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Farmers Protest: आंदोलन खत्म होने के लगाए जा रहे थे कयास, तीन मांगों पर फंसा पेच, कल बन सकती है सहमति

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सार

पांच सदस्यीय कमेटी गठित करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को आंदोलन को लेकर अहम बैठक की। बैठक से पहले केंद्र सरकार की ओर से प्रस्ताव आ गया। इससे किसानों का रुख नरम जरूर पड़ा है, लेकिन आंदोलन खत्म करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। प्रस्ताव आने के बाद सिंघु बॉर्डर पर एसकेएम की चार घंटे से ज्यादा समय तक बैठक चली। जिसमें किसानों ने सरकार का प्रस्ताव स्पष्ट न होने की बात कहकर बैठक स्थगित करते हुए बुधवार को फिर से दोपहर दो बजे बैठक करने का निर्णय लिया है।

प्रेस वार्ता करते किसान नेता। – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव के बाद किसानों का रुख नरम हो गया है, जिससे एक बार फिर किसान आंदोलन खत्म होने की संभावना है। हालांकि प्रस्ताव के 3 बिंदुओं पर अभी भी पेच फंसा है। किसान मोर्चा ने इन पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। प्रस्ताव में एमएसपी, मुआवजा, केस वापसी, पराली बिल और बिजली बिल पर बात की गई है। 

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया गृह मंत्रालय की ओर से किसानों के पास लिखित प्रस्ताव आया है। सरकार ने पांच बातों को लेकर प्रस्ताव भेजा है। किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी ने इसपर चर्चा करके एसकेएम के नेताओं के समक्ष रखा। जिसमें सभी नेताओं ने अपने सुझाव दिए। 

किसान मोर्चा द्वारा गठित कमेटी का कहना है कि एमएसपी में किसान प्रतिनिधियों के रूप में केवल संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को ही जोड़ा जाए। इसके अलावा केस वापसी के मामले में सरकार पहले आंदोलन खत्म करने की शर्त वापस ले और आंदोलन खत्म होने से पहले किसानों पर दर्ज सभी केस वापस ले। साथ ही तीसरी मांग यह रखी गई है कि जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को पंजाब की तर्ज पर मुआवजा व नौकरी दी जाए।

कमेटी के सदस्यों ने बताया है कि इन सभी बिंदुओं को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। बुधवार को सरकार का जवाब आने की उम्मीद है। इसके बाद बुधवार को दो बजे फिर से मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें आगे का निर्णय लिया जाएगा। वहीं एसकेएम नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मांगों पर सहमति के बिना आंदोलन वापस नहीं होगा। 

केंद्र सरकार द्वारा किसानों को भेजा गया प्रस्ताव

  • एमएसपी पर कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य होंगे शामिल

केंद्र सरकार ने किसानों को भेजे प्रस्ताव के पहले प्वाइंट में लिखा है कि एमएसपी पर प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री कमेटी बनाने की बात कह चुके हैं। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक शामिल होंगे। इस कमेटी में एसकेएम के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे। 

  • पहले आंदोलन वापसी फिर केस वापसी

केस वपसी के मामले में सरकार ने कहा कि यूपी और हरियाणा सरकार ने केस वापसी पर सहमति दी है। आंदोलन वापस होने के बाद केस वापस हो जाएंगे। किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार से संबंधित और संघ प्रदेश से संबंधित केस भी आंदोलन वापसी के बाद वापस ले लिए जाएंगे।

  • मुआवजे पर सहमति

मुआवजे की मांग पर केंद्र ने कहा कि हरियाणा और यूपी सरकार ने मुआवजा देने पर सहमति दे दी है। पंजाब सरकार पहले ही केस वापसी और मुआवजे की घोषणा कर चुकी है। 

  • पराली जलाना अब अपराध की श्रेणी में नहीं

पराली बिल पर सरकार का कहना है कि सरकार ने पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से पहले ही हटा दिया है। 

  • बिजली बिल संसद में पेश करने से पहले लिए जाएंगे सुझाव

केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में अंतिम प्वाइंट बिजली बिल को लेकर है। इसमें कहा गया है कि बिल संसद में पेश करने से पहले स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लिए जाएंगे।

कल आंदोलन खत्म होने की गारंटी नहीं

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि आंदोलन कल खत्म हो जाएगा। लेकिन सरकार जब तक बची हुई मांगें नहीं मानती है किसान कहीं जाने वाले नहीं है। अगर किसी ने आंदोलन खत्म करने की कह भी दी है तो हम इसका खंडन करते हैं। 

