गुलालता गांव पानी भरने से बना टापु, करीब 1700 एकड फसल बरबाद
-लोग सस्ते में पशुओं को बैचने को हो रहें हैं मजबूर
-पिछले 17 साल से गांव के लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं
-बरसाती पानी की निकासी न होने से हर साल गांव की सारी फसल बर्बाद हो जाती है
-ग्रामीणों ने पानी निकासी का स्थाई समाधान को सरकार और प्रषासन से लगाई गुहार
फोटो-गांव गुलालता की पानी भरने से खराब हुई गेहूं की सैंकड़ांे एकड़ फसल
यूनुस अलवी
नूंह
नूंह जिला का गांव गुलालता के खेतों से बरसाती पानी की निकासी का कोई प्रबंध न होने से करीब 1700 एकड़ फसल हर साल बरबाद हो जाती है। अभी भी गांव के खेतों में एक से तीन फीट तक पानी भरा होने से जहां गांव टापू में तबदील हो गया है। वही गेंहू, सरसों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। हरे चारे की समस्या के चलते किसान अपने पषुओं को सस्ते दामों में बैचने को मजबूर हो रहे है। गांव के लोग इस समस्या से पिछले 17 सालों से जूझ रहे है। किसानों ने उनके गांव की समस्या का समाधान कराने की गुहार लगाते हुऐ कहा कि जब तक उनके खेतोें में भरे पानी को किसी नाले में नहीं डाला जाता तब तक ये समस्या बनी रहेगी।
गांव गुलालता निवासी किसान जाकिर, मोम्मद आफताब का कहना है कि बरसात का पानी खेतों में भर जाने से हर साल उनकी फसल बर्बाद होती है। रबि और खरीब की फसल हर साल बर्बाद हो जाती है। उनकी समस्या के समाधान की तरह न तो सरकार ध्यान दे रहीे और न नेता ही कोई सुध लेने आता है।
गांव सेवानिवृत हेडमास्टर एंव किसान इमरत खां ने कहा कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो गांव के लोग मजबूर होकर प्लान करने लग जायेगें, या फिर पहाड पत्थर फोडकर अपना पेट पालने को मजबूर होगें। कई बार षिकायत की अधिकारी आते हैं लेकिन समाधान कोई नहीं होता। गांव के लोग अनाज और चारा मौल का खरीदते हैं। एक एकड खेत में करीब 15 से 17 हजार खर्चा हो जाता है लेकिन ज्यादा बरसात होने से सब बर्बाद हो जाता है।
गांव के अली मोहम्मद का कहना है कि यह अकेले उनके गांव की समस्या नहीं बल्कि रायपुर, जाडोली, भूरिका, जालिका आदि गांवों में बनी हुई है। उनका कहना है कि गांव के खेतों से पानी निकासी के लिए कोई नाला निकाला जाये तभी समस्या का स्थाई समाधान हो सकता है।
क्या कहती हैं एसडीएम
पुन्हाना की एसडीएम मनीषा षर्मा का कहना है कि गांव के किसी भी किसान ने अभी तक पानी की समस्या के बारे कोई ष्किायत नहीं की है, आज अमर अमर उजाला के माध्यम से जानकारी मिली है।, बृहस्पतिवार को ही गांव में अधिकारी भेजकर समस्या का जायजा लेकर समाधान कराया जायेगा।
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