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नूंह के पुन्हाना में साढे 15 साल में पहली बार बुधवार को लगी अदालत

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पुन्हाना में साढे 15 साल में पहली बार बुधवार को लगी अदालत
-4 अगस्त 2007 को पुन्हाना में देश की पहली मोबाइल कोर्ट शुरू हुई थी।
-भारत की पहली चलती फिरती अदालत काफी समय से स्थिर अदालत के तौर पर काम कर रही है
-अदालत के पहले दिन फिरोजपुर झिरका, नूंह सहित अन्य बारों के वकील भी पहुंचे

फोटो-पुन्हाना मोबाइल कोर्ट में बुधवार को खुली अदालत में कार्य करते वकील

यूनुस अलवी
पुन्हाना/मेवात

4 अगस्त 2007 को भारत की पहली चलती फिरती अदालत मोबाइल कोर्ट पुन्हाना में साड़े 15 साल में पहली बार बुधवार को नियमित अदालत की तरह कार्य हुआ। अपने कैसों की पैरवी करने फिरोजपुर झिरका, नूंह सहित अन्य बारों के वकील भी यहां पहुंचे। भले ही मंगलवार को इसके विरोध में फिरोजपुर झिरका के वकील हडताल पर रहे उसके बावजूद भी अधिक्तर वकील कैसों की पेरवी करने पहुंचे। आज पुन्हाना बार के वकीलों की खुषी का कोई ठिकाना नहीं रहा क्योंकि पिछले साड़े 15 सालों से यहां के वकीलों को बुधवार और षनिवार को कैसों की पेरवी करने के लिए फिरोजपुर झिरका अदालत जाना पडता था।


आपको बता दें कि 4 अगस्त 2007 को भारत की पहली मोबाइल कोर्ट पुन्हाना के उद्घाटन के मौके पर भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.जी बालाकृष्णन, पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विजेन्द्र जैन, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित काफी प्रमुख लोग मौजूद रहे। इस अदालत ने 6 अगस्त 2007 से विधिवत तरीके से कार्य शुरू कर दिया था। काफी समय तक यह अदालत पुन्हाना उपमंडल के इंदाना, षिकरावा, पिनगवां, लुहिंगाकला गांवो में एक एक दिन लगती थी। कुछ समय बाद इस अदालत को पहले पुन्हाना फिर पिनगवां अब काफी समय से पुन्हाना में स्थिर कर दिया गया है।


इस मोबाईल कोर्ट को ष्षुरू करते समय तर्क दिए गये थे कि भारत में कई इलाके ऐसे हैं जहाँ लोग गरीब है, अनपढ़ हैं और उनके पास इतने साधन नहीं होते कि वह दूर दराज जा कर अपने मामलों की पैरवी कर सके। खर्चा भी ज्यादा आता था, ऐसे में ये मोबाइल अदालत गाँव के लोगों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी। जो उनके घर के नजदीक जाकर न्याय देने का काम करेगी।

उस समय भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.जी बालाकृष्णन ने कहा था कि हरियाणा के पुन्हाना को इसीलिए चुना गया क्योंकि वहाँ महिलाओं में साक्षारता का प्रतिशत 1.2 है और केवल 22 प्रतिशत पुरुष साक्षर है। वहीं मेवात में ज्यादातर आबादी गरीब है। किसी भी मुकदमे के लिए पुन्हाना के लोगों को फिरोजपुर-झिरका जाना पड़ता था और परिवहन सेवा न होने की वजह से लोगों को खासी दिक्कत आती थी। उस समय यहाँ 600 दिवानी और लगभग 1500 फौजदारी के सबसे ज्यादा मामले थे। उस समय बताया गया था कि हरियाणा सरकार इस मोबाइल कोर्ट की स्थापना करने पर 50 लाख रुपये खर्च  कर रही है। एक एयर कंडीशन बस जिसे मोबाईल कोर्ट का नाम दिया गया था। जिसमें एक कम्प्यूटर रखने और 10 व्यक्तियों के बैठने की पूरी व्यवस्था की गई थी।

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