रेस मुख्यालय नूंह पर कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद की अध्यक्षता में उन्हें खिराजे अकीदत पेश की गई।

 

विधायक आफताब अहमद, पीसीसी सदस्य महताब अहमद सहित अन्य कांग्रसियों ने उन्हें याद करते हुए राजीव गांधी की सोच और पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया।

 

गौरतलब है 21 मई 1991 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के चेन्नई में स्थित श्रीपेरंबुदूर नामक गांव में लोकसभा चुनाव प्रचार करते समय आतंकवादियों ने उनकी हत्या कर दी गई थी।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्रियों में से एक थे, राजीव गांधी को अनिच्छा से अपनी मां इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद राजनीति में शामिल होना पड़ा। लेकिन देश के लिए उनका योगदान उल्लेखनीय रहा विशेष कर युवाओं को 21 साल से कम कर 18 साल की उम्र में वोट का अधिकार दिया, जिस समय यह फैसला लिया गया था, उस समय करीब 5 करोड़ युवाओं को वोट देने का अधिकार मिला था।

 

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि भारत में कंप्यूटर और संचार क्रांति का श्रेय राजीव गांधी को ही जाता है। उनका मानना था कि देश की युवा पीढ़ी को आगे ले जाना है तो उसके लिए कंप्यूटर और विज्ञान की शिक्षा जरूरी है। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने विज्ञान और टेक्नोलॉजी के लिए सरकारी बजट को बढ़ाया। कंप्यूटर की कीमतें घटाने के लिए राजीव ने अहम फैसला लिया। उन्हें इसे सरकारी नियंत्रण से बाहर किया और असेंबल कंप्यूटर्स का आयात शुरू किया। देश की 2 बड़ी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल और वीएसएनएल की शुरुआत उनके कार्यकाल में ही हुई।

 

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि राजीव गांधी ने ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के उद्देश्य से जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की। वर्तमान में लगभग हर जिले में एक नवोदय विद्यालय है और स्थिति ऐसी है कि शहरी क्षेत्र के बच्चे भी नवोदय स्कूलों में प्रवेश ले रहे हैं। राजीव ने यह फैसला 1986 में घोषित शिक्षा नीति के तहत लिया था।

 

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि

गांवों को सशक्त और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए राजीव ने पंचायती राज का बड़ा फैसला लिया। इसके माध्यम से उन्होंने पूरे देश में ग्राम सरकार की अवधारणा लागू की और पंचायतों को ज्यादा अधिकार दिए। उनका मानना था कि ग्राम पंचायतों को सत्ता में वह दर्जा मिलना चाहिए जो संसद और विधानसभा का है।

 

पीसीसी सदस्य महताब अहमद ने कहा कि एक तरफ राजीव गांधी ने युवाओं को रोजगारपरक बनाया तो आज भाजपा सरकार के राज में बेरोजगारी रिकार्ड तोड स्तर पर पहुंच गई है। एक तरफ गांव की पंचायतों को राजीव गांधी ने ताकत दी तो आज भाजपा जजपा सरकार उन्हें कमजोर करके पंच सरपंचों पर डंडे बरसा रही है। राजीव गांधी ने देश की तालीम को एक मुकाम तक पहुंचाया लेकिन भाजपा जजपा सरकार शिक्षा का बेडा गर्क कर रही है।

 

इस दौरान शरीफ अड़बर पीसीसी सदस्य, मदन तंवर पार्षद, समसू ठेकेदार रेहना, अशरफ सरपंच घासेड़ा, आमिल जुम्मा चेयरमैन, मकबूल सरपंच खेड़ला, फराहीम दिहाना, आसिफ चंदैनी, अख्तर चंदैनी, बिजेंद्र ठेकेदार उजिना, साहाबू कैराका, कबीर ठेकड़ा, मायाराम छच्छेरा, साजिद सरपंच रेवासन, नजाकत सरपंच रेहना, सुबेदीन रेहना, शहीद एडवोकेट आकेड़ा, शेरएम खेड़ला, जक्की सलम्बा, इलियास सरपंच सालाहेड़ी, इलियास ठेकेदार सालाहेड़ी, आसिफ मेवली, जाहुल मेवली, अय्युब शेहरावत, अकबर टपकन, शमीम खान रहनिया, हाजी बशीर सालाहेड़ी, लीडर सालाहेड़ी, आफाक एनएसयूआई, इरसाद सालाहेडी, फकरु कुरैशी, डा सहरू,जफरू टाई, शहीदा नवाबगढ़, मुबीन रेवासन, मुबारिक रेवासन, जमशेद रेवासन, मुक्की रेहना, मोहसिन रेवासन, असगर सरपंच तपूकडा, मौलाना फजरूद्दीन सरपंच मिरचोनी सहित अन्य सैकड़ों कांग्रेस जन मौजूद रहे।

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