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65 ठगों पर देष भर में 1362 अपराधिक मामले हैं दर्ज, -जेल में ही बीत सकती है ठगों की जिंदगी -देष भर में दर्ज मुकदमों में जमानतियों का पड़ सकता ही टोटा -एक मामले में कम से कम दो जमानतियों की पड़ती है जरूरत

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65 ठगों पर देष भर में 1362 अपराधिक मामले हैं दर्ज,

-जेल में ही बीत सकती है ठगों की जिंदगी

-देष भर में दर्ज मुकदमों में जमानतियों का पड़ सकता ही टोटा

-एक मामले में कम से कम दो जमानतियों की पड़ती है जरूरत

 

यूनुस अलवी

मेवात

मेवात पुलिस ने रिमांड पर लिए 65 ठगों पर देश भर में दर्ज 1362 आपराधिक मामलों का खुलासा किया है। जैसा की नूंह पुलिस कप्तान ने बताया कि देश भर में 28 हजार लोगों के साथ ठगी की गई है अगर वे लोग भी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने आगे आते हैं तो इन मुकदमों की संख्या कई हजार तक पहुंच सकती है। आरोपियों ने ठगी का अपराध देश की 35 राज्य और यूटी इलाकों में किया है। ऐसे में जहां जहां मामले दर्ज हैं या भविष्य में दर्ज होने वाले है। वहां की पुलिस आरोपियों को ट्रांजिट वारंट पर लेकर जाऐगी। जब तक आरोपियों को जमानत नहीं मिलती तब तक आरोपियों को जेल में ही रहना पडेगा। मान लिया जाए अगर अदालत जमानत दे देती हैं तो एक आरोपी को कम से कम दो जमानतियों की जरूरत होगी। आरोपियों के खिलाफ फिलहाल ही दर्ज 1362 मुकदमों की ही बात करें तो एक आरोपी को कम से कम 2714 जमानतियों की जरूरत होगी। जिनका मिलना मुश्किल होगा। ऐसे में अगर अदालत जमानत भी दे देती और और जमानती मुचलका नहीं भरते तो उनको जेल में ही रहना पड़ेगा क्योंकि अदालत में मामला चलने तक आरोपी अदालत में हाजिर रहेगा इस बारे दो आदमियों को जमानत देनी पडती है। अगर किसी कारणवश आरोपी जमानत देने के बाद तारीखों पर नहीं आता तो इसकी जिम्मेदारी जमानतियों पर होती है कि या तो वे आरोपी को हाजिर करें या फिर जमानत के लिए भरे गए मुचलका की राशि अदालत में जमा करें।

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Author: Khabarhaq

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