परिवार पहचान पत्र में मजदूर के बेटे की आय 66 करोड़, 22582 रुपए सालाना
-ठीक कराने के लिए छूट रहे पसीने
-कहीं चार वर्ष के बच्चे की आय लाखो में तो कहीं एक ही परिवार को विभिन्न जातियों में बांटा
-मेहनत मजदूरी कर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने वाले परिवारी की आय करोड़ों में दिखाई
-कहीं चार वर्ष के बच्चे की आय लाखो में तो कहीं एक ही परिवार को विभिन्न जातियों में बांटा
-मेहनत मजदूरी कर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने वाले परिवारी की आय करोड़ों में दिखाई
यूनुस अलवी
मेवात/हरियाणा
आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि मेवात के 13 साल के एक छात्र की वार्षिक आमदनी 66 करोड 22 हजार 582 है यह हम नहीं कह रहे बल्कि हरियाणा सरकार द्वारा जारी परिवार पहचान पत्र में इसे आमदनी के कॉलम में दर्शाया गया है यह दीगर बात है कि इस छात्र के परिवार को दो टाइम का खाना भी मुहैया कराना मुश्किल हो रहा हो लेकिन सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के चलते एक छात्र की आमदनी 66 करोड़ से अधिक दिखाकर परिवार को सकते में डाल दिया है अब परिवार के लोग इस गलती के चलते सरकार की योजनाओं का फायदा उठाने से वंचित रह सकते हैं। परिवार के लोग इसे ठीक कराने के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
आपको बता दे की मेवात में परिवार पहचान पत्र के सर्वे कार्य में भारी खामियां सामने आ रही है। खामियों को ठीक कराने में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है तो वहीं लोग सर्वे करने वाले कर्मचारियों पर घर बैठकर मनमाने तरीके से सर्वे का कार्य पूरा करने के आरोप भी लगा रहे है। परिवार पहचान पत्र में जहां बीएलओ द्वारा परिवार की आय में चार से पांच वर्ष के बच्चे की आय लाखों में दर्शाई हुई है तो वहीं हल्का पटवारी ने एक ही परिवार के सदस्यों को विभिन्न जातियों में बांट दिया है। ऐसे एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों परिवार है। अब इन परिवारों को परिवार पहचान पत्र ठीक कराने के लिए भाग दौड़ करनी पड रही है।
बता दें कि पिछले दिनों बीएलओ द्वारा परिवार पहचान पत्र के लिए सर्वे का कार्य शुरू किया गया था। लोगों का आरोप है कि सर्वे कार्य बीएलओ व पटवारी द्वारा घर-घर जाकर नहीं बल्कि अपने कार्यालय पर घर बेठकर किया गया। ऐसे में बीएलओ द्वारा परिवार के प्रत्येक सदस्य का रोजगार दिखाकर उनकी आय वास्तविकता से कई गुणा अधिक दिखाकर उन्हें सरकारी योजना से वंचित कर दिया। परिवार में दो वर्ष से लेकर 10 वर्ष के बच्चे की आय लाखो में दर्शाई गई है। इतना ही नहीं मेहनत मजदूरी कर दो वक्त की रोटी का इंतजाम करने वाले परिवारों की आय करोड़ों में दर्शाई हुई है।
बिछोर निवासी अजय ने बताया कि वो मजदूरी करता है। लेकिन उनके परिवार पहचान पत्र में उसके 13 साल के बेटे की आय 66 करोड़ 22582 रुपये दर्शाई गई है। जिसके नाम यह आय दर्शाई गई है वो विद्यार्थी है। उन्होंने कहा की इतने पैसे आज तक देखना तो दूर सुना भी नहीं है। कई बार इस समस्या को लेकर सीएससी सेंटरो पर चक्कर लगाया लेकिन वहां से भी इस समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।
पुन्हाना खंड के गांवों में ऐसे दर्जनों परिवार है जिनके परिवार पहचान पत्र में आय व जाति से संबंधित भारी खामियां है। ऐसे परिवारों का कहना है बीएलओ व हलका पटवारी ने घर बैठकर मनमाने तरीके से सर्वे का कार्य किया लेकिन अब लोगों को इसे ठीक कराने के लिए भागदौड़ कर रहे है। परिवार पहचान पत्र को ठीक कराने के लिए गावों में शिविर भी लगाए गए लेकिन शिविर में भी ऐसे परिवारों को कोई लाभ नहीं मिला। लोगों का कहना है कि अधिकारियों की मनमानी के कारण ऐसे परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित रह सकते है। लोगों ने जिला प्रशासन व सरकार से मांग की है कि ऐसे लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करे ताकि गरीब परिवारों को परेशान न होना पडे।
क्या कहती है जिले की अतिरिक्त उपायुक्त–
अतिरिक्त उपायुक्त रेणु सोगण का कहना है कि ऐसी समस्याएं उनके सामने आ रही है। अगर किसी के परिवार पहचान पत्र में आय व जाति से संबंधित कोई समस्या है तो वो नजदीक के सीएससी सेंटर पर जाकर रिक्वेस्ट डाल सकता है। जिसके बाद ऐसे परिवारों की जांच कराकर ठीक करा दी जायेगी।
फ़ोटो कैप्शन- गांव बिछौर में परिवार पहचान पत्र दिखाता परिवार
Author: Khabarhaq
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