बेटी को शिक्षा, सेहत व प्यार देना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी :- उपायुक्त
– कन्या भ्रूण हत्या से रूक जाएगी समाज की गति
– सामाजिक कुरीति पर अंकुश लगाने हेतु सरकार प्रतिबद्घ
– लिंग चयन और प्रसव लिंग परीक्षण दण्डनीय अपराध
– सूचना देने वाले को दिया जाता है एक लाख रूपये का नकद पुरूस्कार
– पिछले पांच वर्षों में जिला में लगभग लाखों रूपये की इनाम राशि वितरित
ख़बर हक़
नूंह, 16 जनवरी :
उपायुक्त अजय कुमार ने कहा है कि बेटी अनमोल है, उसे शिक्षा, सेहत और पूरा प्यार देना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि बेटी जन्मदात्री ही नहीं चरित्र निर्मात्री भी है। एक शिक्षित बेटी पूरे परिवार को नई दिशा, रोशनी व नया परिवेश देती है। संतान का उचित मार्गदर्शन, अमृत व विष का अन्तर, सदाचार का पाठ पढ़ा जीवन सु-यश-सफल व उत्तम बना सकती है।
उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या से समाज की गति रूक जाएगी। अत: इसे रोकना आवश्यक ही नहीं हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि गर्भधारण पूर्व और प्रसूति पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994 व नियम 1996 के तहत गर्भधारण पूर्व लिंग चयन व प्रसव लिंग परीक्षण एक दंडनीय अपराध है। आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान इस सामाजिक कुरीति पर पूर्ण अंकुश लगाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार द्वारा भ्रूण हत्या करने वाले अथवा करवाने वालों को अगर कोई व्यक्ति गुप्त सूचना के आधार पर पकड़ जाता है तो उसे एक लाख रुपये का नगद पुरस्कार दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि सूचना के आधार पर संबंधित ठिकानों पर टीम द्वारा रेड की जाती है और रेड सफल होने पर सूचना देने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये की राशि इनाम के रूप में दी जाती है। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। उन्होंने बताया कि अधिनियम के तहत पहली बार अपराध करने पर संबंधित चिकित्सक अथवा क्लीनिक के मालिक पर 3 वर्ष की कैद और 10 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार दूसरी बार अपराध करने पर 5 वर्ष तक की कैद और 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि आरोप साबित होने पर चिकित्सक का चिकित्सा पंजीकरण निलंबित कर दिया जाता है।
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