बडी खबर—-
-कस्टमरी लॉ को निरस्त कर मुस्लिम पर्सनल लॉ में जोडने की उठी मांग
-कस्टमरी लॉ से मुस्लिम लडकियों को पैत्रिक संपत्ति से हिस्सा नहीं मिलता
-धार्मिक उलेमाओं ने मुस्लिम बेटियों को को हक दिलाने उठाई मांग
-कस्टमरी लॉ (रिवाज ए कानून) को निरस्त करने विधानसभा में लाया जा सकता है प्राईवेट बिल
-बिल को पास कराने मेवात के भाजपा नेता सरकार से करेगें अपील
-कस्टमरी लॉ से मुस्लिम महिलाओं को पैत्रिक जायदाद से करता है वंचित
यूनुस अलवी
नूंह/हरियाणा
कस्टमरी लॉ एक ऐसा कानून है जिसके जरिये लडकियों को उनकी पैत्रिक संपत्ति से हिस्सा नहीं मिलता जबकि इसलाम धर्म में मुस्लिम पर्सनल लॉ पैत्रिक संपत्तियों में हिस्सा देता है। कस्टमरी लॉ के चलते हजारों लडकियां अपनी पैत्रिक संपत्ति से वंचति रह जाती है। कस्टमरी लॉ को निरस्त कर मुस्लिम पर्सनल लॉ में लागू करने की मांग उठने लगी है। मेवात के वरिष्ठ धार्मिक उलेमाओं के आहवान पर मेवात के राजनेताओं ने बड़ा फैंसला लेते हुए कस्टमरी लॉ (रिवाज ए कानून) को निरस्त कराने और मुस्लिम लॉ लागू कराने की मांग को लेकर मेवात के तीनों कांग्रेसी विधायक विधानसभा में प्राईवेट बिल ला सकते हैं। अगर मेवात के कांग्रेस विधायक प्राईवेट बिल लेकर आते हैं तो उसे पास कराने में मेवात के मुस्लिम भाजपा नेता सरकार से अपील करेगें। मेवात के धार्मिक उलेमाओ ने कस्टमरी लॉ को सरियत के खिलाफ बताते हुऐ कहा कि इसलाम धर्म बेटियों को उनके पैत्रिक संपत्ति में हिस्सा देता है जबकि कस्टमरी लॉ मुस्लिम महिलाओं को पैत्रिक जायदाद से वंचित करता है।
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद, कांग्रेस विधायक मोहम्मद इलयास का कहना है कि उलेमाओं ने उनके सामने मांग रखी है कि कस्टमरी लॉ को निरस्त कराकर मुस्लिम लॉ के जरिया मुस्लिम बेटियों को उनके पैत्रिक जायदाद से हिस्सा दिलाया जाये। उनका कहना है कि कस्टमरी लॉ पंजाब ऐक्ट है जो हरियाणा में भी लागू है। वह सभी कांग्रेस विधायकों से बातचीत करेगें और उलेमाओं की मांग पर गौर किया जायेगा। आने वाले विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायक प्राईवेट बिल के तौर पर ला सकते है।
हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रषासक और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी जाकिर हुसैन का कहना है कि अगर कांग्रेस विधायक विधानसभा में कस्टमरी लॉ को खत्म करने बारे प्राईवेट बिल लेकर आते हैं तो मेवात के सभी मुस्लिम नेता इसका समर्थन करेगें और सरकार से इसे पास कराने की मांग रखेगें।
धार्मिक गुरू मुफ्ति जाहिद हुसैन ने बताया कि इसलाम धर्म बेटियों को पैत्रिक संपत्ति से हिस्सा देता है जबकि कस्टमरी लॉ से बेटियों का हिस्सा छीना जा रहा है। यह निरस्त होना चाहिए। उन्होने बताया कि इसलाम धर्म में बेटे को पैत्रिक जमीन से दोगुणा और बेटी को एक गुणा हिस्सा देने का प्रावधान है। जब जितनी बेटी और बेटे होगें उनके हिसाब से पैत्रिक संपत्ति से बटवारा होगा।
क्या है कस्टमरी लॉ
कस्टमरी लॉ यानी रिवाज ए कानून इसे अग्रेजों के समय बनाया गया था लेकिन आजादी के बाद भी इसे जारी रखा गया। हरियाणा में कस्टमरी लॉ पंजाब ऐक्ट के तहत बना हुआ है। कस्टमरी लॉ के जानकारों का कहना है कि अगर किसी आदमी के बेटा न हो और बेटियां है उसकी जायदाद में से बेटी को हिस्सा जाने की बजाये लडकियों के पिता के खून के रिस्ते में जमीन अपने आप चली जाती है। पति के मरने के बाद महिला उस जमीन से अपना गुजर बसर तो कर सकती है लेकिन वह जमीन को बैच नहीं सकती। केवल किसी बच्चे के गोद लेने से ही जमीन रूक सकती है।
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