नाबालिक का दुष्कर्म के दोषी को दस साल की सजा
अदालत ने दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया,
यूनुस अलवी,
नूंह,
नूंह को पास्को अदालत ने नाबालिग से जबरन दुष्कर्म किए जाने के मामले में दोषी ठहराते हुए एक व्यक्ति को दस वर्ष कारावास और दस हजार रुपये का जुर्माना भरने का फैसला सुनाया है।जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को छह महीने अतिरिक्त सजा के तौर पर जेल में काटने होंगे। मामला नूंह थाने के एक गांव का है।
इस फैसले में खास बात यह रही कि सुनवाई के दौरान मुख्य गवाहों द्वारा मुकर जाने के बाद भी अदालत ने साइंटिफिक आधार पर जुटाए गए सबूतों को मुख्य सबूत मान कर आज सुनाई हे। नूंह में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की विशेष अदालत के विशेष – अभियोजक आकाश तंवर ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल 2020 में नूंह थाने के एक गांव में रात के समय में षड्यंत्र के तहत पहले नाबालिग को एक महिला के माध्यम से घर से बाहर बुलाया, फिर मौके पर पहुंचे आरोपी मुशर्रफ नाबालिग को जबरन पशुओं के बाड़े में ले गया, जहां पर जबरन दुष्कर्म किया। पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि देर रात घर से बाहर निकली नाबालिग बेटी घर नहीं लौटी तो जब वह उसे तलाश करते हुए बाहर
निकला तो उसे चीखने की आवाज सुनाई दी। जब वह
मौके पर पहुंचे तो आरोपी मुशर्रफ उसकी बेटी से जबरन दुष्कर्म कर रहा था,
जिसे मौके पर ही दबोचने की
कोशिश की लेकिन भागने में कामयाब रहा। मुशर्रफ अपना मोबाइल, चश्मा और चप्पल मौके पर ही छोड़ गया। पीड़िता नाबालिग के पिता के बयान पर नूंह महिला थाना पुलिस ने केस दर्ज किया। करीब एक महीने बाद मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी हुई।
करीब साढ़े तीन वर्ष तक मामले की अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान शिकायतकर्ता सहित सभी गवाह अदालत में अपने बयानों से पलट गए, लेकिन पुलिस के सहयोग से जुटाए गए सभी प्रकार के सबूत जिनमे डीएनए जांच व एफएसएल की पॉजिटिव रिपोर्ट को अहम सबूत बने। साथ ही मजबूत पैरवी के साथ अदालत में इन सबूतों को पेश किया गया। जिनके आधार पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेंद्र पाल की अदालत ने आरोपी मुशर्रफ को दोषी ठहराते हुए सजा शनिवा
र को सुनाई।
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