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मनरेगा घोटाले में आठ कर्मचारी और अधिकारी बर्खास्त, इससे पहले सभी पर मुकदमा दर्ज हो चुका है – 12 मार्च को स्वेच्छा से इस्तीफा देने वालों पर हुई कार्रवाई

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मनरेगा घोटाले में आठ कर्मचारी और अधिकारी बर्खास्त, इससे पहले सभी पर मुकदमा दर्ज हो चुका है
– 12 मार्च को स्वेच्छा से इस्तीफा देने वालों पर हुई कार्रवाई
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पलवल, 30 मई 2022
पलवल मनरेगा घोटाले में सरकार ने एक बार बड़ी कारवाई की है। मनरेगा घोटाले की जांच शुरू होते ही बीती 12 मार्च को स्वेच्छा से इस्तीफा देने वाले आठ कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। बर्खास्त किए गए कर्मचारियों में चार बीपीओ और चार अस्सिटेंट अकाउंटेंट शामिल हैं। इन कर्मचारियों को मनरेगा योजना के आयुक्त ने बर्खास्त करने के निर्देश जारी किए हैं। सीईओ जिला परिषद मनीषा शर्मा के हवाले से बताया गया है कि एबीपीओ आनंद मलिक, मनोज कुमार, तालिब हुसैन और संजीत कुमार के नाम शामिल हैं। असिस्टेंट अकाउंटेट संतराम, जीतराम, कपिल कुमार, महेश कुमार को भी बर्खास्त किया गया है।
कोरोना काल में मनरेगा योजना के तहत दो साल में करीब 52 करोड़ रुपये कार्यों के नाम पर निकाले गए, परंतु गांवों में काम नहीं हुए। ग्रामीणों की तरफ से शिकायतों की जांच की गई तो चौकाने वाले खुलासे हुए। गांवों में मनरेगा के तहत कराए गए कार्य नहीं पाए गए। मनरेगा लोकपाल पंकज शर्मा की जांच में भी कार्यों में अनियमितताएं पाई तो मुख्यमंत्री ने मामले का संज्ञान लिया और चंडीगढ़ से विजिलेंस जांच के पलवल भेजी गई। विजिलेंस की जांच के बाद घोटाले को लेकर डीडीपीओ, बीडीपीओ, एबीपीओ, एसडीओ, जेई, अकाउंटेंट व ग्राम सचिवों के खिलाफ अलग-अलग पुलिस थानों में धोखाधड़ी व अमानत में खयानत के केस दर्ज करवाए गए हैं। पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्तीय विभाग के मुख्य सचिव ने मनरेगा घोटाले में अनियमितताओं को लेकर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जिला विजिलेंस कमेटी के अध्यक्ष व एडीसी उत्तम सिंह को दिए थे।
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सोमवार को भी लघु सचिवालय में चलती रही जांच
लघु सचिवालय स्थित पंचायत विभाग के कार्यालय में दिन भर मनरेगा घोटाले से जुड़े दस्तावेजों की जांच होती रही। पंचायत विभाग के संयुक्त निदेशक ने जांच की तो घोटाले से जुड़े रिकॉर्ड गायब पाए गए। मनरेगा कार्यों को लेकर ग्राम पंचायतों के प्रस्ताव और मेजरमेंट बुक(एमबी) नहीं पाई गई। इनके अलावा कई अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर होने की भी बात कही गई हैं। बिलों पर भी सरपंच और सचिवों के इस्ताक्षर नहीं पाए गए हैं।
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पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा है कि मनरेगा घोटाले से जुड़े आठ कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। मामले में शामिल सभी अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिनके नाम एफआईआर में दर्ज हैं, उन्हें बर्खास्त करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। रिकवरी के लिए भी नोटिस जारी किए जाएंगे।
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