मदर्स डे के अवसर पर पहला सामूहिक विवाह सम्मेलन -सम्मेलन में 6 मुस्लिम जोडों का पढ़ाया निकाह
-परिवार और जोडों ने संस्था की पहल को बताया अच्छा कदम
-दहेज प्रथा के खिलाफ एक मुहिम बनेगा सामुहिक शादी सम्मेलन
-परिवार और जोडों ने संस्था की पहल को बताया अच्छा कदम
-दहेज प्रथा के खिलाफ एक मुहिम बनेगा सामुहिक शादी सम्मेलन
यूनुस अलवी
पुन्हाना/मेवात-हरियाणा
मदर्स डे के अवसर पर सर्व समाज सेवा समिति द्वारा रविवार को पिनगवां के आईकेएम स्कूल के प्रांगण में पहला सामुहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमंें 6 मुस्लिम लडकियों का एक ही पंडाल में निकाह पढ़ाया गया। सर्व समाज सेवा समिति पिनगवां द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन के अवसर पर लजीज व्यंजनों के अलावा आलीशान टेंट में गरीब कन्याओं की शादी समारोह का आयोजन किया गया। समिति की तरफ से सभी गरीब कन्याओं के लिए जरूरी घरेलू सामान और चांदी सोने के जरूरी जेवरात भी दिये गये। वहीं सभी बारातियों व लडकियों के साथ आने वाले मेहमानों को खाने-पीने का भी इंतजाम किया गया। सम्मेलन में पहुंचने वाले परिजनों, दानदाताओं व सहयोगकर्ताओं ने जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह समिति की सराहनीय पहल है, इससे पहले हिंदू समाज के लोग ही सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित कराते थे, लेकिन मुस्लिम समाज ने भी सर्व समाज सेवा समिति के माध्यम से जो पहल की है वह स्वागत योग्य है।
ऐसे सम्मेलन आगे भी जारी रखने का आहवान किया है। सर्व समाज कन्या विवाह समिति पिनगवां के संरक्षक यादराम गर्ग, प्रधान षेखर सिंगला ने अपनी कमेठी की ओर से सर्व समाज सेवा समिति द्वारा कराये गये विवाह सम्मेलन में 51 हजार रूपये का कन्यादान कर सहयोग किया। विवाह सम्मेलन में समिति के प्रधान मोहम्मद इसराइल रिटायर्ड सूबेदार, महासचिव डॉ आस मोहम्मद, मुस्तफा खान उपाध्यक्ष एवं नोरंग हुसैन कोषाध्यक्ष, संरक्षक हाजी गुलदीन कुरैशी, इसराइल सरपंच ढाणा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस मौके पर सर्व समाज सेवा समिति के अध्यक्ष एंव पूर्व सुबेदार सर्व समाज सेवा समिति पिनगवां द्वारा
समिति के प्रधान मोहम्मद इसराइल रिटायर्ड सूबेदार, महासचिव डॉ आस मोहम्मद का कहना है कि आज दहेज प्रथा के चलते गरीब लोगों को अपनी बेटियों की षादी करना एक बोझ बन गया। इस मंहगाई के दौर में हर गरीब षादी के समय जरूरत का सामान भी नहीं दे पा रहा है। उनकी समिति ने फैंसला लिया है कि वर्ष में दो बार सामुहिक सम्मेलन कर गरीब बेटियों की ष्षादियां की जायेगी। सम्मेलन में कोई भी धर्म या समाज की व्यक्ति अपनी बेटी की षादी करा सकते है।
सम्मेलन की खास बात यह रही कि इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल भी देखने को मिली। अधिकतर वालंटियर हिंदू समाज के लोग दिखाई दिए और सुबह से शाम तक मेहमानों की मेहमान नवाजी में पूरी रुचि लेते हुए दिखाई दिए। सभी नव दंपत्ति का निकाह मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी नूंह द्वारा कराया गया और उसके बाद सभी ने नव दंपति को आशीर्वाद देते हुए उनके लिए दुआ की।
मेवात के मषहूर मौलाना मोहम्मद खालिद कासमी नूंह ने कहा कि आज के दौर में ये एक अच्छी पहल है। इससे दहेज जैसी बुराईयों पर रोक लगेगी। उन्होने मालदार लोगों से आहवान किया कि वे भी अपनी बेटियों की षादी ऐसे विवाह सम्मेलनों में करने की पहले करें, जिससे दहेज को खत्म किया जा सके।
फोटो-विवाह सम्मेलन में परिणय सूत्र में बंधे विवाहित जोडे
फोटो- निकाह पढ़ाते मोलवी खालिद कासमी
फोटो-षादी में समिति की ओर से बेटियों को दिया गया जरूरी सामान
फोटो- निकाह पढ़ाते मोलवी खालिद कासमी
फोटो-षादी में समिति की ओर से बेटियों को दिया गया जरूरी सामान
Author: Khabarhaq
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