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वारिस मर्डर मामला, विश्लेषण, पार्ट 1, हत्या का मामला है या दुर्घटना? कौन है जो डाल रहा है सत्य पर पर्दा? असद हयात ऐडवोकेट

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पार्ट 1 

विश्लेषण : वारिस मर्डर केस : दिनांक 28.1.2023…. FIR नंबर 48/2023 थाना सदर तावडू

• वारिस मर्डर, हत्या का मामला है या दुर्घटना? कौन है जो डाल रहा है सत्य पर पर्दा?

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मुख्य प्रश्न —- क्या यह हत्या का मामला है या दुर्घटना का ? कौन है जो डाल रहा है सत्य पर पर्दा?

इस घटना में वारिस की मृत्यु हुई थी और उसके साथ सेंट्रो कार में मौजूद दो अन्य व्यक्ति ( नफीस व शौकीन ) घायल हुए थे. सेंट्रो कार की टक्कर एक चार पहिया टेम्पो से हुई थी जिस पर सब्ज़ी लदी थी, जो कि तावडू की ओर से भिवाड़ी जा रहा था.

इस दुर्घटना में आयी चोटों को वारिस की कारण पुलिस जांच में बताया गया (?). इसी मामले में वारिस के भाई इमरान ने क्रॉस वर्जन के साथ अपनी एप्लीकेशन भी FIR दर्ज करने हेतू दी जिसको पुलिस द्वारा उक्त FIR 48/2023 के साथ संलग्न कर दिया गया. इस प्रार्थना पत्र में कुछ लोगों को नामजद करते हुए कहा गया कि उनलोगों ने वारिस व अन्य ( व नफीस + शौकीन ) के साथ मारपीट की है जिसके वीडियो और फोटोग्राफ भी पेश किये गए, जोकि थ्योरी ऑफ़ लास्ट सीन के आधार पर वारिस की हत्या का मामला साथ खड़े नामित आरोपियों पर साबित करने का पर्याप्त आधार हैं. पहचाने गये लोग मोनू मानेसर के अलावा मोनू तावडू, सोनू भिवाड़ी, हिमांशु तावडू, गोलू ढाना और अनिल आर्या हांसी हैं परन्तु इन सभी के विरुद्ध कोई विवेचना अभी तक नहीं हुई है. जबकि क़ानून के मुताबिक दर्ज FIR और उसके क्रॉस वर्जन पर साथ साथ ही जाँच होनी चाहिए.

विधानसभा में उपमुख्यमंत्री महोदय ने एक SIT बनाने और जाँच कराने की भी घोषणा की थी परन्तु अभी तक सभी ठंडे बस्ते में है.

एक्सीडेंट थ्योरी बनाम मारपीट
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पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में लिखित आंतरिक चोटों के विवरण के अनुसार वारिस का लिवर फटने से उसकी मृत्यु हुई है. लिवर पर 16 सेंटी मीटर × 2 सेंटीमीटर और 8 सेंटी मीटर गहरा घाव पाया गया है.

इसके अलावा जो 10 बाहरी चोटें पायी गयीं हैं वो घुटने, कोहनी पर हैं.

कल से सोशल मीडिया में गवाह शौकीन का एक इंटरव्यू चल रहा है.उसने राज्य सरकार, DGP, IG, और SP नूह को अपना ज्ञापन भी भेजा है. उसके अनुसार दुर्घटना के तुरंत बाद ही वारिस, शौकीन व नफीस कार से उतर आये थे जिनको कार के पीछे आकर खड़ी हुई कार के लोगों ने पकड़ कर मारपीट व गाली गलौंच की व तीनों को अपनी बुलेरो में बिठा लिया. बुलेरो सवार लोगो जिन्होंने मारपीट की उनमें 6 लोगों के नाम ( मोनू मानेसर सहित ) बताये गये हैं जो कि वीडियो और फोटोग्राफस में भी दिखाई दे रहे हैं.

अब प्रश्न यह है कि वारिस का लिवर फटा कैसे???

गवाह के अनुसार वारिस को पेट में बटों से पीटा गया. उसको तेज़ पेट दर्द था और उल्टी भी उसको हुई. नामित आरोपियों ने पुलिस को ( जो मारपीट के बाद घटना स्थल पर पहुँची ) से कहा कि अब यह मर जाएगा और जब तक मरेंगे नहीं तब तक सुधरेंगे नहीं. इसके बाद पुलिस वारिस, शौकीन व नफीस को अस्पताल ले गयी और मारपीट करने वाले लोग भी वहां से कहीं चले गये.

क्या दुर्घटना में लिवर फटा ?

