जमानत पर छूटने के बाद पीडित इमरान ने जेल में कैदियों के साथ मारपीट का किया खुलासा,
–इमरान नगीना के साथ पर जेल में की गई थी मारपीट
फोटो–पीडित इमरान
यूनुस अलवी
नूह,
नूंह जिला जेल में विचाराधीन कैदियों के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट करने का जमानत पर छूटने के बाद पीडित इमरान नगीना ने खुलासा किया है। जिन सात कैदीयांे के साथ जेल में मारपीट की गई थी उनमें इमरान भी शामिल है। वह 13 दिसंबर को ही जेल से जमानत पर अपने गांव आया है।
इमरान खान नगीना ने “देश रोजाना“ से बातचीत करते हुए बताया कि नूंह दंगा से करीब ढाई महीना बाद उसे पकड़ा था जबकि वह दंगा में शामिल नहीं था। हाल ही में करीब 28 आरोपी जेल पहुंचे थे, उनको बेरक की बजाए बरामदा में लेटाया था। जिनमें से 5-6 आरोपी ठंड से बीमार हो गए थे। उनके बाद हम जेल अधिक्षक (मैडम) के पास गए थे, उनसे हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट की थी इन लडकों को अंदर लेटा दो, इतनी बात पर हम सात बंदों को गैस वाले डंडे से मारा। मेरे भी सर में डंडा मारा, फिर मैं नीचे गिर गया, फिर लातों से मारा था। हम में सबसे ज्यादा शोकीन और राहुल को पीटा था, उनको पहले ही रिमांड दौरान बहुत पीटा था। पिटने के बाद शोकिन दो तीन घण्टे बहोश हो रहा है। उसको इंजेक्शन लगा जाते हैं, एक घंटा सही रहता है फिर बेहोश हो जाता है। ना तो उसको बाहर से दवा दिलाई और न डॉक्टर आता है इंजेक्शन गोली देता था। जेल के पुलिसकर्मियों ने शौकीन, इम्तियाज़, राहुल, मोईन, सोहिल और उसे पीटा है।
इमरान का कहना है कि राहुल के पेट में पेड़ का गमला दिया, उनको जेल के मेन गेट के अंदर मारा है, जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुऐ हैं, हम वहा खड़े कर के पीटे है। हमको संतलाल ने सबसे ज्यादा पीटा है। उसे और पुलिस वालो के नाम नहीं पता है। उसके बाद 4-5 पुलिस वाले बेरक से निकलकर आए थे। उन्होनें भी मारा था, फिर उसके बाद जैल की गंदगी हम साफ करवाई थी, उन्होंने धमकी दी थी की जेल के केस से बचना है तो ये साफ करो, दंगा वालो को ज्यादा परेशान किया था, उन्हें तीन दिन पुरानी सूखी रोटी खिलाई जाती थी।
मारपीट करने के बाद उन पर हस्ताक्षर करवाने के लिए दबाब दिया था, एक लड़के ने दबाब में आकर हस्ताक्षर कर दिया बाकी के छह लड़कों ने साइन नहीं किया। उन्होंने धमकी दी थी कि या तो साइन कर दो नहीं तो तुम्हारा ट्रांसफर ऐसी जेल में कर दूंगा जहां तुम देख देख कर रहोगे, राहुल पर दबाव बनाया राहुल ने साफ मना कर दिया साइन करने से फिर पुलिस वालों ने कहा बेटा पहले साइन तू ही करेगा, फिर उसके साथ मारपीट की। जब हमने अधिकारियों से कहा की इसकी तबियत ज्यादा खराब है इसको मत मारा, तब उसे छोड़ा। उसके साथ 11 दिसंबर को मारपीट कर गई और 13 दिसंबर को मेरी जमानत हो गई थी। ज बवह जमानत पर बाहर आ रहा था तक जेलर (मैडम) ने कहा था, कि कोरे कागज पर साइन कर दो नही ंतो उसे झूंठा मुकदमा लगा दिया
जाऐगा।
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