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साइबर ठगी करने वालों की दिनचर्या बदली, ठगों के ठाठ बाट देखकर अन्य युवक भी इस अपराध से जुड़े

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साइबर ठगी करने वालों की दिनचर्या बदली

-महंगे कपडे, रेडबुल कोडिंग और अधिकतर होटलों पर खाते हैं खाना

-साइबर ठगों के ठाठ बाट देखकर अन्य युवक भी इस अपराध से जुड़े

 

यूनुस अलवी

पुन्हाना/मेवात

साइबर ठगी से जुड़े  युवा कोलड्रीग पेप्सी आदि की जगह रेड बुल पीते है। जो करीब 120 से 140 रूपये की आती है। ठग पांच से दस हजार तक के जूते और महंगा से महंगा कपड़ा खुद और परिवार को पहनाते हैं। मंहगी से मंहगी शादी करते है। लडके की शादी में एक दो लाख तो दुलहा की कार पर ऐसे ही फैंक देते है। ऐसे ठगों ने बेहतरीन मकान बना रखे हैं। उनके ठाठ बाट को देखकर दूसरे युवा भी इस अपराध में आए दिन जुड़ते जा रहे हैं। दुखद बात ये ही की इस अश्लील साइबर क्राइम धंधे में 10/12 साल का बच्चा भी जुड़ा हुआ है।

मेवात एक मुस्लिम बहुल इलाका है, जो हरियाणा के पलवल और नूंह जिला, राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिला और उत्तर प्रदेष के मथुरा जिलों में आबाद है। जिसकी करीब 70 लाख की आबादी है। यहां पर शिक्षा का अभाव और रोजगार के संसाधन ने होने के चलते युवा गलत कामों की ओर चल पडे है। ऐसा नहीं है कि यहां के युवा अपराध की दुनिया में अभी जुडे है। दो दशक पहले मेवात के युवाओं ने दूरदराज के लोगों को नकली सोने की ईंटों को असली बताकर लगने से काम शुरू किया था। इस धंधे को आज भी टटलू कहते हैं लेकिन जैसे ही इस टटलू से लोगों को अधिक ठगे जाने लगा तो लोग जागरूक हो गये है। इन अपराधियों के ठगी के चंगुल में कम फंसने लगें। वैसे टटलू गिरोह के खिलाफ हरियाणा और राजस्थान पुलिस ने प्रवेश द्वारों में टटलू और नकली सोने की ईंट बेचने और खरीदने वालों से बचने के लिए चेतावनी बोर्ड लगवाए थे। नकली सोना की ईंट को मालदार लोगों को यह कहकर ठगते थे कि वह मकान बनाने के लिए नींव खोद रहे थे ये ईंट उसमें मिली है। वह गरीब आदमी है बाजार में इसे बैच नहीं सकते। सोने की नकली ईंट को सस्ते में मिलने के कारण लोग ठगी में आ जाते थे।

जब टटलू का धंधा अधिक बदनाम हो गया तो ठगों ने इसे छोड़कर ओलेक्स पर ठगी करने का धंधा षुरू कर दिया। ये ठग ओलेक्स पर किसी वाहन का फोटो डालकर सस्ते में बैचने का झांसा देते और अपने आप को फौजी या कोई बड़ा अधिकारी बताता। जिसकी वजह से लोग उनकी ठगी में आ जाते है। पहले खाते में कुछ पैसे डलवाए जिससे सौदा पक्का हो जाए उसके बाद पीड़ित को मेवात बुलाकर उनसे सारे पैसे, घडी, चैन, एटीएम छीन व मारपीट कर भगा देते है। ऐसी ठगी के शिकार 10 फीसदी ही लोग पुलिस में शिकायत कर पाते थे। मेवात और राजस्थान पुलिस ने इन ओलेक्स की ठगी करने वालों पर जब षिकंजा कसा तो ये ठग साईबर क्राइम और अषलील वीडियों क्राईम के जांल मंे लोगों को फंसाने लगे। ये अषलील वीडियो का साइबर क्राइम इतना बढ़ गया कि अपनी बदनामी के डर से हर कोई सभ्य लोग इन ठगांे के चंगुल में फंसता चला गया।

करीब तीन-चार साल से लोग इस ठगी के धंधे में फंसे हैं बडी बात ये है अषलील ठगी के धंधे से 10 साल के बच्चे से लेकर 70 साल के लोग जुडे हुए। मेवात के करीब 20 गांव और राजस्थान के करीब 70 गांवों के लोग इस धंधे में जुडे है। साइबर ठगों के ठाटबाट देखकर युवाओं के जुडने का मुख्य कारण है।

 

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Author: Khabarhaq

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