तावडू में सफाई कर्मचारी संघ के कर्मचारियों ने मांगों को लेकर निकाला जलूस, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी।
नसीम खान
तावडू :
नगर पालिका कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर शहर में सरकार के खिलाफ जलूस निकाला। इस जलूस में सफाई कर्मचारियों ने झाडू उल्टी उठाई व काले झंडे दिखाकर रोष प्रकट किया। वहीं कर्मचारियों ने जनता से सहयोग की अपील की है। यह जानकारी नगरपालिका सफाई कर्मचारी संघ के स्थानीय प्रधान मामचंद लुहेरा ने दी।
उन्होंने बताया कि मानव जीवन में सफाई व्यवस्था का बहुत महत्व है। गलियों, नालियों, सीवर लाइन, पानी की उपलब्धता और निकासी के बिना शहरी जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। मूलभूत नागरिक सुविधाएं देने के पीछे हजारों पालिका कर्मचारियों को स्वयं बहुत कठिन, नरकीय और जोखिम भरे हालातों में काम करना पड़ता है। मानवीय संवेदना के अभाव में हरियाणा सरकार ने नव उदारीकरण, निजीकरण, भूमंडलीकरण और वर्क आउटसोर्स, ऑपरेशन एंड मेंटिनेस मॉडल, आरपीएफ स्टैंडर्ड, डोर टू डोर की नीतियां लागू करते हुए गरीब वर्ग के कर्मचारियों का शोषण बढ़ा रही है और जनता को मिलने वाली सुविधाओं को जटिल बनाने के साथ-साथ महंगा भी कर रही है। इन नीतियों का कुप्रभाव बेरोजगार युवाओं पर पड़ रहा है। ठेकेदारों द्वारा बहुत कम वेतन दिया जाता है, न ही ईएसआईए ईपीएफ व श्रम कानूनों के तहत मिलने वाली सुविधाएं दी जाती हैं। इन नीतियों का सबसे अधिक प्रभाव समाज में सबसे शोषित सफाई व सीवर में काम करने वाले विशेष समुदाय के लोगों के जीवन पर पड़ रहा है। कहने को तो सरकार अंत्योदय की बात करती है, लेकिन समाज के सबसे अंत में खड़े सफाई कर्मचारियों व सीवर कर्मचारियों को ठेकेदारों के रहमो करम पर छोडक़र बन्धुआ मजदूर बना दिया है। ठेकेदारों के शोषण से मुक्ति के नाम पर हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया है। यद्यपि इसमें सफाई कर्मचारियों व सीवरमैनों को शामिल नहीं किया है। हकीकत में तो कौशल रोजगार निगम का गठन ही सदैव चलने वाले काम के लिए ठेका भर्ती की पक्की नीति के लिए ही किया गया है। इस अवसर पर जलूस निकालते हुए कर्मचारियों ने सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की और कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने सहित विभिन्न मांगों को रोष प्रकट करते हुए कहा।
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