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पहले टटलू, फिर ओलेक्स और अब कर रहे हे साइबर दगी,  मेवात के ठगों पर विशेष स्टोरी है 

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पहले टटलू, फिर ओलेक्स और अब कर रहे हे साइबर दगी,  मेवात के ठगों पर विशेष स्टोरी है 

– टटलू (नकली सोने की ईंट) के धंधे जुड़े अनपढ़ मेवाती, अश्लील साइबर क्राइम तक पहुंचे

-मेवात के ठगों को ओलेक्स, टटलू और साइबर अश्लील क्राइम के नाम से पूरा देश जनता है

– इस धंधे को फलता फूलता सरपंच वोट की लालच में और कुछ सरकारी मुलाजिम नोट की लालच में ये सब कुछ चुपचाप देख रहे हे।

 

यूनुस अलवी

मेवात/हरियाणा/ राजस्थान

मेवात एक मुस्लिम बहुल इलाका है, जो हरियाणा के पलवल और नूंह जिला, राजस्थान के अलवर और भरतपुर जिला और उत्तर प्रदेष के मथुरा जिलों में आबाद है। जिसकी करीब 70 लाख की आबादी है। यहां पर शिक्षा का अभाव और रोजगार के संसाधन ने होने के चलते युवा गलत कामों की ओर चल पडे है। ऐसा नहीं है कि यहां के युवा अपराध की दुनिया में अभी जुडे है। दो दशक पहले मेवात के युवाओं ने दूरदराज के लोगों को नकली सोने की ईंटों को असली बताकर ठगने से काम शुरू किया था। इस धंधे को आज भी टटलू कहते हैं लेकिन जैसे ही इस टटलू से लोगों को अधिक ठगे जाने लगा तो लोग जागरूक हो गये है। इन अपराधियों के ठगी के चंगुल में कम फंसने लगें। वैसे टटलू गिरोह के खिलाफ हरियाणा और राजस्थान पुलिस ने प्रवेश द्वारों में टटलू और नकली सोने की ईंट बेचने और खरीदने वालों से बचने के लिए चेतावनी बोर्ड लगवाए थे। नकली सोना की ईंट को मालदार लोगों को यह कहकर ठगते थे कि वह मकान बनाने के लिए नींव खोद रहे थे ये ईंट उसमें मिली है। वह गरीब आदमी है बाजार में इसे बैच नहीं सकते। सोने की नकली ईंट को सस्ते में मिलने के कारण लोग ठगी में आ जाते थे।

जिला नूहं में साइबर फ्रॅाड पर हरियाणा पुलिस का बड़ा एक्शन एक साथ 5000 पुलिसकर्मियों ने 14 गांव में मारी रेड, 125 हैकर गिरफतार, साइबर ठगी में इस्तेमाल हो रहे 65 फर्जी सिम सहित भारी मात्रा में एटीएम, स्मार्टफोन्स, लैपटॉप, आधार काड जब्त

जब टटलू का धंधा अधिक बदनाम हो गया तो ठगों ने इसे छोड़कर ओलेक्स पर ठगी करने का धंधा षुरू कर दिया। ये ठग ओलेक्स पर किसी वाहन का फोटो डालकर सस्ते में बैचने का झांसा देते और अपने आप को फौजी या कोई बड़ा अधिकारी बताता। जिसकी वजह से लोग उनकी ठगी में आ जाते है। पहले खाते में कुछ पैसे डलवाते जिससे सौदा पक्का हो जाए उसके बाद पीड़ित को मेवात बुलाकर उनसे सारे पैसे, घडी, चैन, एटीएम छीन व मारपीट कर भगा देते है। ऐसी ठगी के शिकार 10 फीसदी ही लोग पुलिस में शिकायत कर पाते थे। मेवात और राजस्थान पुलिस ने इन ओलेक्स की ठगी करने वालों पर जब षिकंजा कसा तो ये ठग साईबर क्राइम और अषलील वीडियों क्राईम के जांल में लोगों को फंसाने लगे। ये अषलील वीडियो का साइबर क्राइम इतना बढ़ गया कि अपनी बदनामी के डर से हर कोई सभ्य लोग इन ठगांे के चंगुल में फंसता चला गया।

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करीब तीन-चार साल से मेवात के लोग इस ठगी के धंधे में फंसे हैं, बडी बात ये है की इस अषलील ठगी साइबर क्राइम के धंधे से 10 साल के बच्चे से लेकर 70 साल के लोग जुडे हुए। 70 साल का दादा अपने पोते को ठगी सिखाता है और बोलता है बेटा इनसे बोलो इसे करो, वैसे करो, ऐसे की6 वीडियो भी वायरल हुई है। जिनमे इस्तरह कहा गया हे।

मेवात के करीब 20 गांव और राजस्थान के करीब 70 गांवों के लोग इस धंधे में जुडे है। साइबर ठगों के ठाटबाट देखकर युवाओं के जुडने का मुख्य कारण है।

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इस ठगी के जुड़े युवा कोलड्रीग पेप्सी आदि की जगह रेड बुल पीते है। एक रेडबूल की केन करीब 120 से 140 रूपये की आती है। ठग पांच से दस हजार तक के जूते और महंगा से महंगा कपड़ा खुद और परिवार को पहनाते हैं। मंहगी से मंहगी शादी करते है। लडके की शादी में एक दो लाख रुपए तो दुलहा की कार पर ऐसे ही फैंक देते है। ऐसे ठगों ने बेहतरीन मकान बना रखे हैं। उनके ठाठ बाटों को देखकर दूसरे युवा भी इनसे मुतास्सिर होकर इस अपराध में आए दिन जुड़ते जा रहे हैं।

ये एक ऐसा अपराध है जो रात के अंधेरे और बंद कमरे में आसानी से किया जा सकता है। जो गांव इस धंधे से जुड़े उन गावो के पूरी रात भर रौनक रहती है। अपने पकड़े जाने के दर से ये ठग झुंड के झुंड में अपने गांव से बाहर जंगल में बैठकर अपना धंधा चलाते है। इन ठगों के लिए जंगल में ही होटल खोल रखी हे। जहा ये ठग देशी मुर्गा, तीतर, बटेर से कम नहीं खाते।

ऐसा नहीं ही पुलिस को इन ठिकानों की पता नही हे। क्योंकि मेवात के हर गांव में पुलिस के मुकबीर है। इंन ठगो की एक दो साल में ही जिंदगी बदल जाती है। जो दो साल पहले एक साइकल तक खरीदने की औकात नही रखता था आज वह बुलेट मोटरसाइकल पर घूम रहा है अच्छा मकान बना रहा है। किया इस बारे में सरकार की पुलिस, सीआईडी और गांव के सरपंचों को पता नही हे की ये पैसा आ कहा से रहा है। अगर जल्दी ही सरकार ने इसे ठगो के घरों पर बुलडोजर नही चलाया तो ये क्राइम रुकने का नाम नहीं लेगा। इस धंधे को फलता फूलता सरपंच वोट की लालच में और कुछ सरकारी मुलाजिम नोट की लालच में ये सब कुछ चुपचाप देख रहे हे।

 

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Author: Khabarhaq

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