डीजीपी हरियाणा ने 25 साइबर एक्सपर्ट सदस्यों की टीम का किया गठन
-जल्द ही 28 हजार साइबर मामलों की इन्वेस्टिगेशन षुरू करेगी,
-जांच में छोटे से बड़े आरोपी पुलिस की पकड़ में होंगें
यूनुस अलवी
नूंह/मेवात
मेवात पुलिस द्वारा 27/28 अप्रैल की रात्रि नूंह जिले के 14 गांवों में की गई छापेमारी के बाद मिले सबूत और संदिग्ध जानकारियों को लेकर हरियाणा पुलिस अधिकारी काफी उत्साहित है। अब पुलिस इन जानकारियों की जड़ तक जाने की तैयारी में जुट गई है। हरियाणा पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल ने नंूह जिला के लिए प्रदेष भर के 25 पुलिस साइबर एक्सपर्ट अधिकारियों की एक टीम गठित की हैं। जो एक दो दिन में नूंह जिला में अपना कार्यभार संभाल लेगी।
नूंह पुलिस कप्तान वरूण सिंगला ने ‘‘खबर हक डॉट कॉम‘‘ से खासबातचीत में बताया कि 27/28 अप्रैल की रात्री नूंह जिला के खंड पुन्हाना के 14 गावों में करीब पांच हजार पुलिस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के साथ रेड़ की गई थी। इस दौरान पुलिस ने करीब 65 साइबर आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इन साइबर आरोपियों से पूछताछ में जहां करीब 250 उनके अन्य सहयोगियों के बारे में पता चला वहीं ये भी पता चला की मेवात के इन साइबर आरोपियों ने देश के सभी प्रदेश और केंद्र शासित राज्यों में करीब 28 हजार लोगों के साथ गठी की थी।
उन्होने बताया कि नूंह पुलिस के पास इतने साइबर एक्सपर्ट नहीं हैं कि इन सभी 28 हजार मामलों की गहराई से जांच कर दोषियों तक पहुंचा जा सके। एसपी का कहना है कि उन्होंने नूंह जिला को प्रदेश भर से बेहतरीन साइबर एक्पर्ट की स्पेशल टीम गठित करने की डीजीपी से मांग की थी। अब हरियाणा पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल ने नूह जिला के लिए प्रदेश भर से 25 बेहतरीन पुलिस साइबर एक्सपर्ट अधिकारियों की एक स्पेशल टीम गठित की हैं। जो एक दो दिन में नूंह जिला में अपना कार्यभार संभाल लेगी। उन्होने बताया कि रेड के दौरान जो 65 जो साइबर क्रिमिनल्स पकड़े गए थे उनके द्वारा दी गई जानकारी के तहत हमारी जांच टीम काफी आगे बढ़ चुकी है।
इतना ही नहीं आरोपियों की जानकारी से जो 28000 लिंक मिले थे, उनको स्टेट वाइज छांट कर सभी राज्यों के पुलिस आला अधिकारी को उनकी सूचना दे दी गई है। उन्होने बताया कि प्रत्येक आरोपी की कितनी सांझेदारी है और उनके प्रदेश में कंप्लेंट किस किस प्रकार की है। इसकी भी जानकारी दे दी गई है। जिससे उन अपराधियों पर कार्रवाई अमल में लाई जाए। जिससे एक भी अपराधी बच न सके।
एसपी का कहना है कि पहले ही आरोपियों द्वारा बताए गए 250 आरोपियों की धर पकड़ के लिए मेवात की 10 टीमें उनपर रेड करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन सभी क्रिमिनल अपने ठिकाने छोड़ चुके हैं। इनता ही नहीं उन्होनें अपने नंबर भी बंद कर लिऐ हैं। एसपी का कहना है कि हम जल्द ही आरोपियांे के ठिकानों का पता लगाकर उनकी धरपकड़ करेंगे। जहां तक मोबाइल नंबर बंद करने की बात है हमने करीब 20 हज़ार नंबर बंद कराए हैं और यह हमारे पूरे साल भर में हॉटस्पॉट चालीस गांव हैं जिसे हमें साइबर विलेज पहले से निकाले हुए थे। उन गांव की छानबीन के बाद बहुत अधिक सफलता मिली है क्योंकि इतने नंबर भारी मात्रा में बंद होने से अबतक मात्र 13 कंप्लेंट आई हैं जोकि जायज है। उन सभी नंबरों को चेक करके ऑन करवा दिया है। एसपी का कहना है कि इससे यह साबित हो गया है कि जो 20 हजार फोन नंबर बंद कराए गए थे उनमें 99.99 फीसदी से अधिक नंबर फ्रॉड थे।
एसपी ने बताया कि जांच में यह भी पता चला है कि एक फर्जी सिम को एक साइबर अपराधियों की टीम मेवात में एक हजार से 12 सौ रुपये में बेची जाती है। उन्होने बताया कि अभी 40 साइबर गावों में से केवल 14 गावों में ही छापेमारी की गई है। जल्द ही बाकी 26 गावों में भी छापेमारी कर अन्य साइबर अपराधियों की धरपकड़ की जाऐगी। मेवात को अपराध मुक्त बनाया जाएगा।
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