जमीअत उलेमा हिंद के प्रतिनिधि मंडल ने दूध की घाटी में पीड़ित परिवारों के दुख दर्द को बांटा ।
पीड़ित हिंदू मुस्लिम दोनों परिवारों के लिए किया तिरपाल वितरण।साबिर कासमी
यूनुस अलवी मेवात:
जमीअत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के निर्देशन पर जमीयत के प्रतिनिधिमंडल नूंह,नगीना,फिरोजपुर झिरका,और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा बुलडोजर की कार्रवाई के दौरान तोड़े गए मकान पीड़ितों से मिले और हालात का जायजा लिया।वही पीड़ित परिवारों को बरसात के मौसम के मद्देनजर तिरपाल वितरण कर लोगों के दर्द का बांटा।
बुधवार को जमीअत उलमा-ए-हिन्द हरियाणा एंव पजांब प्रांत के अध्यक्ष मौलाना हारून कासमी के नेतृत्व और मौलाना राशिद कासमी मील खैडला एंव जिला अध्यक्ष नूंह हाजी रमजान मालब की अगुवाई में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल बडकली चौक नांगल, नगीना, सिधरावट,पथराली सहित फिरोजपुर झिरका स्तिथ दूध की घाटी पहूंचा जहां प्रशासन द्वारा गिराए गए निर्माण का बारीकी से जायजा लिया । जमीअत उलमा ए हिंद के राजस्थान महा सचिव मौलाना राशिद,मील खैडला मौलाना इलियास झिमरावट ने कहा कि हिंसा के बाद गरीबों के आशियाने को जोड़ना गैरकानूनी है। सरकार द्वारा इन गरीबों को उस हिंसा से जोड़कर देख रही जिस हिंसा का इन गरीबों के फरिश्तों को भी पता नहीं है। यह सरकार का गलत कदम है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसी भी निर्दोष को परेशान ना किया जाए, इस हिंसा के मामले में जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई की जाए ।हरियाणा पंजाब प्रांत के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन उटावड़ी,जमिअत उलेमा के हाजी हारून बडकली, जमीअत उलेमा हरियाणा के पूर्व महासचिव मौलाना शौकत अली,जमिअत उलेमा नूंह मेवात के पूर्व महासचिव एंव समाजसेवी मौलाना साबिर कासमी ने कहां की हिंसा की आड़ में प्रशासन द्वारा जिनकी दुकानों और घरों पर गलत तरीके से बुलडोजर चलाया गया है।उनकी तरफ से जमियत केस लड़ने की तैयारी कर रही है और तीसरे वे जरूरतमंद और गरीब मजदूर हैं। जो जिनकी जिविका रोजमर्रा कार्य पर आधारित है और वो मेवात के विभिन्न क्षेत्रों में रहते हैं,और उन की आजिविका के साधन को उजाड़ दिया है । लोगों को बरसात के इन दिनों में ढकने के लिए छत नहीं रह है जिसके लिए उन्हें त्रिपाल उपलब्ध कराया गया। उन्होंने बताया कि यह तिरपाल वहां रह रहे दोनों समुदायों के पीड़ित परिवारों को दिया गया है
फोटो: दूध की घाटी में पीड़ित परिवारों को तिरपाल वितरित करते जमीअत उलमा-ए-हिन्द के पदाधिकारी।
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