लिवर की पोजीशन सीधे फेफड़े के नीचे होती है. वारिस सेंट्रो कार चला रहा था जो दुर्घटना के तुरंत बाद ही ड्राइवर साइड से बाहर निकला, पैदल चला और उठा बैठा. कार में सीधे हाथ पर कोई ऐसी चीज़ नहीं होती जो एक्सीडेंट के बाद वारिस के पेट पर चोट की हो. ऐसी हालत में वारिस की मौत एक्सीडेंट में शरीर के आंतरिक हिस्सों यानि लिवर आयी चोटों से नहीं हो सकती क्यूंकि कि कोई बलन्ट वस्तु थी नहीं. लेकिन बटों से पेट पर इरादतन चोट की गयी जो पुलिस के आने से पहले हुआ और पुलिस ने सही जाँच न करके एक्सीडेंट का केस मान लिया जिससे आरोपियों को लाभ पहुंचा. आरोपियों की मिलीभगत साबित है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आयी चोटों का ख़ुलासा
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Summary of PM report of
Waris Khan S/O Fauja R/O vill Hussainpur PS Nuh
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Date and Time of commencement of Autopsy — 28.1.2023 17.23.

Alleged history of RTA on 28.1.2023 around 5.00 AM near Khori PS Sadar Tauru. Patient referred from CHC Tauru with MLR No DS / Tauru /49/ 2023. Patient came to causality SHKM GMC on 28.1.2023 at 10.30 AM and declared brought dead.

Mouth was opened and no secretion or blood froth were present in mouth, nose, ears, urethra and anus.

( A) Examination of External Injuries :

1. A single reddish colour laceration with irregular margins and ecchymosis on outer margins was present over the chin and it was skin deep with size of 2 × 1 cm, which was 0.5cm left to midline and 12 cm from left tragus.

2. A reddish colour contused abrasion was present over anteromedial aspect of right knee on the upper part of right patella of size 2 × 08 cm.

3 . A reddish colour contused abrasion was present over anteromedial aspect on lower part of right patella of size 1 × 03 cm.

4 . A reddish colour contused abrasion was present over anteromedial aspect on right knee on lower part of right patella inferomedial to injury number 3 of size 3 × 05 cm.

5. A reddish colour contused abrasion was present over anteromedial aspect on lower part of right patella medial to injury number 4 of size 1 × 01 cm.

6. A reddish colour contused abrasion was present over anterolateral aspect on upper part of right patella of size 5 × 05 cm.

7. A reddish colour contused abrasion was present over anterolateral aspect on lower part of right patella of size 05 × 05 cm.

8. A reddish colour contused abrasion was present over anterolateral aspect on lower part of right patella inferolateral to injury number 7 of size 2.5 × 05 cm.

9. A reddish colour contused abrasion was present over anteromedial aspect on lower part of patella of left knee which was size of 2.5 × 05 cm.

10 . An old partially healing wound with brownish colour scab of size 05 cm × 05 cm was present over upper part of patella on left knee.

(B) Examination of Internal Injuries

Stomach and its contents —–

Contained about 50 ml yellow colour mucoid material, Stomach alongwith its contained were preserved and sent for Chemical analysis.

Small intestine and its contained :

Contained mucoid material, Part of it was preserved and sent for Chemical analysis.

Livar and Gall Bladder :

Liver was rupture and lacerated which was present on antero superior aspect of right lobe of size 16 cm × 2 cm and 8 cm deep. Piece of it along with gallbladder was preserved and sent for chemical analysis.

Cause of death : In our opinion cause of death was severe internal bleeding in the abdominal cavity due to rupture of liver due to blunt force injury. However viscera was preserved and sent for chemical analysis.

Probable time :

Between and postmortem examination —– Around 8 hours.

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क़ानून के अनुसार गौ/ गौ वंश की हत्या अवैध और दंडनीय है. हम क़ानून का पूर्ण समर्थन करते हैं. साथ ही याद रखना चाहिए कि मानव हत्या भी घोर अपराध है जिसकी अधिकतम सज़ा मृत्यु दंड है. इस लिए ऐसे मानव हत्या के मामलों की भी गहन विवेचना होनी चाहिए और दोषियों को 302/ 149 IPC के तहत सज़ा मिलनी चाहिए व सबूत मिटाने की धारा 201 IPC के अंतर्गत केस चलना चाहिए व दोषी दण्डित होने चाहिए.

इस केस पर चर्चा जारी रहेगी

लेखक

असद हयात
मानवाधिकार / लीगल एक्टिविस्ट

 

डिस्क्लेमर खबर हक़

इस रिपोर्ट में लेखक के अपने विचार है, खबर हक इनके दावों की पुष्टि नहीं कर्ता।

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