• बुलडोजर मामले पर पंजाब एवम हरियाणा हाइकोर्ट का बड़ा आदेश
• नूँह उपायुक्त एवं SDM फ़िरोज़पुर झिरका को जारी किया अवमानना नोटिस,
• बुलडोज़र कार्यवाही पर माँगा हलफ़नामा-सरकार की मुश्किलें बढ़ीं
यूनुस अलवी मेवात:
आपको बता दे की नूंह हिंसा के बाद फिरोजपुर झिरका में झिर रोड पर बने मकानों को जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर पहली अगस्त को तोड़ दिया था। जिसको लेकर हाईकोर्ट में एडवोकेट मोहम्मद अरशद के माध्यम से एक अवमानना याचिका दायर की गई।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए उपायुक्त नूँह को नोटिस जारी करते हुए हलफ़नामा दायर करने के दिए आदेश दिया है,
आपको बता दे की लगभग सैकड़ों ग़रीब परिवार करीब चालीस साल से फ़िरोज़पुर झिरका झिर रोड पर अपने कच्चे पक्के मकान बनाकर गुज़र बसर कर रहे थे और सरकार ने उन्हें बिजली पानी एवं सारी सरकारी सुविधाएँ प्रदान करते आ रहे थे।
दिनांक दो सितंबर 2020 को म्यूनिसिपल कमेटी फ़िरोज़पुर झिरका ने सभी को नोटिस देकर घर ख़ाली करने के लिए बाध्य किया था। लेकिन तुरंत ही उजड़े हुए परिवारों ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण ली और एक याचिका के माध्यम से उस नोटिस को चुनौती दी गई, जिसमें उन्हें मकान ख़ाली करने के लिए बाध्य किया गया था। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 15 दिसंबर 2020 को एक आदेश पारित करते हुए यह आदेश दिया कि ऐसे परिवारों को आप बल पूर्वक एवं शक्ति पूर्वक घरों से नहीं निकाल सकते हैं और न ही घरों का विध्वंस कर सकते हैं। जब तक कि याचिकाकर्ताओं को निजी सुनवाई का मौक़ा ना दें और उपायुक्त नूँह एक पूर्ण आदेश पारित करेंगे लेकिन उपायुक्त नूँह ने आज तक कोई याचिकाकर्ताओं के खिलाफ़ आदेश पारित नहीं किया और न ही याचिकाकर्ताओं को निजी सुनवाई का मौक़ा दिया जैसा कि पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशों में लिखित है।
दुर्भाग्यपूर्ण तरीक़े से उपायुक्त नूँह ने और SDM फ़िरोज़पुर झिरका ने पंजाब में हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार करते हुए 31 जुलाई 2023 नूह घटना से जोड़ते हुए सैकड़ों परिवारों के घरों पर बग़ैर आदेश पारित करें हुए ही पहली अगस्त को उन पर बुलडोजर चला दिया।
जिसके चलते याचिकाकर्ताओं ने मोहम्मद अरशद अधिवक्ता के माध्यम से एक अवमानना याचिका डाली। शुक्रवार को उपायुक्त नूँह और एसडीएम फ़िरोज़पुर झिरका के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवम हरियाणा हाईकोर्ट ने हलफ़नामा दायर करने के आदेश जारी किए हैं।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशों में साफ़ साफ़ लिखा हुआ है कि प्रशासन याचिकाकर्ताओं को ज़बरदस्ती एवं बल पूर्वक उनके घरों से नहीं निकाल सकती है जबकि उपायुक्त नूँह ने सैकड़ों परिवारों के घरों पर बुलडोजर चला दिया। अब ये सैकड़ों परिवार खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं और अपनी रोज़मर्रा बुनियादी चीज़ों के लिए तरस रहे हैं। जो कि एक अवमानना के साथ साथ एक अमानवीय कृत है।
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