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• मेवात के हिंदू मुस्लिम भाईचारा को कायम रखने को मदन तंवर रख रहा है 30 रोज़े 

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• मेवात के हिंदू मुस्लिम भाईचारा को कायम रखने को मदन तंवर रख रहा है 30 रोज़े 
• मदन ने मंगलवार को अपना सातवां रोजा पूरा किया
•  मदन तंवर को कुछ लोग मोहम्मद मदन तंवर कहकर बुलाते हैं
• 2022 से रमजान माह में जुमा के रोजे रखने की थी शुरुआत
फोटो मदन तंवर
यूनुस अलवी
नूंह/मेवात
हरियाणा के नूंह शहर के मदन तंवर ने मेवात के हिंदू मुस्लिम भाई चारा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से रमजान माह के पूरे 30 रोजे रखने की शुरुआत की है। मदन तंवर की इस शुरुआत की मेवात के दोनो समुदाय के लोगो ने जमकर तारीफ की है। रमजान माह में रोजे रखने की शुरुआत मदन तंवर ने 2022 में  जुमा के रोजे रखने से की थी। मदन तंवर ने इस साल रमजान माह के सभी 30 रोजे रखने की शुरुआत कर दी है। मंगलवार यानी 18 मार्च को आज उनका सातवां रोजा था।
 मदन तंवर ने *देश रोजाना* से खास बातचीत में बताया कि मेवात को बदनाम करने के लिए कई राजनीतिक पार्टी और मीडिया संगठन अपनी कोशिश करते रहते हैं इसी को लेकर उन्होंने 2022 में रमजान माह के जुमा जुमा के रोजे रखकर मेवात के हिंदू मुस्लिम भाईचारे की शुरुआत की थी और 2023 में भी उसने जुमा जुमा के रोजे रखे थे लेकिन इस बार 31 जुलाई को जो नूंह हिंसा हुई उसने उनको ज्यादा झकझोर करके रख दिया जिसके चलते उसने इस साल 2024 में रमजान माह के पूरे 30 रोजे रखने की शुरुआत की है।
   मदन तंवर का कहना है कि रमजान माह के रोजे रखने में उनका परिवार उनके साथ है उनके रिश्तेदार भी अधिकतर साथ है लेकिन कुछ लोगों को मेरा रोजा रखना पसंद नहीं है बहुत से लोग उसे मोहम्मद मदन तंवर के नाम से पुकारते हैं। जब वे मोहम्मद मदन तंवर कह कर उसे पुकारते हैं उन्हें बहुत अच्छा लगता है क्योंकि उनका नाम किसी ऐसे शख्स के साथ जोड़ा जाता है जो दुनिया के लिए एक मिसाल है और एक पैगंबर है।
मदन तंवर ने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि हमें एक दूसरे के धर्म की इज्जत करनी चाहिए ना कि एक दूसरे धर्म की नफरत बल्कि हर धर्म अच्छाई का रास्ता दिखाता है और भलाई सीखाता है इसलिए हम सबको मोहब्बत के साथ रहना चाहिए और मोहब्बत की बातें करनी चाहिए। मदन तंवर ने कहा कि 2 साल पहले नूह जिला में एक इस्लामी धार्मिक जलसा हुआ था। जिसमें उसने तीन दिन तक मोहब्बत की दुकान के नाम से एक चाय की दुकान खोली थी जिस पर उसने मुफ्त में सभी लोगों को चाय पिलाई थी।
 मदन तंवर का कहना है कि मेवात जैसा हिंदू मुस्लिम का भाईचारा पूरी दुनिया में नहीं है। यहां पर सभी धर्म के लोग बड़े प्यार और मोहब्बत से रहते हैं। हिंदू मुस्लिम समाज के लोग यह दूसरे की शादीयों और त्योहारों में बढ़कर बढ़कर हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मेवात में हिंदू मुस्लिम का बीज बोया है उससे वे खुद परेशान है क्योंकि मेवात की हिंदू समाज की बेटियों  और बेटों को कहीं रिश्ता भी नही मिल रहे है। जिससे बड़ी परेशानी हो रही है। जबकि मेवात जैसा इलाका पूरी दुनिया में मौजूद नहीं है। यहां सभी धर्म के लोग एक दूसरे की इज्जत करते हैं।
  मदन तंवर का कहना है कि वह रोजा रखकर अच्छा महसूस कर रहे हैं। उसकी सेहत को भी काफी फायदा है। वह अपने आप को रोजा रखकर हल्का-फुल्का महसूस कर रहा है। मंगलवार को उसके सात रोजे पूरे हो गए लेकिन उसे किसी भी तरह से कोई परेशानी नहीं हुई है। नफरतबाजो के मुंह पर उनका एक तमाचा है, जो जाती धर्म देखकर लोगो के साथ व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा है कि रोजा किसी एक मुस्लिम धर्म का नहीं है बल्कि इसको सभी धर्म के लोगों को रखना चाहिए क्योंकि ये सेहत के लिए बहुत फायदा बंद है। रोजा रखने के बारे में डॉक्टर भी सलाह देते हैं। रोजा रखने से सेहत को काफी फायदा मिलता है।
 मदन तंवर का कहना है कि शहरी और इफ्तीयार का टाइम टेबल उसने ऑनलाइन निकाला है। उसके तहत वह शहरी और इफ्तियाएं करते हैं। अक्सर मुस्लिम समाज के लोग सहरी रखने और इफ्तार के लिए उन्हें दावत पर बुलाते हैं। उनके साथ वह रोजा इफ्तार और सहरी कर अच्छा महसूस करता हैं!
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Author: Khabarhaq

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