नगीना से पिनगवां के लिए आचार्य श्री ने किया विहार
आचार्य श्री से विस्तारपूर्वक किया सामाजिक व धार्मिक ज्ञान प्राप्त :रजत
कृष्ण आर्य,
पुन्हाना,
जैन मुनि वात्सल्य मूर्ति आचार्य108 श्री ज्ञानभूषण जी मुनिराज रत्नाकर ने श्री चंद्र प्रभु दिगम्बर जैन मंदिर नगीना से पिनगवां के लिए संसघ मंगल विहार किया। उपरोक्त जानकारी समाजसेवी व पूर्व अध्यक्ष रजत जैन ने देते हुए बताया की आचार्य श्री ज्ञानभूषण24 फरवरी 2024 को फिरोजपुर झिरका से नगीना मंगल विहार करके पधारे थे।16 फरवरी को श्रद्धालुओं के साथ लगभग दोपहर 01 बजे पिनगवां के लिए विहार किया तो पावन,पवित्र, पुण्य तपोभूमि नगीना नगरी जिओ ओर जीने दो के जयघोषों से गुंजायमान हो गई ।विहार के समय जनता की आखों से खुशी के आंसू बहने लगे।रजत जैन ने बताया की तीन दिन तक नगीना में विशेष धर्म प्रभावना जागृत रही।जिसमें ज्ञानभूषण ने ज्ञान गंगा बहाई। जनता ने प्राचीन भारतीय संस्कृति सभ्यता गौरवमय इतिहास की जानकारी प्राप्त की। अहिंसा परमो धर्म व जिओ और जीने दो के सिद्धांत के बारे में भी ज्ञान प्राप्त किया। आचार्य श्री से विस्तार पूर्वक सामाजिक व धार्मिक ज्ञान प्राप्त किया। धार्मिक ग्रंथों व शास्त्रों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।
इस अवसर पर क्षुल्लक श्री105 ऋतुभूषण जी महाराज, क्षुल्लिका श्री 105 ज्ञानवर्षा माता जी,भारतीदीदी,सुधीर,जैन,सुनील जैन,महावीर जैन,सुमन जैन,राधिका जैन,प्रिया जैन,वंदना जैन,मेहर जैन,अनिल जैन,शेखर जैन,कृष जैन,अरिहंत जैन,मुकेश जैन, सुरेन्द्र जी,अंश जैन,किशन जैन, नरेश जैन, आदि उपस्थित रहे।
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