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खुदाई शुरु –मेवात में टीले की खोदाई से तीन हजार वर्ष पहले की सभ्यता व संस्कृति का चलेगा पता

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मेवात में टीले की खोदाई से तीन हजार वर्ष पहले की सभ्यता व संस्कृति का चलेगा पता

सबहेड: मानपुर गांव के जंगल में पुरातत्व विभाग की टीम ने प्राचीन सभ्यता जानने के लिए शुरू की टीले की खोदाई

 

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ख़बर हक़, हथीन (पलवल):

करीब तीन हजार वर्ष पहले क्षेत्र की संस्कृति व सभ्यता का पता लगाने के लिए पुरातत्व विभाग की टीम मानपुर गांव के जंगल में बने कसेरूआ खेड़ा नामक टीले की खोदाई करेगा। इस टीले की खोदाई से न केवल क्षेत्र की संस्कृति सभ्यता के बारे में पता चलेगा बल्कि उस वक्त लोग कैसे जीवन जीते थे, उसका भी पता लगाया जाएगा।

पुरातत्व विभाग की प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यहां पर तीन हजार वर्ष पहले बस्ती बसी हुई थी। खोदाई के दौरान टीले से जो सामग्री निकलेगी उसे संरक्षित भी किया जाएगा तथा उसकी जांच पुरातत्व विभाग करेगा। पुरातत्व विभाग की टीम ने क्षेत्र के एसडीएम लक्ष्मी नारायण की मौजूदगी में शनिवार को टीले की खोदाई का काम शुरू कर दिया।

जानकारी के अनुसार हथीन के मानपुर गांव के जंगल में एक बहुत पुराना टीला बना हुआ है। इस टीले को कसेरूआ खेड़ा के नाम से जाना जाता है। गांव के सरपंच देवी सिंह बताते हैं कि यह बहुत पुराना टीला है। टीले के आसपास 12 एकड़ भूमि है। इस भूमि की मालिक पंचायत है। कसेरूआ टीला करीब दो से तीन एकड़ भूमि में फैला हुआ है। यहां पर मिट्टïी का पुराना ढेर लगा हुआ है। हालांकि पिछले कई वर्षों से लोग इस टीले को खोदकर मिट्टी को घरों के भरत के इस्तेमाल करते आए हैं। ग्रामीणों के अनुसार जब भी यहां से मिट्टïी ग्रामीणों द्वारा खोदी गई तो यहां पर मनुष्य व पशुओं की हड्डी तथा मिट्टïी के टूटे बर्तन के अवशेष निकले हैं। जिन्हें लोग फेंक देते थे।

शनिवार को पुरातत्व विभाग के संयुक्त महानिदेशक डा संजय कुमार मंजूल, क्षेत्रीय निदेशक डा अरविन कुमार, अधीक्षण पुरातत्वविद डा गुंजन कुमार श्री वास्तव तथा एसडीएम लक्ष्मी नारायण कसेरूआ टीले का मौका मुआयना करने पहुंचे। यहां पर पुरातत्व विभाग की प्रारंभिक जांच में पता चला कि यह टीला तीन हजार वर्ष पुराना हो सकता है। संयुक्त महानिदेशक डा संजय कुमार मंजुल ने बताया कि टीले के उत्खनन करने से महत्वपूर्ण पुरातात्विक अनुसंधान के विषय सामने आएंगे। क्षेत्रीय निदेशक डा अरविन का कहना था कि टीले की सबसे निचली परत कम – कम तीन हजार वर्ष पुरानी है। बताया गया है कि पुरातत्व विभाग की खोदाई की टीम टीले के ऊपरी भाग तथा नीचे के भाग की खोदाई करके यह जानने की कोशिश करेगी कि तीन हजार वर्ष पहले यहां पर कौन सी सभ्यता थी। यहां के लोगों का जीवन स्तर कैसा था। खोदाई के दौरान यहां पर जो वस्तुएं निकलेंगी उन्हें जांच के लिए संरक्षित किया जाएगा। इस मौके पर गांव के सरपंच देवी सिंह के अलावा काफी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद रहे।

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पुरातत्व विभाग की खोदाई से प्राचीन सभ्यता का पता चलेगा। खोदाई कार्य के लिए स्थानीय प्रशासन पुरातत्व विभाग की मदद कर रहा है। खोदाई में वस्तुएं निकलेंगी उन्हें संरक्षित किया जाएगा। ताकि हकीकत का पता चल सके।

लक्ष्मी नारायण , एसडीएम हथीन


फोटो 28 एचटीएन 3, 3ए में है

कैप्शन: 3, मानपुर गांव के कसेरूआ खेड़ा की निरीक्षण के लिए पुरातत्व विभाग द्वारा खोदाई की शुरूआत करते एसडीएम लक्ष्मी नारायण व विभाग के अन्य अधिकारी-

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