डीईओ की स्टैंप पर हस्ताक्षर कर पत्र जारी करने का आरोप, डिप्टी डीईओ हयात खान को कारण बताओ नोटिस
● जिला शिक्षा अधिकारी का आरोप – कार्यकारी उप जिला शिक्षा अधिकारी ने उनकी मोहर पर अपने हस्ताक्षर कर गलत पत्र जारी किया।
● सीजेएम के आदेशों को गलत तरीके से लिखने और शिक्षा विभाग की छवि धूमिल करने का भी आरोप।
फोटो। हयात द्वारा सभी BEO को जारी किया पत्र
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यूनुस अलवी । मेवात। हरियाणा।
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मेवात जिले में कार्यकारी उप जिला शिक्षा अधिकारी (डिप्टी डीईओ) हयात खान पर जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) की मोहर का गलत इस्तेमाल कर खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने हस्ताक्षर से पत्र जारी करने का मामला अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है। इस मामले में डीईओ अजीत सिंह ने कड़ा रुख अपनाते हुए हयात खान को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 26 मार्च 2025 को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि वे CJM-सह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) नूंह के आदेशों की पालना करें। इन आदेशों के तहत जिले के सभी सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को निर्देश दिए गए थे कि छात्र स्कूल और घरों के आसपास प्लास्टिक और स्क्रैप (कबाड़) एकत्र करें, जिसे बाद में कबाड़ी को बेचकर स्कूल के बच्चों के लिए मिठाई खरीदी जाएगी।
यह पत्र सोशल मीडिया और मेल के जरिए विभिन्न अधिकारियों तक पहुंचा, लेकिन जब इस पत्र की सत्यता की जांच की गई तो सामने आया कि इसे डीईओ अजीत सिंह द्वारा जारी नहीं किया गया था, बल्कि कार्यकारी उप जिला शिक्षा अधिकारी हयात खान ने डीईओ की मोहर का इस्तेमाल कर अपने हस्ताक्षर से जारी किया था। जो कि गैरकानूनी है।
डीईओ ने लगाया फर्जीवाड़े का आरोप
जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा,
“मेरे नाम से एक गलत पत्र जारी किया गया है, जो मेरे द्वारा जारी नहीं किया गया था। इस पत्र में न केवल मेरे फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं, बल्कि सीजेएम द्वारा जारी आदेशों को भी गलत तरीके से लिखा गया है। यह शिक्षा विभाग और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) की छवि धूमिल करने का प्रयास है।”
गलत तरीके से व्याख्या करने का भी आरोप
डीईओ अजीत सिंह के अनुसार,
“सीजेएम के आदेश में यह स्पष्ट था कि छात्र अपने घरों से प्लास्टिक व कबाड़ स्कूल लाएंगे, जिसे एकत्र कर स्कूल प्रशासन कबाड़ी को बेचेगा और उस पैसे से बच्चों को मिठाई दी जाएगी। यह अभियान छात्रों में पर्यावरण संरक्षण और प्लास्टिक प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए था। लेकिन कार्यकारी उप जिला शिक्षा अधिकारी हयात खान ने इस आदेश की व्याख्या गलत तरीके से की और अपने हस्ताक्षर कर पत्र जारी कर दिया।”
हयात खान को कारण बताओ नोटिस
डीईओ अजीत सिंह ने कहा कि इस पत्र को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है और कार्यकारी उप जिला शिक्षा अधिकारी हयात खान को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा गया है। अगर उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उनके खिलाफ आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
बड़ा सवाल – डीईओ की स्टैंप का गलत इस्तेमाल क्यों?
इस पूरे मामले ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर कार्यकारी उप जिला शिक्षा अधिकारी हयात खान को डीईओ की मोहर पर अपने हस्ताक्षर कर पत्र जारी करने की जरूरत क्यों पड़ी? अगर वे चाहते तो पत्र को “फॉर डीईओ” लिखकर जारी कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा न करके सीधे डीईओ की स्टैंप का इस्तेमाल किया।
शिक्षा विभाग में हड़कंप
इस घटना के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीईओ कार्यालय ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि कोई भी आदेश बिना उचित प्रक्रिया के जारी न किया जाए।
अब देखना होगा कि कार्यकारी उप जिला शिक्षा अधिकारी हयात खान इस आरोप पर क्या सफाई देते हैं और शिक्षा विभाग उनके खिलाफ क्या कदम उठाता है।

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