नीली क्रांति को बढ़ावा देने में कारगर सिद्ध हो रही है प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
ख़बरहक़
नूंह :
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत मत्स्य पालकों को विभिन्न श्रेणियों के तहत अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। योजना नीली क्रांति को बढ़ावा देने तथा बेरोजगार नवयुवकों को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए काफी कारगर सिद्ध हो रही है।
यह जानकारी देते हुए जिला मत्स्य पालन अधिकारी धमेन्द्र सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा जिले में बेरोजगार व्यक्तियों को स्वरोजगार से जोडऩे तथा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत प्रति हेक्टेयर 14 लाख खारे पानी व मीठे पानी 11 लाख रुपए के प्रोजेक्ट पर अनुसूचित जाति व महिला वर्ग को 60 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत की दर से अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे किसान जिनके पास पर्याप्त मात्रा में नहरी पानी उपलब्ध नहीं हैं तथा भूमिगत जल भी खारा/लवणीय हैं, वे मछली पालन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। झींगा मछली पालन से प्रति एकड़ 5 से 6 लाख रुपये तक की आमदनी प्राप्त की जा सकती है। जिले के अनेक किसानों ने 1500 हैक्टयर में जल क्षेत्र में मछली पालन का व्यवसाय शुरू करके औसतन पैदावार 9.5 टन प्रति हेक्टेयर प्राप्त की है।
जिला मत्स्य अधिकारी ने बताया कि मत्स्य पालन को बढ़ावा देने तथा मत्स्य पालकों को उत्तम किस्म का बीज उपलब्ध करवाने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिले में तीन प्राइवेट बीज हैचरी हैं, जिनमें 6 प्रकार की मछलियों का बीज तैयार किया जाता है।
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Author: Khabarhaq
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