मदद करने वालों पर भी मुकदमे हुए है तो वो भी हों वापस

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसानों पर दर्ज सभी मुकदमो के साथ-साथ किसानों की मदद करने वालों पर दर्ज मुकदमो की वापसी की भी सरकार से मांग की जा रही है। चाहे वह पत्रकार हो, कोई ढाबे वाला हो, एनआरआई हो या किसी अन्य प्रकार से मदद करने वाला। जिसपर भी किसान आंदोलन के कारण गलत मुकदमा बनाया गया है उन सभी की वापसी की मांग है।

विस्तार

सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव के बाद किसानों का रुख नरम हो गया है, जिससे एक बार फिर किसान आंदोलन खत्म होने की संभावना है। हालांकि प्रस्ताव के 3 बिंदुओं पर अभी भी पेच फंसा है। किसान मोर्चा ने इन पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। प्रस्ताव में एमएसपी, मुआवजा, केस वापसी, पराली बिल और बिजली बिल पर बात की गई है।  विज्ञापन

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया गृह मंत्रालय की ओर से किसानों के पास लिखित प्रस्ताव आया है। सरकार ने पांच बातों को लेकर प्रस्ताव भेजा है। किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी ने इसपर चर्चा करके एसकेएम के नेताओं के समक्ष रखा। जिसमें सभी नेताओं ने अपने सुझाव दिए। 

किसान मोर्चा द्वारा गठित कमेटी का कहना है कि एमएसपी में किसान प्रतिनिधियों के रूप में केवल संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को ही जोड़ा जाए। इसके अलावा केस वापसी के मामले में सरकार पहले आंदोलन खत्म करने की शर्त वापस ले और आंदोलन खत्म होने से पहले किसानों पर दर्ज सभी केस वापस ले। साथ ही तीसरी मांग यह रखी गई है कि जान गंवाने वाले किसानों के आश्रितों को पंजाब की तर्ज पर मुआवजा व नौकरी दी जाए।

कमेटी के सदस्यों ने बताया है कि इन सभी बिंदुओं को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। बुधवार को सरकार का जवाब आने की उम्मीद है। इसके बाद बुधवार को दो बजे फिर से मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें आगे का निर्णय लिया जाएगा। वहीं एसकेएम नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मांगों पर सहमति के बिना आंदोलन वापस नहीं होगा। 

केंद्र सरकार द्वारा किसानों को भेजा गया प्रस्ताव

  • एमएसपी पर कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य होंगे शामिल

केंद्र सरकार ने किसानों को भेजे प्रस्ताव के पहले प्वाइंट में लिखा है कि एमएसपी पर प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री कमेटी बनाने की बात कह चुके हैं। इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक शामिल होंगे। इस कमेटी में एसकेएम के प्रतिनिधि भी शामिल रहेंगे। 

  • पहले आंदोलन वापसी फिर केस वापसी

केस वपसी के मामले में सरकार ने कहा कि यूपी और हरियाणा सरकार ने केस वापसी पर सहमति दी है। आंदोलन वापस होने के बाद केस वापस हो जाएंगे। किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार से संबंधित और संघ प्रदेश से संबंधित केस भी आंदोलन वापसी के बाद वापस ले लिए जाएंगे।

  • मुआवजे पर सहमति

मुआवजे की मांग पर केंद्र ने कहा कि हरियाणा और यूपी सरकार ने मुआवजा देने पर सहमति दे दी है। पंजाब सरकार पहले ही केस वापसी और मुआवजे की घोषणा कर चुकी है। 

  • पराली जलाना अब अपराध की श्रेणी में नहीं

पराली बिल पर सरकार का कहना है कि सरकार ने पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से पहले ही हटा दिया है। 

  • बिजली बिल संसद में पेश करने से पहले लिए जाएंगे सुझाव

केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में अंतिम प्वाइंट बिजली बिल को लेकर है। इसमें कहा गया है कि बिल संसद में पेश करने से पहले स्टेकहोल्डर्स से सुझाव लिए जाएंगे।

कल आंदोलन खत्म होने की गारंटी नहीं

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि आंदोलन कल खत्म हो जाएगा। लेकिन सरकार जब तक बची हुई मांगें नहीं मानती है किसान कहीं जाने वाले नहीं है। अगर किसी ने आंदोलन खत्म करने की कह भी दी है तो हम इसका खंडन करते हैं। 

मदद करने वालों पर भी मुकदमे हुए है तो वो भी हों वापस

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि किसानों पर दर्ज सभी मुकदमो के साथ-साथ किसानों की मदद करने वालों पर दर्ज मुकदमो की वापसी की भी सरकार से मांग की जा रही है। चाहे वह पत्रकार हो, कोई ढाबे वाला हो, एनआरआई हो या किसी अन्य प्रकार से मदद करने वाला। जिसपर भी किसान आंदोलन के कारण गलत मुकदमा बनाया गया है उन सभी की वापसी की मांग है।

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