घने कोहरे के बीच मदरसा मादिनूल उलूम झिमरावट में मनाया गया गणतंत्र दिवस
फोटो इस्लामी मदरसा में राष्ट गान के वक्त सावधान मुद्रा में खड़े मदरसे के बच्चे
तसलीम अलवी,
पुन्हाना,
जंहा शुक्रवार पूरे भारत देश मे 75वां गणतंत्र दिवस मनाया गया वही मेवात के
इस्लामी मदरसे भी इससे पीछे नहीं रहे। पिनगवां खंड के गांव झिमरावट स्थित इस्लामी मदरसा मादिनूल उलूम मे हर साल कि तरह इस बार भी 75वां गणतंत्र दिवस को बड़े धूमधाम से मनाया गया। घना कोहरा होने के बावजूद भी मदरसे के बच्चो में जोश और जज्बा देखा गया। वही ठंड से बचने के लिए बच्चों ने चादरें ओढ़े हुई थी। मदरसा मादिनूल उलूम झिमरावट के संचालक हज़रत मौलाना मोहम्मद इलियास साहब ने झंडा फहराया। उसके बाद कुराने पाक की तिलावत कारी अब्दुल मोमिन फिरोजपुर नमक ने की और नात शरीफ मोहम्मद जाहिद तिरवाडा ने पढ़ी और मदरसा मे राष्ट्रीय गीत भी गाया गया। वही जंगे आजादी में मुहिब्बाने वतन ने जो कुर्बानी दी थी उनको खिराजे अकीदत पेश किया गया। मदरसा के बच्चों ने जंगे आजादी में मुसलमान और उलेमा का क्या किरदार रहा, क्या -क्या कुर्बानी दी और मौजूदा हालात में क्या दिखाया जा रहा है इन सब बातों पर रोशनी डाली गई।
इस मौके पर मदरसा मादिनूल उलूम झिमरावट के संचालक हज़रत मौलाना मोहम्मद इलियास ने कहा की देश की आजादी में जितनी हिस्सेदारी अन्य कोमो की है उससे कही ज्यादा मुसलमानों को रही है। अंग्रेजो ने 75 हजार उलेमाओं को पेड़ो पर लटकाकर फांसी दे दी लेकिन फिर भी अंग्रेज देश के बहदूरो के हौंसले को रोक नहीं पाए। उन्होंने कहा देश को आजादी में मेवात भी पीछे नहीं रहा करीब दस हजार मेवातियों ने देश की खातिर कुर्बानी दी थी।
निजामत मौलाना मोहम्मद हसन क़ासमी ने मदरसा के नाजिम तालिमात हज़रत मौलाना अब्दुल लतीफ साहब ने प्यारे मुल्क में अमन व आपसी भाईचारा कायम रहने कि दुआ कराई।
प्रोग्राम में आस पास के गांव से लोगों ने भी शिरकत की।
इस मौके पर मौलाना अब्दुल लतीफ साहब, मौलाना मोहम्मद कासिम साहब, मौलाना मोहम्मद हसन साहब क़ासमी, मुफ्ती जुहैर, मौलाना मोहम्मद साद मरोड़ा मौ: सालिम झिमरावट सुलेमान आदि
मोजूद रहे।
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