बिन पंडित और बिना सात फेरे लिए हुई हिंदू लड़की की शादी
फोटो नगीना में शादी के दौरान वर वधु और परिजन
यूनुस अलवी
नूंह,
शायद यह भारत की पहली शादी हो जिसमें बिना पंडित के विवाह संपन्न किया गया ना कोई फेरा ना कोई मंत्र पढ़ा गया। ये मामला नूंह जिला के नगीना गांव में सामने आया है। जहा इस तरह की शादी देखने को मिली है। लड़की के पिता रविंदर का कहना है उनके पूर्वज एक ऐसी रीति रिवाज तथा विश्वास के साथ शादियां कर रहे थे जो उनके समाज वा धर्म में नहीं बताया गया। आज उसने अपनी बेटी की शादी बिना मंत्र, बिना पंडित और बिना सात फेरे के कराई है।
वही नूंह जिला के गांव सलंबा निवासी एवम बामसेफ के प्रदेश अध्यक्ष समाजसेवी समय सिंह का कहना है अब तक हमारे पूर्वज पंडित वह ब्राह्मणों से शादियां 7 फेरों के साथ करते आ रहे हैं जबकि यह आरएसएस की चाल है आज हमने उनकी इस चाल को तोड़ने का काम क्या है और बिना मंत्र वा बिना 7 फेरों के यह शादी करवाई है। उन्होंने कहा जब बेटी और बेटा हमारे तो पंडित शादी की तारीख फिक्स क्यों करें आज से हम खुद तय करेंगे शादी कब किस दिन किस महीना मे करेंगे।
उन्होंने कहा अगर ब्राह्मण वा पंडित के द्वारा निकाली गई लगन वा सगाई सही होती तो आज हमारे समाज में एक भी बहन बेटी विधवा नही होती उन्होंने कहा इंदिरा गांधी मेनका गांधी जैसी महिलाओं का फेरा 121 पंडितों ने कराया लेकिन वह जवानी में ही विधवा हो गई। समय सिंह का कहना है हम बाबा भीमराव अम्बेडकर के वंश हैं और उन्होने ऐसे रितिरिवाजो को मना किया है। उन्होंने वर्ष 2018 में खुद अपने भतीजे और भतीजी की शादी भी बिना फेरे, पंडित के कराई है। ये एक पाखंड हैं।
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