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खूनी रोड़ के नाम से मशहूर दिल्ली-अलवर 248ए को फोरलेन बनाने की 838 करोड़ की डीपीआर तैयार

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खूनी रोड़ के नाम से मशहूर दिल्ली-अलवर 248ए को फोरलेन बनाने की 838 करोड़ की डीपीआर तैयार

करीब 50 किलोमीटर रोड पर दो बाईपास, सात वीयूपी व दो एलवीयूपी पुुल बनेगें

लोग गडढ़ांें की समस्या से परेशान न हों सडक की मरम्मत के लिए पांच करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशी मंजूर

 

यूनुस अलवी

नूंह (मेवात)

नूंह जिला की खूनी रोड़ के नाम से मशहूर दिल्ली-अलवर 248ए सड़क को फोरलेन बनाने की सरकार ने प्रकिया शुरू कर दी है। नूंह से राजस्थान बॉर्डर तक करीब 50 किलोमीटर सड़क को फॉरलेन बनाने के लिए 838 करोड़ की डीपीआर तैयार कर फाईनल मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा गया है। जिसकी जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। करीब 50 किलोमीटर दिल्ली-अलवर रोड पर दो बाईपास, सात वीयूपी व दो एलवीयूपी पुुल भी बनाएं जाऐगें। नूंह से राजस्थान बॉर्डर तक दिल्ली अलवर रोड पर गडढ़ांें की समस्या से लोगों को छुटकारा मिल सके इस सडक की मरम्मत के लिए करीब पांच करोड़ रूपये की अतिरिक्त राशी भी मंजूर गई है।

आपको बता दें कि नूंह को 2005 में मेवात के नाम से कांग्रेस सरकार ने जिला बनाया था। नूंह को छोड़कर देश का ऐसा कोई जिला नहीं है जो फॉरलेन सड़क से न जुड़ा हुआ है। कांग्रेस सरकार ने सोहना से राजस्थान बॉर्डर तक फोरलेन बनाने की मंजूरी थी जो केवल सोहना से नूंह तक ही बन सका है।

दो बार पैदल यात्रा कर चुके हैं समाजसेवी

नूंह से राजस्थान बॉर्डर तक करीब 50 किलोमीटर सड़क को फोरलेन बनाने की मांग दो दशकों से इलाके के लोग उठाते आ रहे है। सैंकड़ों बार सरकार और अधिकारियों को ज्ञयान सौंप चुके है। इतना ही नहीं सरकार तक अपनी बात पहुुंचने के लिए जिले के समाजसेवी बडकली से नूंह तक 22 किलोमीटर पैदल यात्रा तक सरकार को ज्ञापन भी सौंप चुके है। हमारा अधिकार मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष फजरूदीन बेसर का कहना है कि दो दशकों से 248ए को फॉरलेन बनाने के लिए काफी संघर्ष किया लेकिन अभी तक इस सड़क का काम शरू नहीं हुआ। उसकी करीब 70 साल की आयू है वह दो बार बडकली से नूंह तक 22 किलोमीटर पैदल यात्रा में शामिल हुआ और सरकार को ज्ञापन भी सौंपा था।

 

दस साल में करीब 1350 मौतें हुई

नूंह से राजस्थान बॉर्डर मूंडाका तक करीब 50 किलोमीटर लंबा हैं ये सिंगल वे सडक है। जिसकी वजह से यहां अक्सर सड़क हादसे होते रहते हैं। जानकारी के अनुसार पिछलेे करीब दस साल में 1350 से अधिक लोगों की मौते हों चुकी है। जबकि कई हजार लोग गंभीर रूप से घायल भी हो चुकी है। आए दिन सडक हादसों में मौते होने की वजह से लोगों ने इस सड़क को खूनी सड़क के नाम से पुकारने लगे है। अब विपक्ष के नेता भी नूंह अलवर रोड़ को खूनी रोड़ कहते है।

मालब और भादस में बनेंगे दो बाईपास

लोक निर्माण विभाग द्वारा जो डीपीआर तैयार किया है उसके अनुसार मालब और भादस गांव में दो बाईपास बनाने की योजना है। बाईपास बनने से जहां गांव के लोगों को अधिक ट्रैफिक की समस्या से फायदा होगा वहीं गुरुग्राम से अलवर तक जाने वाले लोगों को भी बिना किसी रूकावट के सफर आसान होगा।

 

सात वीयूपी और दो एलवीयूपी अंडर पास बनेगें

नूंह से राजस्थान बॉडर तक 248 ए नंश्नल मार्ग पर सात वीयूपी और दो एलवीयूपी अंडर पास बनेगें। लोकनिर्माण विभाग द्वारा तैयार की गई डीपीआर के अनुसार नूंह पाईपास, मुरादबास, आकेड़ा चौकी, भादस शिकरावा मौड, बडकली चौक, मांडीखेड़ा में अल आफिया अस्पताल के पास और फिरोजपुर झिरका में अंबेडकर चौक सहित कुल सात व्हीकल ऑवर पास (वीयूपी) तथा अटेरना शमशाबाद और बलई रोड पर दो लोहाईट व्हीकल ऑवर पास (एलवीयूपी) बनाए जाऐगें। व्हीकल ऑवर पास की ऊंचाई करीब 18 फीट उंची होगी जबकि लोहाईट व्हीकल ऑवर पास काफी नीेचे होगी। यानि की वीयूपी अंदर पास में से बडे वाहन गुजर सकेगे जबकि एनवीयूपी अंदर पास से छोटे वाहन की गुजर सकेगें।

 

248ए को फोर लेन बनाने का डीपीआर को जल्द मंजूरी मिल सकेगी

लोकनिर्माण विभाग नूंह के कार्यकारी अभियंता शमशेर सिंह ने बताया कि नूंह से राजस्थान के मूंडका बॉडर तक करीब 50 किलोमीटर सड़क को फॉर लेन बनाने के लिए 838 करोड की डीपीआर सरकार को फाईनल मंजूरी के लिए भेज दी है। सरकार से मंजूरी मिलते ही इसके टेडर छोड दिए जाऐगें। उन्होने बताया कि जब तक सडक बने उस समय तक राहगीरों को परेशानी हो इसको लेकर सरकार ने सड़क की मरम्मत के लिए पांच करोड़ रूपये की राशि मंजूर की है। जिसका कार्य जल्द शुरू कर दिया जाऐगा।

 

 

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