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नूंह अदालत का ब्लातकारियों पर बड़ा फैसला,  एक को 20 साल कैद, 10 हजार जुर्माना व दूसरे बलात्कारी को 13 साल की कैद और 30 हजार जुर्माना की सजा

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नूंह अदालत का ब्लातकारियों पर बड़ा फैसला,  एक को 20 साल कैद, 10 हजार जुर्माना व दूसरे बलात्कारी को 13 साल की कैद और 30 हजार जुर्माना की सजा

 

यूनुस अलवी

नूंह/मेवात 

नूंह की दो अलग अलग अदालतों ने दो दुष्कर्म करने के आरोपियों को दोषी करार देते हुए कड़ी सजा व जुर्माना लगाकर जेल भेज दिया है। जहां एक दोषी को अदालत ने 20 साल कैद व 10 हजार का जुर्माना की सजा जबकि दूसरी अदालत ने एक आरोपी को 13 साल की कैद और 30 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है। जबकि एक महिला सहित दो आरोपियों को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। दोनो मामले नूंह जिला के पुनहाना थाने से संबंधित हैं। एक मामला दिसंबर 2018 का है जबकि दूसरा मामला जुलाई 2017 का है।

पहला मामला

सरकारी वकील PP आकाश तंवर ने बताया कि 23 दिसंबर 2018 को पुन्हाना थाना के एक व्यक्ति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि उसकी 14 वर्षीय बेटी को सिंगार पुन्हाना निवासी जब्बार बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। आरोपी युवक ने उसकी बेटी के साथ जबरन दुष्कर्म किया। पिता की शिकायत पर पुन्हाना थाना पुलिस ने आरोपी युवक जब्बार के खिलाफ पॉक्सो एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। आरोपी को दिसम्बर 2019 में गिरफ्तार कर लिया गया।जिसके बाद दोषी के घर से वारदात में प्रयोग की गई मोटरसाइकिल को पुलिस ने बरामद कर लिया था। अधिवक्ता ने बताया कि सभी प्रकार के ठोस साक्ष्यों के आधार पर एडीशनल सेशन जज नरेंद्र पाल की अदालत ने जब्बार को दोषी करार देते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3) के तहत बीस साल कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है जुर्माना नहीं भरने की सूरत में दोषी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।

 

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दूसरा मामला

पीड़िता पक्ष की वकील मंजू लता ने बताया कि उनकी 19 वर्षीय मुवक्किल के साथ एक महिला के सहयोग से दो आरोपियों ने 7 जुलाई 2017 को सामुहिक दुष्कर्म किया था। किसी को बताने पर आरोपियों ने जान से मारने की धमकी दी थी। अविवाहिता होने और आरोपियों द्वारा जान से मारने की धमकी देने के चलते पीडिता युवती ने अपने साथ हुई घटना का किसी को जिक्र नहीं किया। जिसकी वजह से वह गर्भवती हो गई। इस बात का पता तब चला जब 3 नवंबर 2017 को लडकी के पेट में दर्द होने लगा तो पीडिता की मां उसे अस्पताल ले गई। जहां डाक्टरों ने उसे करीब चार माह की गर्भवती बताया। जिसके बाद लडकी ने अपनी मां को सारी घटना की जानकारी दी। उसके बाद आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए नूंह महिला थाने में इसकी शिकायत दी गई। पुलिस ने हसीन, तसलीम व सलमा के खिलाफ सडयंत्र रचकर सामूहिक दुष्कर्म करने और और जान से मारने की धमकी देने का 9 नवंबर 2017 को मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाष शुरू कर दी थी। तकरीबन दो महीने बाद युवती को मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ था।

पीड़िता की वकील मंजू लता ने बताया की आरोपी जब दुष्कर्म की वारदात से मुकर गये तो पुलिस ने दोनों आरोपी हसीन व तसलीम और पीड़ित युवती के मृत बच्चे का डीएनए टेस्ट के लिए भेजा। जांच में दोषी तसलीम का डीएनए मृत बच्चे के डीएनए से मिलान हो गया।

ऐडवोकेट मंजू ने बताया कि अतिरिक्त सेशन जज डाक्टर सुनीता ग्रोवर की अदालत ने सभी साक्षयों को देखते हुए हसीन और सलमा को बरी कर दिया जबकि दोषी तसलीम को दुष्कर्म की धारा 376 में 10 वर्ष कैद और 25 हजार जुर्माना तथा जान से मारने की धमकी देने में तीन वर्ष कैद व पांच हजार जुर्माना की सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगीं।

 

 

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