• नूंह हिंसा के लिए सरकार जिम्मेदार, मामन खान को षडयंत्र के तहत फंसाया गया: आफताब अहमद
• मेवात के भाईचारे को खराब करने के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार: मौहम्मद इल्यास
यूनुस अलवी
नूंह/मेवात
नूंह हिंसा मामले में आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज होता जा रहा है, एक तरफ जहां भाजपा के नेता मोनू मानेसर के बेकसूर होने व उन्हें कानूनी मदद देने का ऐलान कर रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफताब अहमद, पुन्हाना विधायक चौधरी मौहम्मद इलियास ने जिला कांग्रेस मुख्यालय नूंह पर प्रेस वार्ता कर प्रदेश सरकार को कटघरे में खडे करते हुए हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया और कांग्रेस विधायक मामन खान को शाजिस के तहत फंसाने का आरोप लगाया। उन्होंने हाईकोर्ट सिटिंग जज द्वारा जांच की मांग करते हुए कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी हो, फिर जो दोषी हो उन्हें कडी सजा मिले।
सीएलपी उप नेता विधायक आफताब अहमद ने कहा कि 31 जुलाई व उसके बाद हुई दुखद व दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा
मेवात के भाईचारे को खराब करने की बाहरी कोशिश थी जिसकी सभी मजमम्त करते हैं, जिसमें हिंदु मुस्लिम सभी का नुकसान हुआ। हिंसा रोकने में प्रशासन व भाजपा जजपा सरकार गुप्त सूचना के बावजूद विफल रही। स्वयं विधायक आफताब अहमद ने भी घटना से पहले प्रशासन से इस संदर्भ में बात की लेकिन बावजूद इसके प्रयाप्त पुलिस बल तैनात नहीं किया और पुलिस कप्तान को छुट्टी पर भेज दिया गया।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि स्वयं ग्रह मंत्री आरोपी मोनू मानेसर को क्लीन चिट देने में लगे थे लेकिन राजस्थान पुलिस के दावों ने साफ कर दिया है कि राजस्थान के नासिर जुनैद जघन्य हत्याकांड में उनकी बडी भूमिका रही थी। विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार कई मामलों में वांछित आरोपी मोनू मानेसर व बिट्टू बजरंगी पर समय रहते कार्रवाई करती तो हिंसा रोकी जा सकती थी। लेकिन सरकार की लापरवाही का आलम ये रहा कि आरोपी देश छोड़कर दूसरे मुल्क थाइलैंड में फरारी काटता रहा और हरियाणा पुलिस लाचार बनी रही। विधायक ने कहा कि साफ प्रतीत होता है कि मोनू को सरकारी संरक्षण प्राप्त था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मोनू कोई गौ रक्षक नहीं बल्कि इस आड में रैकेट चलाने का कार्य करता था, वो लोगों की जान से लगातार खेलते आ रहा था।
आफताब अहमद ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण और आश्चर्यजनक है कि जिस राजस्थान घाटमीका निवासी व्यक्ति ने नासिर जुनैद हत्याकांड की शिकायत दर्ज कराई थी, नगीना पुलिस ने उसी 62 वर्षीय इस्माइल बुजुर्ग के खिलाफ नूंह हिंसा मामले में मुकदमा दर्ज किया, जो पुलिस की मेवात में कार्यशैली व मानसिकता का परिचायक है।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए हरियाणा सरकार विपक्षी नेताओं को झूठा फंसाकर खुद बचना चाहती है। इसी कड़ी में विधायक मामन खान को गलत तरीके से फंसाने की शाजिस साफ नजर आ रही है जिसका पूरी कांग्रेस पार्टी विरोध करती है। हम पहले दिन से ही मांग कर रहे हैं कि इस पूरे प्रकरण की जांच हाईकोर्ट सिटिंग जज से कराई जाए, स्वयं आफताब अहमद ने इस मानसून सत्र में इस मांग को उठाया था लेकिन भाजपा जजपा सरकार न्यायिक जांच से भागती रही।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि वो व उनके साथी विधायक मौहम्मद इलियास मानसून सत्र के दौरान डीजीपी से मिले थे और नूंह सहित अन्य जिलों में हुई हिंसा के बाद पुलिस की गलत कार्यशैली, नाजायज गिरफ्तारियों, मकान दुकान गिराए जाने व विपक्ष पर अनर्गल कारवाई के खिलाफ अपनी बात रखी थी।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि जब तक बेकसूर लोगों को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वो जनता के हितों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।
पुन्हाना विधायक मौहम्मद इलियास ने कहा कि अगर हरियाणा पुलिस नासिर जुनैद जघन्य हत्याकांड में समय पर उचित कार्रवाई करती तो पीड़ितों को जान के साथ साथ इलाका भी बर्बाद होने से बच जाता। विधायक इलियास ने मेवात के भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी की मांग करने पर कहा कि ऐसे नेताओं को सबक सिखाने के लिए मेवात की जनता तैयार बैठी है। मेवात की जनता को जब-जब इन नेताओं की जरूरत पड़ी तो कभी ये चुप रहकर तो कभी मेवात की जनता के खिलाफ ब्यान देते दिखाई दिए हैं।
पूर्व विधायक शहीदा खान ने कहा कि हिंसा की जांच हाईकोर्ट सिटिंग जज द्वारा की जाए और उन लोगों को कड़ी सजा दी जाए जो इसके सूत्रधार है और हिंसा करने वाले हैं। मेवात में आज भी हिंसा के नाम पर एक तरफा कार्रवाई की जा रही है। और मेवात के हजारों लोगों को उनके आशियाना उजाड़ कर बेघर कर दिया गया है। भाजपा जजपा सरकार पूरी तरह से विफल रही और हिंसा के लिए जिम्मेदार है।
वहीं महताब अहमद ने कहा कि विधायक मामन खान मामले को न्यायालय में लडा जा रहा है, हमें न्यायालय पर भरोसा है कि इस मामले में जल्द न्याय होगा और मामन खान निर्दोष साबित होंगे और जो दोषी हैं उन्हें सजा मिलेगी। अभी तक पुलिस कोई भी ऐसा ठोस सबूत नहीं जुटा पाई जिससे सरकारी दावों की पुष्टि हो सके।
इस दौरान पीसीसी के सदस्य शरीफ अड़बर शाहुन ऐडवोकेट, पार्षद मदन तंवर, साकिर सरपंच माहौली सहित अन्य कांग्रेसी लोग मौजूद थे।
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