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 नूंह अलवर हाईवे के लिए 400 करोड़ रुपए मंजूर  केंद्र सरकार के फैसले से मेवात में खुशी की लहर

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नूंह अलवर हाईवे के लिए 400 करोड़ रुपए मंजूर 

केंद्र सरकार के फैसले से मेवात में खुशी की लहर

मेवात आरटीआई मंच ने नवंबर 2018 में 6 दिन किया धरना

• दो बार बड़कली से नूंह तक लोगों ने किया था पैदल मार्च।

यूनुस अलवी,  मेवात, हरियाणा 

 

नूंह से अलवर नौगांव बॉर्डर तक हाइवे 248-ए के 47 किलोमीटर लंबे टुकड़े को फोरलेन बनाने के लिए सड़क एवं परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने 400 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। जिससे मेवातियों में खुशी की लहर है। इस परियोजना को क्षेत्रवासी ईद का तोहफा मानकर चल रहे हैं। इस संघर्ष में शामिल लोगों को सराहा जा रहा है। माना जा रहा है कि वन विभाग की एनओसी के बाद अगले कुछ महीनों में टेंडर और निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।

 

केंद्र सरकार से बजट मंजूरी के बाद लोगों ने खुशी जाहिर की है । शिक्षाविद् मास्टर अब्दुल वहाब ने कहा कि इस हाईवे फोरलेन के लिए सबसे पहले 2018 में 6 दिन का धरना मेवात आरटीआई मंच ने सामाजिक कार्यकर्ता राजूद्दीन की अगुवाई में दिया था। सड़क को फॉर लेन बनाने में राजूद्दीन जंग, उनकी पत्नी सबीला जंग भी इस अभियान में शामिल रही। इसके अलावा इस संघर्ष में राष्ट्रवादी कवि मोहम्मद इलियास प्रधान, वरिष्ठ अधिवक्ता सुबोध कुमार जैन, पूर्व सरपंच महमूद खान, चौधरी आस मोहम्मद जमादार, वरिष्ठ समाजसेवी सुबेदार खान, हाजी अली मोहम्मद, हाजी मोहम्मद हारुन हवननगर, सरपंच हाजी मुबारिक अली, असरुददीन सरपंच अकलीमपुर, पूर्व उपचेयरमैन उस्मान दुर्रानी समेत इस संघर्ष में शामिल रहे।

इलाके अलावा मेवात के फ़ज़रुद्दीन बेसर, डॉ अशफाक आदि की अगुवाई में बड़कली चौक से लेकर नूंह तक करीब 25 किलोमीटर तक दो बार पैदल यात्रा कर इस मुद्दे को उठाया गया। जिसमें इलाके के सैकड़ों समाजसेवी और बुद्धिजीवी लोगों ने भाग लिया था। वही मेवात के विधायक चौधरी आफताब अहमद ने इस फॉर लेन बनाने के मुद्दे को कई बार विधानसभा में उठाया। ये

उसी का नतीजा है कि आखिरकार केंद्र सरकार ने नूंह अलवर हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए 400 करोड़ रुपए का बजट दे दिया है। केंद्र सरकार ने मेवात क्षेत्र के लिए यही ईद का तोहफा दिया है।

 

बता दें कि डेढ़ दशक लंबे संघर्ष के दौरान मेवात आरटीआई मंच एवं मौजी फाऊंडेशन आदि संगठनों ने भूख हड़ताल, ज्ञापन पत्र, हस्ताक्षर अभियान, धरना-प्रदर्शन, स्लोगन पेंटिंग, पैदल मार्च, नुक्कड़ सभा, श्रद्धांजलि सभा, युवा संवाद, पंचायतों के साथ बैठकें, मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किए थे। बढ़ती दुर्घटनाओं के कारण 2017 में नूंह अलवर हाईवे को खूनी हाईवे का नाम भी मेवात आरटीआई मंच ने दिया था। नूंह अलवर सिंगल हाईवे पर पिछले 10 साल में तककरीब 2500 मौत हुई। मंच की तरफ से साल 2019 में 100 फुट लंबे कपड़े पर 20,000 लोगों के हस्ताक्षर कराकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था। उसके बाद 186 करोड़ रुपए के बजट की घोषणा हुई। लेकिन मेवात क्षेत्र से गुजर रहे दिल्ली मुंबई वडोदरा एक्सप्रेसवे के निर्माण के कारण इस हाइवे को ठंडा बस्ते में डाल दिया था। हालांकि मेवात के लोगों ने लगातार प्रयास जारी रखें और सफलता मिली। अब सरकार से यही उम्मीद है कि इस सड़क को जल्द

फॉर लेन बनाया जाए।

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