गलघोटू, खसरा के बाद मेवात में मिला मलेरिया का पहला मामला
-स्वास्थ विभाग ने शुरू की जांच
यूनुस अलवी
मेवात/हरियाणा
मलेरिया बिमारी को लेकर प्रदेश की अतिसंवेदनशीन सूचि में शामिल नूंह जिला को मलेरिया मुक्त करने के लिए सरकार और जिला स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। स्वस्थ्य विभाग की ओर से 6 से 21 अप्रैल तक महाअभियान शुरू किया था। इस अभियान के तहत नूंह की अतिसंवेदनशील तीन प्राइमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी) के 62 गावों के 26695 घरों की एक लाख 85 हजार 754 जनसंख्या को कवर करने के लिए विभाग ने 72 टीमों का गठन कर जांच की गई थी। पीएचसी उजीना, सूड़ाका व बाई में आशा वर्कर व अन्य कर्मचारियों के साथ बेठक कर सख्त हिदायतें दी गई है। जिन गांवों में मलेरिया के मामले सामने आए है उनके जांच की जा रही है और रविवार से छिड़काव शुरू कर दिया जाएगा।
ज़िला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर विक्रम ने बताया कि गत वर्ष नूंह ज़िला के उजीना, संगेल, रानीका, निजामपुर और हाल ही में आकेड़ा गांव में एक एक मलेरिया के मामले सामने आये है जिनको लेकर विभाग सचेत है। रेपिड डायनोस्कि टेस्ट किट (आरडीटी) के जरिये मौके पर ही लोगों के मलेरियां की जांच की जा रही है। इस किट से मात्र 15 मिनिट में ही मरेरिया का पता लग जाएगा। मलेरिया पीएफ मिलने पर तीन दिन और पीवी के मरीज पाए जाने पर आशा वर्कर की निगरानी में उनका 14 दिन तक गांव में ही इलाज किया जाएगा।
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जांच के लिए गठित 72 टीमें
नूंह खंड के गांव सुड़ाका, बाई और उजीना में घर-घर जाकर जांच करने के लिए 72 टीमों का गठन किया गया हैं। एक टीम में एमपीएचडब्ल्यू मेल व आशा वर्कर शामिल होगें। एक टीम एक दिन में कम से कम 40 से 45 घरों की जांच करेगी।
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मस्जिद-मंदिर से लोगों को जागरूक किया जाएगा
महाअभियान से पहले और अभियान के दौरान गांव के लोगों को मस्जिद और मंदिर में लगे लाउडस्पीकरों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। वहीं गांव के सरपंच के सहयोग से गांवों में फोगिंग कराया जाएगा।
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2015 से 2021 तक मेवात में मलेरिया पर नजर
वर्ष कुल मलेरिया मामला मौत
2015 6638 तीन
2016 5075 —
2017 3645 —
2018 1968 —
2019 942 —
2020 024 —
2021 –04
2022 अभी तक एक मामला सामने आया
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सोर्स जिला स्वास्थ्य विभाग नूंह
Author: Khabarhaq
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