मनरेगा में गबन व धोखाधड़ी के मेनेजर सहित 3 आरोपियों की अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की।
पुलिस ने दफ्तर पर मारी रेड, कार्यालय छोड़ भागे अधिकारी/कर्मचारी
: न्यायालय ने मामले को संगीन अपराध बता याचिका की खारिज।
:सीएम फलाइंग की शिकायत पर, बीड़ीपीओ, बैंक मैनेजर, जेई सहित 13 आरोपियो के खिलाफ बिछोर थाने में दर्ज हुआ था मामला
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फोटो– पुन्हाना कार्यालय में खाली पड़ी कुर्सियां, बिडिपियो कार्यालय पर लटका ताला
Younus Alvi
Nuh/Mewat/Haryana
मनरेगा योजना में करीब दस लाख रूपये के गबन व धोखाधड़ी के तीन आरोपियों की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप कुमार दुगगल की कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। मामले के आरोपी बैंक मैनेजर मुबीन, अंजूम व मैट अनीस ने न्यायालय नूंह में अग्रिम जमानत के लिए याचिका लगाई थी। अदालत ने गबन व धोखाधड़ी के अपराध की संगीनता को देखते हुए तीनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। उसके बाद बिछोर थाना पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुनहाना के खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय पर छापेमारी की जहां पर सूचना मिलते ही आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस को छापेमारी में कर्मचारियों और अधिकारियों की खाली कुर्सियां मिली वहीं खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के दफ्तर पर ताला लगा हुआ मिला।
बिछौर थाना प्रभारी तरुण दहिया ने बताया की मुख्यमंत्री उडऩदस्ता रेवाड़ी की टीम ने बिछौर थाने के गांव सुनेहड़ा में कैटल शैड के नाम पर आए करीब दस लाख रुपयों का घोटाला के आरोप में पुन्हाना के खंड विकास एवम पंचायत अधिकारी ( बीडीपीओ), बैक मैनेजर, नरेगा के एबीपीओ, सहायक लेखाकार, जेई व बैंक खजांची सहित 13 लोगों के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। जिस मामले की उनकी पुलिस जांच कर रही है।
उन्होंने बताया की आरोपी मुबीन बैंक मेनेजर, अंजुम व मेट अनीस ने नूंह की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप कुमार दुगगल की कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। जिसकी मजमबूती से पैरवी करते हुए पुलिस ने अदालत से उनकी जमानत को रद्द करने की गुहार लगाई थी। अदालत ने गबन व धोखाधड़ी के अपराध की संगीनता को देखते हुए तीनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
उन्होंने बताया की उसके बाद बिछोर थाना पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुनहाना के खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय पर छापेमारी की जहां पर सूचना मिलते ही आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस को छापेमारी में कर्मचारियों और अधिकारियों की खाली कुर्सियां मिली वहीं खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी के दफ्तर पर ताला लगा हुआ मिला।
गौरतलब है की सुनेहड़ा गांव में कैटल शैड में घोटाला करने के आरोप में मुख्य मंत्री उड़न दस्ते को शिकायत मिली थी। जिसकी जांच का जिम्मा रेवाड़ी टीम को सौंपा गया। जांच में कैटल शैड के बिलों व एमबी से लेकर मौके पर बने हुए कैटल शैडों में भी भारी अनियमितताएं के साथ ही करीब 10 लाख रुपये का गबन पाया गया। इसके साथ ही जांच में मृत लोगों के नाम पर मजदूरी दिखाने के साथ साथ बैंक के मैनेजर से मिलीभगत कर फर्जी खाते खोलकर मजदूरी की राशि निकाल ली गई। मृत लोगों को मजदूर दिखाकर उनकी मस्टरोल जारी की गई। जांच में पाया गया कि मैट अनीश निवासी सुनहेड़ा, जफर अब्बास ग्राम सचिव, अजमत जेई, एबीपीओ संजय, एबीपीओ अरशद, विपिन कुमार सहायक लेखाकार, अरशद सहायक लेखाकार, बीडीपीओ डिगंबर, प्रोपराईटर सिंगारिया ट्रैडर्स अंजूम खान निवासी जैवंत, कापरेटिव बैंक पुन्हाना के मैनेजर मुबीन खान व खजांची हनीफ ने आपस में मिलीभगत कर गबन व धोखाधड़ी की गई। जिसको लेकर सभी 13 आरोपियों के खिलाफ बिछौर थाना में गबन सहित अन्य धाराओं के थी मामला दर्ज कराया गया था।
दफ्तर छोड़ भागे आरोपी अधिकारी
केटल शेड सुनहेड़ा के मामले में सीएम फलाइंग द्वारा पंचायत विभाग से जुड़े जफर अब्बास ग्राम सचिव, अजमत जेई, एबीपीओ संजय, एबीपीओ अरशद, विपिन कुमार सहायक लेखाकार, अरशद सहायक लेखाकार, बीडीपीओ डिगंबर के खिलाफ मामला दर्ज होने से सभी अधिकारी और कर्मचारी दफ्तर से गायब है। गिरफ्तारी के डर से कई कई दिनों तक आरोपी दफ्तर से गायब रहते हैं।
बिछोर थाना प्रभारी तरुण दहिया ने बताया की सोमवार को भी आरोपियों के दफ्तर पर छापेमारी की गई लेकिन आरोपी मौके से फरार थे।
Author: Khabarhaq
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