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दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने 10 साल के कारावास व 20 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

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दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने 10 साल के कारावास व 20 हजार रुपये का लगाया जुर्माना

 

जुर्माना न भरने पर दोषी को 06 महिने अतिरिक्त कारावास काटनी होगी

 

यूनुस अल्वी

नूंह,

दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने 10 साल के कारावास व 20 हजार रुपये के जुर्माना

की सजा सुनाई है साथ ही जुर्माना न भरने पर दोषी को 06 महिने अतिरिक्त कारावास काटनी के भी आदेश दिए हैं।

फैसला नूंह के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नरेन्द्र पाल की अदालत ने सुनाया है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक नूंह ने जिला नूंह के सभी प्रबंधक थाना, चौकी इंचार्ज व अनुसंधानकर्ताओं को विशेष निर्देश दिए हैं कि महिला विरुद्ध अपराध व पोक्सो एक्ट के तहत शिकायत का बिना किसी विलंब के शिकायत के आधार पर अभियोग अंकित करें साथ ही महत्वपूर्ण साक्ष्य व तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर प्रभावी पुलिस कार्यवाही करते हुए माननीय न्यायालय में आरोपी को दंड व पीड़ित को न्याय दिलाने का कार्य करें । इन निर्देशों की पालना के परिणाम स्वरूप नूंह पुलिस द्वारा की गई उत्कृष्ट पैरवी पर पुन्हाना थाना के अन्तर्गत एक गांव की पीड़ित नाबालिक के साथ दुष्कर्म करने के मामले में जिला भरतपुर (राजस्थान) क्षेत्र के अन्तर्गत रहने वाले एक गांव के आरोपी को माननीय श्री नरेन्द्र पाल स्पेशल कोर्ट/अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट पोक्सो नूंह की अदालत ने दोषी करार देते हुए पोक्सो एक्ट के तहत 10 वर्ष कारावास की सजा व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है । जुर्माना राशि नहीं भरने पर आरोपी को 06 महिने अतिरिक्त कारावास की सजा काटनी पड़ेगी ।

मामलें के अनुसार जिला नूंह के थाना पुन्हाना के अंतर्गत एक गांव में वर्ष 2021 में एक नाबालिक पीडित के साथ दुष्कर्म करने के मामलें में पीडिता के परिजन ने जिला नूंह के पुन्हाना थाना में एक शिकायत दर्ज करवाई थी । जिसमें आरोपी के द्वारा पीडिता के साथ जबरन दुष्कर्म करने के आरोप थे । इस संबंध में जिला नूंह पुलिस ने अविलम्ब अभियोग संबन्धित धाराओं के तहत पंजीबद्ध किया था । मामलें की सुनवाई माननीय न्यायालय में हुई । सुनवाई के दौरान माननीय न्यायालय ने मामलें को बहुत ही संगीन माना और जांच इकाई की उत्कृष्ट पैरवी एवं प्रॉसीक्यूशन द्वारा पेश की गई मजबूत दलीलों से दोषियों की सजा में कोई नरमी नहीं बरती ।

 

मामले में नूंह पुलिस के द्वारा बिना किसी विलंब के अभियोग अंकित किया गया । इसके बाद पीड़ित के माननीय मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए गए तथा जांच इकाई के द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्यों का आकलन कर अभियोग में प्रभावी कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के सम्मुख पेश किया गया था । जो माननीय न्यायालय ने अभियोग में सुनवाई करते हुए आरोपी को उक्त मामलें में उपरोक्त सजा के आदेश पारित किए ।

 

 

 

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